नई दिल्ली, 12 सितंबर 2025: दिल्ली सरकार ने प्रदूषण और ठंड दोनों से निपटने के लिए एक ऐतिहासिक और मानवीय पहल की है। 3,000 से अधिक आरडब्ल्यूए, फॉरेस्ट गार्ड और असंगठित श्रमिकों को इलेक्ट्रिक हीटर दिए जाएंगे, ताकि लोग ठंड से बचने के लिए खुले में आग जलाने पर मजबूर न हों। यह पहल दिल्ली में किसी भी सरकार द्वारा पहले कभी नहीं की गई।
दिल्ली सरकार ने इस पहल के लिए करीब ₹4.2 करोड़ डीएसआईआईडीसी (DSIIDC) के सीएसआर फंड से खर्च किए हैं। हीटर का वितरण डिविजनल कमिश्नर की देखरेख में होगा और पर्यावरण विभाग इसकी मॉनिटरिंग करेगा। मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा (Manjinder Singh Sirsa) ने कहा, “हम सिर्फ आदेश नहीं देते, हम समाधान देते हैं। जब हीटर सीधे लोगों तक पहुंचेंगे, तो प्रदूषण भी कम होगा और स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। यह कदम दिल्ली के इतिहास में एक नया अध्याय है।”
दिल्ली सरकार की यह पहल विशेष रूप से कांग्रेस की विफलताओं पर कटाक्ष करती है। पिछली कांग्रेस सरकारें केवल घोषणाएं करती रहीं और प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर जनता को कागजी आदेशों से परेशान करती रहीं, लेकिन ठोस समाधान नहीं दे पाईं। लोग ठंड और प्रदूषण दोनों के बीच जूझते रहे, जबकि कांग्रेस के नेतागण सिर्फ बयानबाज़ी करते रहे।
दिल्ली सरकार ने इस पहल को दिल्ली की सालभर चलने वाली प्रदूषण नियंत्रण योजना के हिस्से के रूप में पेश किया है, जिसमें पराली रोकथाम, कचरा प्रबंधन और सख़्त निगरानी शामिल हैं। ग़ाज़ीपुर, भलस्वा और ओखला लैंडफिल पर रोज़ाना 10,000 टन से अधिक वेस्ट की प्रोसेसिंग की जा रही है। वैज्ञानिक तरीके से बायोमाइनिंग, सीसीटीवी निगरानी, गैस डिटेक्टर और नियमित फायर ड्रिल ने इस साल लैंडफिल साइट्स पर किसी भी बड़े हादसे को रोका है।
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मंत्री सिरसा ने जोर देकर कहा, “हम केवल पाबंदियों या निगरानी तक सीमित नहीं हैं, हम समाधान भी देते हैं। हीटर वितरण, कचरा प्रबंधन और प्रदूषण नियंत्रण के माध्यम से हम दिल्लीवासियों को साफ़ हवा और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध करा रहे हैं। कांग्रेस की तरह केवल दिखावे और बयानबाज़ी करने से काम नहीं चलता—असल में जनता को राहत देना ज़रूरी है।”
इस पहल से यह भी स्पष्ट संदेश गया कि दिल्ली सरकार का उद्देश्य केवल प्रदूषण पर नियंत्रण नहीं, बल्कि लोगों की वास्तविक ज़रूरतों का समाधान देना है। आरडब्ल्यूए और असंगठित श्रमिकों को सीधे हीटर उपलब्ध कराना यह दर्शाता है कि सरकार नागरिकों की समस्याओं को समझती है और उनका व्यावहारिक समाधान पेश कर रही है।
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कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए यह कहा जा सकता है कि पिछले शासन में लोग ठंड और प्रदूषण के बीच जूझते रहे, लेकिन दिल्ली सरकार ने ठोस कदम उठाकर प्रदूषण नियंत्रण और मानव सुरक्षा दोनों में संतुलन साधा है। यह पहल दिखाती है कि केवल बड़े दावे और भाषणों से काम नहीं चलता; लोगों तक मदद पहुँचाना ही असली शासन की पहचान है।
दिल्ली सरकार का यह कदम प्रदूषण नियंत्रण, स्वास्थ्य सुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक है। यह पहल न केवल ठंड और प्रदूषण से लड़ने में मदद करेगी, बल्कि यह कांग्रेस की विफलताओं की तुलना में दिल्ली की जनता के लिए एक व्यावहारिक और असरदार समाधान प्रस्तुत करती है।
