Bhavnagar (Gujarat): गुजरात के भवनगर में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान कई मुद्दों पर बोलते हुए उन्होंने आत्मनिर्भर भारत, स्थानीय विकास और वैश्विक स्तर पर भारत की बढ़ती ताकत पर जोर दिया। लेकिन इस रैली का सबसे भावनात्मक पल तब सामने आया जब एक छोटे बच्चे ने मंच तक अपनी बनाई हुई पेंटिंग पहुंचाने की कोशिश की।
बच्चा रो पड़ा, सुरक्षा अधिकारियों ने संभाला
सभा के बीचोंबीच जब प्रधानमंत्री भाषण दे रहे थे, तभी दर्शकदीर्घा में बैठा एक बच्चा अपनी गोद में संभालकर लाई हुई पेंटिंग दिखाने लगा। बच्चा बेहद उत्साहित था और बार-बार सुरक्षा कर्मियों से मंच तक जाने की अनुमति मांग रहा था। लेकिन सुरक्षा कारणों से उसे मंच तक नहीं जाने दिया गया। इसी बीच बच्चा भावुक होकर रो पड़ा।

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प्रधानमंत्री मोदी की नज़र जैसे ही उस बच्चे पर पड़ी, उन्होंने तुरंत सुरक्षा अधिकारियों को संकेत करते हुए कहा— “वह जो बच्चा पेंटिंग लेकर आया है, कृपया उसका चित्र मेरे पास ले आइए।”
मोदी ने जताई बच्चों के प्रति संवेदनशीलता
सुरक्षा अधिकारी जब पेंटिंग लेने पहुंचे तो बच्चा और ज्यादा भावुक हो गया। सुरक्षा कर्मियों ने बड़े स्नेह से बच्चे को संभाला और उसकी बनाई पेंटिंग प्रधानमंत्री तक पहुंचाई। पेंटिंग को हाथ में लेते ही पीएम मोदी ने मुस्कुराते हुए मंच से कहा—
“ये बच्चों का प्यार ही है जो हमें ऊर्जा देता है। मैं इस उपहार को अपने पास सहेज कर रखूंगा।” सभा में मौजूद लोग इस दृश्य से भावुक हो उठे और तालियों की गड़गड़ाहट से माहौल गूंज उठा।
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विकास और आत्मनिर्भर भारत पर जोर
अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अब विदेशी निर्भरता से मुक्त होकर आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि “गुजरात की धरती ने हमेशा देश को दिशा दी है। हम सबको मिलकर भारत को इतना मजबूत बनाना है कि आने वाली पीढ़ियाँ गर्व कर सकें।”
उन्होंने स्थानीय उद्योग, मत्स्य पालन, बंदरगाह विकास और पर्यावरण संतुलन जैसे मुद्दों पर भी अपनी बात रखी। मोदी ने कहा कि भारत की ताकत उसके नागरिकों और युवाओं में छिपी है, और बच्चों का उत्साह देखकर वे आश्वस्त हैं कि देश का भविष्य उज्ज्वल है।
जनता का भावनात्मक जुड़ाव
सभा में हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे। मोदी जैसे ही उस बच्चे की पेंटिंग की चर्चा करने लगे, भीड़ भावनाओं में डूब गई। लोग लगातार मोदी-मोदी के नारे लगाने लगे। कई लोग इस दृश्य को अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड करते दिखे।
भवनगर की यह रैली केवल राजनीतिक संदेशों के लिए ही यादगार नहीं रही, बल्कि उस छोटे बच्चे की मासूम भावनाओं और प्रधानमंत्री मोदी की संवेदनशील प्रतिक्रिया ने इसे विशेष बना दिया। यह घटना साबित करती है कि राजनीति और जनसभा से परे भी प्रधानमंत्री का दिल बच्चों और जनता के लिए धड़कता है। इस पूरे प्रसंग ने न सिर्फ उस बच्चे बल्कि सभा में मौजूद हर शख्स को जीवनभर का एक यादगार पल दे दिया।
