Poland Tourists in Ayodhya: अयोध्या में दीपोत्सव 2025 का आयोजन इस बार और भी भव्य और मनमोहक रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में सुरक्षा, व्यवस्था और श्रद्धालुओं की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। शहर के प्रत्येक कोने में प्रशासन, पुलिस और स्वयंसेवक मुस्तैद थे, जिससे सभी श्रद्धालु और पर्यटक आराम और सुरक्षा के साथ आयोजन का आनंद ले सकें।

भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम और आध्यात्मिक अनुभव
दीपोत्सव के दौरान विभिन्न राज्यों के कलाकारों ने मंच पर रामायण के प्रसंगों को जीवंत किया। ड्रोन और लेजर शो ने भगवान श्रीराम के जीवन और उनके आदर्शों को प्रभावशाली ढंग से प्रदर्शित किया। यह न केवल दर्शनीय था, बल्कि हर प्रस्तुति में भक्ति, नैतिकता और संस्कृति का संदेश था। रात के समय सरयू घाट पर दीपों की रौशनी और रंग-बिरंगे पटाखों ने पूरे नगर को दिव्य आलोक से भर दिया।
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राजतिलक समारोह: रामराज्य की प्रतीकात्मक झलक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच पर राजसत्ता के प्रतीक के रूप में भगवान श्रीराम का तिलक किया। इस अवसर पर प्रदेश के मंत्री, राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और कई संत-महंत उपस्थित थे। “जय श्रीराम” के उद्घोष और लाखों दीपों की चमक ने अयोध्या का वातावरण भक्तिमय कर दिया। यह आयोजन दर्शकों को त्रेता युग की पावनता और रामराज्य की परिकल्पना का जीवंत अनुभव करवा रहा था।
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पोलैंड के पर्यटकों का अनुभव
इस दीपोत्सव में पोलैंड सहित कई देशों के पर्यटक शामिल हुए। उन्होंने भारतीय संस्कृति, भक्ति और आध्यात्मिकता से गहरा जुड़ाव महसूस किया। पर्यटकों ने कहा कि अयोध्या में दीपोत्सव का अनुभव केवल देखने या सुनने तक सीमित नहीं था, बल्कि हर दीप, हर गीत और हर समारोह ने उनके हृदय में शांति, श्रद्धा और आनंद का संचार किया। उन्होंने यह भी साझा किया कि भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में एक ऐसी ऊर्जा है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों को आकर्षित करती है और आध्यात्मिक रूप से जोड़ती है।

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अयोध्या: संस्कृति और भक्ति का केंद्र
दीपोत्सव ने अयोध्या को केवल एक नगर नहीं, बल्कि भक्ति, संस्कृति और आध्यात्मिकता का वैश्विक केंद्र बना दिया। लाखों दीपकों की रौशनी, जय श्रीराम के उद्घोष और भक्तों की भक्ति ने यह संदेश दिया कि रामराज्य का आदर्श आज भी जीवन को नैतिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध करने में प्रासंगिक है। अयोध्या का दीपोत्सव 2025 केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा था। यह आयोजन भारत की संस्कृति और भक्ति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करता है। पोलैंड समेत विभिन्न देशों के पर्यटक इस अद्भुत अनुभव से मंत्रमुग्ध होकर लौट रहे हैं, और यह स्पष्ट कर रहे हैं कि भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता विश्वभर के लोगों को जोड़ने की एक अद्भुत शक्ति है।
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