Russian House Delhi Event: दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय क्रिस्टल कम्पास अवार्ड समारोह में विज्ञान और भूगोल के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले प्रोफेसर सुरेश चंद राय को सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम रूस के प्रतिनिधित्व में “Russian House” में आयोजित किया गया, जिसमें कई प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति और विशेषज्ञ उपस्थित थे।
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प्रमुख अतिथि और गणमान्य व्यक्ति
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में Ivan Chaika, क्रिस्टल कम्पास अवार्ड के संस्थापक, उपस्थित थे। इस अवार्ड समारोह में प्रोफेसर राय, जो कि एसोसिएशन ऑफ़ इंडियन जियोग्राफ़र्स के प्रमुख हैं और पिछले वर्ष के अवार्ड विजेता भी रह चुके हैं, ने भी भाग लिया।
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साथ ही, इस वर्ष का अवार्ड विजेता प्रोफेसर Riadav, जो कि इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस के प्रमुख हैं, इस समारोह में सम्मानित किए गए। समारोह में डॉक्टर अली अलदोसारिया, सऊदी अरब की भौगोलिक सोसाइटी के प्रमुख और अतिथि विशिष्ट व्यक्ति के रूप में मौजूद रहे।
अवार्ड का उद्देश्य और महत्व
क्रिस्टल कम्पास अवार्ड का उद्देश्य भूगोल, संरक्षण और वैज्ञानिक शोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को पहचान देना है। इस वर्ष के समारोह में विशेष रूप से Center of Amur Tigers और International Big Cat Alliance के बीच सहयोग को भी सम्मानित किया गया। यह सहयोग हाल ही में व्लादिवोस्तोक में आयोजित ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में भी प्रमुख रूप से उजागर किया गया था।
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अवार्ड के संस्थापक Ivan Chaika ने अपने संबोधन में कहा कि यह अवार्ड न केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों को मान्यता देता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण और भौगोलिक शोध को भी प्रोत्साहित करता है।
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प्रोफेसर सुरेश चंद राय का योगदान
प्रोफेसर सुरेश चंद राय ने भारतीय भूगोल और संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उनका नेतृत्व एसोसिएशन ऑफ़ इंडियन जियोग्राफ़र्स में वर्षों से लगातार जारी है और उन्होंने कई शोध प्रोजेक्ट्स के माध्यम से भौगोलिक अध्ययन को नया आयाम दिया है।
इस अवसर पर प्रोफेसर राय ने अपने संबोधन में कहा कि “भूगोल सिर्फ मानचित्र और डेटा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज, पर्यावरण और भविष्य की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस अवार्ड से मुझे और मेरे सहयोगियों को प्रेरणा मिली है कि हम और अधिक समर्पित होकर शोध और संरक्षण कार्य करें।”
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इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस और संरक्षण प्रयास
इस साल का दूसरा मुख्य आकर्षण था प्रोफेसर Riadav का सम्मान। वे इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस के प्रमुख हैं और इनकी पहलकदमी में एशिया और यूरोप के बाघों और अन्य बड़ी बिल्ली प्रजातियों के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
समारोह में उनकी उपलब्धियों को उजागर किया गया और उनके संगठन द्वारा किए गए सहयोगी प्रयास को भी सराहा गया। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने अमुर टाइगर्स के संरक्षण और उनके प्राकृतिक आवास की सुरक्षा के लिए सटीक योजनाएं बनाई हैं।
सऊदी अरब में अवार्ड का विस्तार
डॉ. अली अलदोसारिया ने अपने भाषण में कहा कि अगले वर्ष इस अवार्ड का विस्तार सऊदी अरब में किया जाएगा। इसका उद्देश्य वहां के भूगोल और संरक्षण के क्षेत्र में सक्रिय विशेषज्ञों और संस्थाओं को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान देना है।
उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक सहयोग और नेटवर्किंग से न केवल वैज्ञानिक शोध में वृद्धि होगी, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।
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समारोह की विशेष झलकियां
समारोह के दौरान उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने विभिन्न प्रस्तुतियां और दृश्य (Visuals) साझा किए। इसमें पिछले साल के अवार्ड विजेता, इस वर्ष के विजेता और अन्य विशेषज्ञों द्वारा किए गए पर्यावरणीय और भौगोलिक शोध कार्यों को दर्शाया गया।
इस अवसर पर प्रोफेसर राय ने भी अपने शोध प्रोजेक्ट्स और संरक्षण पहलकदमियों की जानकारी साझा की। साथ ही, Ivan Chaika ने अवार्ड की महत्ता और इसके वैश्विक प्रभाव पर प्रकाश डाला।
समापन और संदेश
कार्यक्रम का समापन इस बात के संदेश के साथ हुआ कि वैज्ञानिक शोध और संरक्षण कार्य केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि समाज और पर्यावरण के लिए भी जिम्मेदारी है। इस अवार्ड के माध्यम से शोधकर्ताओं और संस्थाओं को वैश्विक मंच पर सम्मान और प्रोत्साहन मिलता है।
अंत में, प्रोफेसर Rai और प्रोफेसर Riadav ने अपने धन्यवाद भाषण में कहा कि यह सम्मान उनके समर्पित कार्यों और सहयोगी प्रयासों को मान्यता देने का प्रतीक है।
राष्ट्रीय क्रिस्टल कम्पास अवार्ड समारोह ने विज्ञान, भूगोल और संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को मान्यता दी। इस अवसर ने वैश्विक सहयोग, शोध और संरक्षण के महत्व को उजागर किया और भविष्य के लिए एक प्रेरणा के रूप में कार्य किया।
इस समारोह ने यह संदेश दिया कि भूगोल और संरक्षण केवल अध्ययन का विषय नहीं, बल्कि वैश्विक जिम्मेदारी और समाज की भलाई के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
