Kannauj । शहर के कलेक्ट्रेट परिसर माध्यमिक वित्तविहीन शिक्षक संघ के लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के शिक्षक अपने कई वर्षों से लंबित मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे। प्रदर्शनकारियों ने डीएम कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञापन सौंपा और कहा कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान जल्द नहीं हुआ, तो वह आंदोलन तेज करेंगे।
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संघ के अध्यक्ष ने बताया कि शिक्षकों ने मुख्य रूप से तीन बड़े मुद्दे अपने ज्ञापन में उठाए हैं। पहला मुद्दा है ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन हाजिरी को लेकर। उन्होंने बताया कि कई गांवों और छोटे कस्बों में इंटरनेट कनेक्शन बहुत कमजोर है। ऐसे में शासन द्वारा ऑनलाइन हाजिरी लगाने का आदेश शिक्षकों के लिए बहुत मुश्किल पैदा कर रहा है। इसलिये उन्होंने मांग की है कि इस आदेश को तुरंत निरस्त किया जाए।
दूसरा मुद्दा मानदेय का है। संघ के लोगों का कहना है कि वित्तविहीन शिक्षक वर्षों से मेहनत कर रहे हैं, लेकिन उन्हें सम्मानजनक वेतन नहीं मिलता। कई बार शिक्षकों को अपनी जरूरतों के लिए अपने निजी खर्च से ही काम चलाना पड़ता है। उन्होंने साफ कहा कि उन्हें अपना वेतन बढ़ाकर सम्मानजनक स्तर पर लाने की व्यवस्था की जाए।
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तीसरा और सबसे अहम मुद्दा सेवा नियमावली से जुड़ा है। संघ ने जोर देकर कहा कि वित्तविहीन शिक्षकों के लिए स्पष्ट सेवा नियमावली बनाई जाए। इसमें उनके पदोन्नति, छुट्टियों, बीमारियों की छुट्टी और अन्य सेवा शर्तों को स्पष्ट रूप से लिखा जाए। इस नियमावली के बिना शिक्षक भविष्य को लेकर असुरक्षित महसूस करते हैं।
प्रदर्शन में आए शिक्षक वर्ग ने कहा कि वे कई बार प्रशासन से मिलकर अपनी समस्याओं को उजागर कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो वित्तविहीन शिक्षक सड़कों पर आंदोलन तेज करेंगे। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य सिर्फ अपनी समस्याओं का समाधान करना है, ताकि बच्चों की पढ़ाई भी बाधित न हो।
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प्रदर्शन में शामिल एक वरिष्ठ शिक्षक ने बताया, “हम ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में बच्चों को पढ़ाने आते हैं। इंटरनेट की समस्या और कम वेतन के कारण हमारा मनोबल गिर रहा है। सरकार हमारी बातों पर ध्यान दे और हमारी मांगों को मानें।”
कलेक्ट्रेट परिसर में शिक्षकों का यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण था। उन्होंने नारों के माध्यम से अपनी आवाज बुलंद की और डीएम को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों को लिखित रूप में प्रस्तुत किया। प्रशासन ने शिक्षकों को आश्वासन दिया कि उनकी बातों को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा और जल्द समाधान खोजने की कोशिश की जाएगी।
कुल मिलाकर, कन्नौज के वित्तविहीन शिक्षक अपने हक और सम्मान के लिए अब और इंतजार नहीं करेंगे। उनका कहना है कि उनकी समस्याओं को नजरअंदाज करना सही नहीं होगा। अगर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन का अगला चरण तेज और व्यापक होगा।
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