UP AGREES Project: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में उत्तर प्रदेश एग्रीकल्चर ग्रोथ एंड रूरल इंटरप्राइज इकोसिस्टम स्ट्रेंथनिंग प्रोजेक्ट (UP-AGREES) की समीक्षा की। इस बैठक में परियोजना के उद्देश्यों, प्रगति और आगामी कार्ययोजनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई।
कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर और डिजिटल बनाना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर, टिकाऊ और डिजिटल रूप से सशक्त बनाना शामिल है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में ‘डिजिटल एग्रीकल्चर इकोसिस्टम’ के निर्माण की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जाए।

इस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किसानों को फसल, मौसम, बीज, सिंचाई, उर्वरक, बीमा, बाजार, लॉजिस्टिक्स और संस्थागत सेवाओं से जुड़ी सभी जानकारी रीयल-टाइम उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए एक डिजिटल कृषि नीति तैयार की जाएगी, जो राष्ट्रीय तकनीकी मानकों पर आधारित होगी और साइबर सुरक्षा तथा नवाचार आधारित अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगी।
‘बीज से लेकर बाजार तक’ का समग्र दृष्टिकोण
UP-AGREES परियोजना का उद्देश्य केवल कृषि उत्पादन बढ़ाना नहीं है, बल्कि किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण उद्यमिता को प्रोत्साहित करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘कृषि से उद्योग तक’ की सोच के साथ कार्य करते हुए मूल्य संवर्धन, प्रसंस्करण और स्थानीय रोजगार सृजन को प्राथमिकता दी जाए।
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उत्तर प्रदेश विविध कृषि सहायता परियोजना (UP-DASP) के समन्वयन में, UP-AGREES को कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों और किसान उत्पादक संगठनों के साथ जोड़ा गया है। इस प्रकार, परियोजना से सीधा लाभ किसानों तक पहुंचे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था आत्मनिर्भर बन सके।

सतत मॉनिटरिंग और विशेषज्ञों की भूमिका
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि UP-AGREES के कार्यों की सतत मॉनिटरिंग के लिए आवश्यक प्रबंध किए जाएं। परियोजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सेक्टोरल विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाएगी। परियोजना के प्रत्येक घटक के परिणामों की नियमित समीक्षा की जाएगी ताकि किसानों तक लाभ सुनिश्चित किया जा सके।
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उत्पादकता वृद्धि और तकनीकी सहयोग
बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि ‘उत्पादकता वृद्धि कार्यक्रम’ के अंतर्गत भूमि विकास, जल संरक्षण, मृदा स्वास्थ्य सुधार और आधुनिक तकनीक आधारित कृषि पद्धतियों पर जोर दिया जा रहा है। छोटे और सीमांत किसानों को प्रशिक्षण, तकनीकी सहयोग और विपणन सुविधाओं से जोड़ने के लिए सामूहिक प्रयास किए जा रहे हैं।परियोजना लगभग ₹4,000 करोड़ लागत से, विश्व बैंक के सहयोग से, 6 वर्षों की अवधि के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड के 28 जनपदों में लागू की जा रही है। इसका उद्देश्य बदलते जलवायु परिदृश्य के अनुरूप कृषि उत्पादन में सतत वृद्धि करना और किसानों को बाजार से बेहतर रूप में जोड़ना है।
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कमोडिटी क्लस्टर दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री को बताया गया कि कमोडिटी क्लस्टर दृष्टिकोण के तहत विभिन्न क्षेत्रों में विशेष फसलों के क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं:
- बुंदेलखंड: मूंगफली
- वाराणसी: लाल मिर्च व सब्जी
- बाराबंकी से आजमगढ़ तक: केला
- अन्य जनपद: काला नमक चावल, हरी मटर, उड़द, आलू आदि
मुख्यमंत्री ने केले की खेती को बढ़ावा देने और टिशू कल्चर को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्नतशील बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास करने को कहा गया।
संस्थागत तैयारियां और तकनीकी सहायता
परियोजना से जुड़े संस्थागत तैयारियों में ठोस प्रगति हुई है।
- सामाजिक और पर्यावरणीय मूल्यांकन का कार्य पूरा हो चुका है।
- मॉनिटरिंग, लर्निंग एवं इवैल्यूएशन एजेंसी और तकनीकी सहायता एजेंसी का चयन किया जा चुका है।
- अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (IRRI) के साथ छह वर्षीय उत्पादकता कार्यक्रम हेतु अनुबंध स्वीकृत हो चुका है।
- किसान उत्पादक संगठनों के क्षमता निर्माण हेतु तकनीकी सहायता एजेंसी का चयन शीघ्र किया जाएगा।
- तकनीकी परामर्शी एजेंसी का चयन अंतिम चरण में है।
इस प्रकार, UP-AGREES परियोजना तकनीकी और संस्थागत दृष्टि से तैयार है और आगामी वर्षों में किसानों की आय और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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UP-AGREES परियोजना केवल कृषि उत्पादन बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह डिजिटल और टिकाऊ कृषि तंत्र, ग्रामीण उद्यमिता, और स्थानीय रोजगार सृजन के लिए एक समग्र योजना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल और मार्गदर्शन के तहत, परियोजना प्रदेश के किसानों को आधुनिक तकनीक और बाज़ार से जोड़कर उनके जीवन स्तर में सुधार लाने का कार्य कर रही है।
इस प्रकार, उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र का आधुनिक, डिजिटल और टिकाऊ विकास एक नई दिशा में बढ़ रहा है, जिससे राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसानों की समृद्धि सुनिश्चित होगी।
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