Pawan Singh: भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार और गायक-राजनीतिज्ञ पवन सिंह ने हाल ही में दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की, जिसके बाद बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गई है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यह मुलाकात केवल औपचारिक नहीं बल्कि 2025 के आगामी बिहार विधानसभा चुनावों की रणनीति से जुड़ी हुई है। पवन सिंह न केवल एनडीए के लिए स्टार प्रचारक बन सकते हैं, बल्कि इस बार आरा विधानसभा सीट से उम्मीदवार भी बनाए जा सकते हैं। इस संभावना ने बिहार की राजनीति में रोमांच बढ़ा दिया है।
READ MORE: नगर निकाय ही तय करेंगे यूपी की किस्मत, योगी का बड़ा खुलासा
औपचारिक मुलाकात से आगे की रणनीति
सूत्रों का दावा है कि पवन सिंह की अमित शाह से मुलाकात को हल्के में नहीं देखा जा सकता। भाजपा और एनडीए पवन सिंह की लोकप्रियता और उनकी भोजपुरी बेल्ट में मजबूत पकड़ को भुनाने की तैयारी कर रहे हैं। दरअसल, पवन सिंह का राजनीतिक सफर अभी पूरी तरह खुलकर सामने नहीं आया है, लेकिन उनकी सक्रियता को एनडीए की चुनावी योजना से जोड़ा जा रहा है।
READ MORE: ‘रंगला पंजाब फंड पर उठा सवाल’, विपक्ष का निशाना, पंजाब डूबा, ₹1600 करोड़ राहत कहीं सिर्फ़ टोकन?
एनडीए नेताओं से लगातार मुलाकातें
अमित शाह से मुलाकात से पहले पवन सिंह लगातार एनडीए नेताओं से भी मिलते रहे। उन्होंने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा से लंबी बातचीत की। इसके बाद वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले। इन बैठकों को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पवन सिंह अब केवल प्रचार गायक या सेलिब्रिटी चेहरा नहीं, बल्कि सीधे तौर पर उम्मीदवार की भूमिका में उतरने की तैयारी कर रहे हैं।

एनडीए में इस समय लोकप्रिय और नए चेहरों की तलाश लगातार जारी है ताकि विपक्षी खेमे को कड़ी चुनौती दी जा सके। पवन सिंह जैसे बड़े स्टार को चुनावी मैदान में उतारना एनडीए की बड़ी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
READ MORE: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ‘प्रतिभा सम्मान समारोह’ में हुए शामिल
आरा से उम्मीदवार बनाए जाने की सबसे ज्यादा चर्चा
बिहार का आरा विधानसभा क्षेत्र इस समय सियासी चर्चाओं का केंद्र बन गया है। यहां से पवन सिंह को टिकट दिए जाने की चर्चा जोरों पर है। आरा न केवल राजनीतिक रूप से अहम है बल्कि भोजपुरी कलाकारों और उनके प्रशंसकों का गढ़ भी माना जाता है।
पवन सिंह का मूल क्षेत्र भी यहीं आसपास का है, जिससे उन्हें असानी से जनसमर्थन मिल सकता है। अगर वे इस सीट से मैदान में उतरते हैं तो यहां का चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प हो सकता है। कई राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि उनका स्टारडम एनडीए के लिए बड़ा वोट बैंक जुटाने का काम करेगा।
एनडीए की रणनीति में भोजपुरी फैक्टर
बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश की राजनीति में भोजपुरी सिनेमा और कलाकारों का हमेशा प्रभाव रहा है। चाहे शत्रुघ्न सिन्हा हों, मनोज तिवारी या निरहुआ जैसे कलाकार—इनका राजनीतिक योगदान और वोट खींचने की क्षमता कई बार साबित हो चुकी है।
इसी कड़ी में पवन सिंह एनडीए का अगला बड़ा दांव हो सकते हैं। उनकी आवाज और उनके गानों का क्रेज सिर्फ बिहार-यूपी तक नहीं, बल्कि प्रवासी भारतीयों तक फैला हुआ है। भाजपा यदि उन्हें आरा से उतारती है, तो इसका असर पूरे भोजपुरी भाषी वोटरों पर पड़ सकता है।
एनडीए का मकसद इस कदम के जरिए विपक्ष को भोजपुरी बेल्ट में मात देने का है।
विपक्ष भी सतर्क
पवन सिंह के बढ़ते राजनीतिक कदम ने सिर्फ एनडीए में उत्साह नहीं, बल्कि विपक्षी दलों को भी सतर्क कर दिया है। राजद और कांग्रेस खेमे में अब इस बात की चर्चा है कि आरा में मुकाबला आसान नहीं रहने वाला। चूंकि पवन सिंह के पास खुद का वोट बैंक और लोकप्रियता का आधार है, इसलिए विपक्ष उन्हें हल्के में लेने की गलती नहीं करेगा।
वहीं राजनीतिक जानकारों का कहना है कि विपक्ष अब ऐसे प्रत्याशियों की तलाश करेगा जो पवन सिंह के स्टारडम का मुकाबला कर सकें। इससे बिहार चुनाव का समीकरण और दिलचस्प हो जाएगा।
स्टार प्रचारक बनाम उम्मीदवार का सवाल
पवन सिंह की एनडीए नेताओं से मुलाकातों के बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या वे केवल स्टार प्रचारक रहेंगे या सचमुच उम्मीदवार बनेंगे।
यदि वे उम्मीदवार बनते हैं तो यह उनकी राजनीतिक पारी की गंभीर शुरुआत होगी। वहीं, अगर वे सिर्फ स्टार प्रचारक रहते हैं तो भी एनडीए को भोजपुरी बेल्ट में पर्याप्त फायदा मिलना तय है।
इस समय भाजपा और एनडीए की रणनीति पर कई स्तरों पर विचार हो रहा है। कुछ नेताओं का मानना है कि पवन सिंह को उम्मीदवार बनाना जोखिम भरा हो सकता है, जबकि कई नेता इसे एनडीए की बड़ी जीत की कुंजी मान रहे हैं।
बिहार की राजनीति में नई हलचल
पवन सिंह की सक्रियता ने 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव को और रोमांचक बना दिया है। उनकी लोकप्रियता, आरा से संभावित उम्मीदवारी और भोजपुरी वोट बैंक उनकी राजनीति को खास बना रहे हैं।
अमित शाह और एनडीए नेताओं से हुई उनकी मुलाकात को देखकर साफ है कि आने वाले दिनों में पवन सिंह का राजनीतिक रूप और स्पष्ट होगा।
फिलहाल इतना तय है कि पवन सिंह के कदम ने बिहार की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है और विपक्ष से लेकर जनता तक, सभी की नज़रें अब उनकी अगली चाल पर टिकी हुई हैं।
Follow Us: YouTube| Tv today Bharat Live | Breaking Hindi News Live | Website: Tv Today Bharat| X | FaceBook | Quora| Linkedin | tumblr | whatsapp Channel | Telegram
