NEW DELHI: भारतीय टेनिस की युवा स्टार वैष्णवी अदकर ने एक बार फिर अपने खेल का जलवा बिखेरते हुए 30वीं फेनेस्टा ओपन नेशनल टेनिस चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया। इस जीत के साथ वैष्णवी ने न केवल अपने करियर में एक और कीर्तिमान स्थापित किया बल्कि देशभर के युवा खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं।
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शानदार फाइनल मुकाबला
फाइनल मुकाबले में वैष्णवी अदकर ने अपने प्रतिद्वंद्वी को सीधे सेटों में हराते हुए यह खिताब अपने नाम किया। मैच के दौरान वैष्णवी ने बेहतरीन सर्विस और मजबूत बैकहैंड शॉट्स का प्रदर्शन किया। खेल के दौरान उनके चेहरे पर आत्मविश्वास साफ नजर आ रहा था। उन्होंने मैच जीतने के बाद कहा,
“मुझे शुरू से ही पूरा विश्वास था कि मैं यह खिताब जीत सकती हूँ। हर मैच में मैंने खुद पर भरोसा रखा और यही मेरी सफलता का कारण रहा।”
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टूर्नामेंट की चुनौतियां
फेनेस्टा ओपन नेशनल टेनिस चैंपियनशिप में देशभर के बेहतरीन खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं। इस बार प्रतियोगिता में कई अनुभवी और युवा खिलाड़ी मौजूद थे। वैष्णवी ने टूर्नामेंट में लगातार चुनौतीपूर्ण मुकाबले खेले और अपनी तकनीक और मानसिक मजबूती से सभी प्रतिद्वंद्वियों को हराया।
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टूर्नामेंट के प्रमुख बिंदु:
- कुल प्रतिभागियों की संख्या: 128
- फाइनल में वैष्णवी का स्कोर: 6-3, 6-4
- सबसे कठिन मुकाबला सेमीफाइनल में, जहां उन्हें लगातार तीन घंटे तक खेलना पड़ा
वैष्णवी ने कहा कि टूर्नामेंट की सबसे बड़ी चुनौती मानसिक दबाव और लंबे मैचों में ऊर्जा बनाए रखना था।
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कोच और परिवार का योगदान
वैष्णवी की सफलता में उनके कोच और परिवार का योगदान बहुत बड़ा है। उनके कोच ने कहा,
“वैष्णवी में हमेशा से जीत की भूख और अनुशासन की भावना रही है। यह जीत उनकी मेहनत और लगन का प्रमाण है।”
उनके माता-पिता ने भी वैष्णवी के संघर्ष और सफलता की प्रशंसा करते हुए बताया कि बचपन से ही उन्होंने वैष्णवी को हमेशा सपने देखने और मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित किया।
भविष्य की योजनाएं
इस जीत के बाद वैष्णवी अदकर का लक्ष्य अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करना है। उन्होंने कहा कि अब उनका ध्यान आगामी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं पर है और वह अपनी रैंकिंग को और बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगी।
“मेरा सपना है कि मैं भारतीय टेनिस का नाम दुनिया भर में रोशन करूँ। इसके लिए मैं लगातार ट्रेनिंग और अभ्यास करती रहूँगी।”
युवा खिलाड़ियों के लिए संदेश
वैष्णवी ने युवाओं के लिए भी एक संदेश दिया,
“अगर आपके पास सपना है तो उसे पूरा करने के लिए कभी हार न मानें। मेहनत, लगन और आत्मविश्वास ही सफलता की कुंजी है।”
उनकी यह जीत निश्चित रूप से देशभर के युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करेगी और टेनिस जैसे खेल में और अधिक प्रतिभाओं को उभरने का मौका मिलेगा।
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मीडिया और प्रशंसकों की प्रतिक्रिया
वैष्णवी की जीत के बाद सोशल मीडिया और खेल जगत में उन्हें बधाई संदेशों की बाढ़ आ गई। खेल पत्रकारों ने वैष्णवी के तकनीकी कौशल और मानसिक दृढ़ता की तारीफ की।
विशेषकर उनके फैंस ने लिखा कि वैष्णवी की यह जीत युवाओं के लिए प्रेरणा और खेल के प्रति उनकी निष्ठा का प्रतीक है।
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वैष्णवी अदकर की यह जीत केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि भारतीय टेनिस के लिए गर्व की बात है। उनकी मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास ने यह साबित कर दिया कि अगर मेहनत और लगन के साथ खेला जाए तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।
वैष्णवी अदकर का संदेश – “सपने देखो, मेहनत करो और कभी हार मत मानो” – देश के हर युवा खिलाड़ी के लिए प्रेरणा बन गया है।
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