Chitrakoot Diwotsav 2025: राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को चित्रकूट घाट पर आयोजित दीपोत्सव 2025 में भाग लिया। इस अवसर पर घाट और आसपास के क्षेत्र को रोशनी और दीपों से सजाया गया था। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लोगों से संवाद किया और दीपोत्सव के महत्व पर प्रकाश डाला।
दीपोत्सव का भव्य आयोजन
चित्रकूट घाट पर दीपोत्सव का आयोजन हर साल की तरह इस वर्ष भी भव्य तरीके से किया गया। घाट के किनारे और मुख्य सड़क मार्गों पर लाखों दीप जलाए गए, जिससे पूरा क्षेत्र एक जगमगाती रौशनी में बदल गया। इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रमों और भजन-संध्या का आयोजन भी किया गया, जिसमें स्थानीय कलाकारों ने भाग लिया।

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मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि दीपोत्सव केवल रोशनी का पर्व नहीं है, बल्कि यह अधर्म पर धर्म की विजय और अज्ञान पर ज्ञान की रोशनी का प्रतीक है। उन्होंने लोगों से कहा कि यह पर्व सभी के लिए प्रेम, भाईचारे और सामाजिक सौहार्द का संदेश लेकर आता है।
मुख्यमंत्री का विशेष सन्देश
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि दीपोत्सव का उद्देश्य केवल उत्सव मनाना नहीं है, बल्कि संस्कृति और परंपरा को जीवित रखना भी है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए उत्सव मनाएं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘दीपोत्सव हमें अंधकार से प्रकाश की ओर चलने की प्रेरणा देता है। यह पर्व हमें याद दिलाता है कि समाज में अच्छाई और भाईचारा बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है।’
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सुरक्षा और व्यवस्थाओं का निरीक्षण
मुख्यमंत्री ने दीपोत्सव स्थल पर पहुंचते ही सुरक्षा और व्यवस्थाओं का भी निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों से सुरक्षा के हर पहलू पर जानकारी ली और सुनिश्चित किया कि किसी प्रकार की असुविधा न हो। इस दौरान उन्होंने पुलिस और प्रशासनिक कर्मचारियों की सराहना करते हुए कहा कि जनता की सुरक्षा और सुविधा सर्वोपरि है।
पर्यटकों और स्थानीय लोगों की भागीदारी
दीपोत्सव में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और देश-विदेश से आए पर्यटक शामिल हुए। पर्यटकों ने चित्रकूट की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत की सराहना की। कई पर्यटक सोशल मीडिया पर दीपोत्सव की फोटो और वीडियो शेयर करते हुए अपनी खुशी जाहिर कर रहे थे।
स्थानीय दुकानदारों और व्यवसायियों के लिए यह पर्व आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण साबित हुआ, क्योंकि इस अवसर पर घाट और आसपास के क्षेत्रों में भारी भीड़ रही।
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सांस्कृतिक कार्यक्रम और भजन संध्या
घाट पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों और भजन संध्या में स्थानीय कलाकारों ने भाग लिया। कार्यक्रम में भक्तिमय गीत और पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किए गए। मुख्यमंत्री ने भी मंच से कलाकारों और आयोजकों की प्रशंसा की। सांस्कृतिक कार्यक्रम ने दीपोत्सव की महत्ता और आनंद को और बढ़ा दिया। यह आयोजन स्थानीय युवाओं और बच्चों के लिए भी प्रेरणादायक साबित हुआ।
पर्यावरण और स्वच्छता पर जोर
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पर्यावरण और स्वच्छता पर भी विशेष जोर दिया। उन्होंने लोगों से कहा कि कृषि-योग्य और पर्यावरण मित्र दीप का उपयोग किया जाए, ताकि पर्व मनाने के दौरान पर्यावरण को कोई नुकसान न पहुंचे।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि घाट और आसपास के क्षेत्र में सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए, जिससे भविष्य में इस तरह के आयोजन और भी सुरक्षित और सुंदर बन सकें।
मुख्यमंत्री मोहन यादव की उपस्थिति में आयोजित चित्रकूट घाट का दीपोत्सव धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से अत्यंत सफल रहा। इस अवसर ने न केवल स्थानीय लोगों को जोड़ा, बल्कि देश-विदेश से आए पर्यटकों को भी आकर्षित किया।
दीपोत्सव ने सभी को एक संदेश दिया कि अंधकार चाहे जितना गहरा हो, सही दिशा में जलता हुआ दीप हमेशा प्रकाश फैलाता है। मुख्यमंत्री मोहन यादव की भागीदारी ने इस पर्व को और भी खास और यादगार बना दिया।
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