Cold Weather MP 2025: मॉनसून अभी पूरी तरह विदा भी नहीं हुआ था कि मध्य प्रदेश में ठंड ने दस्तक दे दी है। पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी का सिलसिला शुरू हो चुका है, और इसके प्रभाव से अब मैदानों में भी रात का तापमान गिरने लगा है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन और अन्य शहरों में सुबह और शाम की ठिठुरन लोगों को सर्दी की याद दिला रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस बार सर्दी सामान्य से पहले दस्तक दे रही है।
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मध्य प्रदेश में तापमान में गिरावट
मध्य प्रदेश के कई शहरों में अक्टूबर महीने में ही न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी कम दर्ज किया गया है। भोपाल में तापमान 18 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जो पिछले 17 वर्षों में सबसे कम है। इंदौर में 15.5 डिग्री, राजगढ़ में 14.5 डिग्री और खंडवा में 17 डिग्री तक तापमान रिकॉर्ड किया गया। हिल स्टेशन पचमढ़ी में भी न्यूनतम तापमान 18.6 डिग्री रहा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह शुरुआती ठंड सर्दी के सामान्य समय से पहले आने का संकेत है। राजधानी भोपाल में लोग सुबह-सुबह जैकेट और स्वेटर पहनने लगे हैं, और शाम को भी ठंड महसूस की जा रही है।
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पहाड़ियों की बर्फबारी और ठंडी हवाओं का असर
उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों, खासतौर पर हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में हो रही समय से पहले बर्फबारी से ठंडी हवाएं मध्य प्रदेश की ओर बढ़ रही हैं। इन हवाओं का असर भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सागर, रीवा जैसे शहरों में तेज़ी से तापमान गिरने के रूप में देखा जा रहा है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अगर उत्तर भारत में बर्फबारी जारी रही, तो नवंबर के पहले हफ्ते से मध्य प्रदेश में ठंड का अधिक तेज दौर शुरू हो सकता है।
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वैज्ञानिकों की राय और मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के वैज्ञानिक नरेश कुमार का कहना है कि यह गिरावट अस्थायी भी हो सकती है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण तापमान में गिरावट आई है, लेकिन जल्दी ही आसमान साफ होने पर तापमान सामान्य हो सकता है।
वहीं, पूर्व आईएमडी निदेशक सोनम लोटस का मानना है कि जम्मू-कश्मीर और पहाड़ी राज्यों में ठंड जल्दी आ रही है, लेकिन पूरे मध्य भारत में यह ट्रेंड लंबे समय तक जारी रहेगा, ऐसा कहना जल्दबाजी होगी।
स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष महेश पलावत के अनुसार, सर्दी सामान्य से थोड़ी पहले आ सकती है, लेकिन इसका बहुत अधिक गंभीर होना अभी संभावना नहीं है।
ला नीना और इसका मध्य प्रदेश पर असर
ला नीना (La Niña) एक प्राकृतिक मौसमी प्रक्रिया है, जिसमें प्रशांत महासागर की सतह का तापमान सामान्य से कम हो जाता है। इसका असर हवा के बहाव और मानसून पर पड़ता है। इस बार बारिश सामान्य से अधिक रही और इसके चलते शुरुआती सर्दी थोड़ी तेज़ होने की संभावना जताई जा रही है। NOAA के अनुसार, अक्टूबर से दिसंबर 2025 के बीच ला नीना सक्रिय रहने की 71% संभावना है, जिसका मतलब है कि मध्य प्रदेश में शुरुआती ठंड सामान्य से जल्दी और थोड़ी लंबी रह सकती है।
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नवंबर से दिसंबर तक का पूर्वानुमान
विशेषज्ञों के अनुसार, मध्य प्रदेश में नवंबर के पहले हफ्ते से तेज़ ठंड का दौर शुरू हो सकता है। दिसंबर से फरवरी के बीच सर्दी धीरे-धीरे सामान्य स्तर पर लौट सकती है, क्योंकि ला नीना कमजोर होने लगेगी। NOAA के आंकड़े बताते हैं कि दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 के बीच ला नीना के कमजोर पड़ने की 54% संभावना है।
इसलिए शुरुआत में तेज ठंड का अनुभव होने के बाद मध्य प्रदेश में तापमान धीरे-धीरे सामान्य स्तर पर आ जाएगा। मध्य प्रदेश में इस बार सर्दी सामान्य समय से पहले दस्तक दे चुकी है। पहाड़ियों की बर्फबारी, ठंडी हवाओं का बहाव और रिकॉर्ड तापमान सभी इस ओर इशारा कर रहे हैं कि भोपाल, इंदौर, उज्जैन और अन्य शहरों में नवंबर के पहले हफ्ते से ठंड का तेज दौर शुरू हो सकता है। हालांकि, दिसंबर तक यह ठंड धीरे-धीरे सामान्य स्तर पर लौट सकती है। भोपाल और अन्य शहरों में लोग अब सुबह और शाम की ठिठुरन का अनुभव महसूस कर रहे हैं, जो इस “Early Winter” की पहली चेतावनी है।
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