Maoist Free India: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार दिवाली भारतीय नौसेना के जवानों के साथ गोवा और कारवार के तट पर स्थित स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत पर मनाई। इस दौरान उन्होंने देश के सामने एक बड़ा ऐतिहासिक संदेश रखा — भारत के 100 से अधिक ज़िले अब माओवादी आतंकवाद से पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से पहले लगभग 125 ज़िले नक्सल प्रभावित थे, लेकिन केंद्र सरकार की लगातार कोशिशों और सुरक्षा बलों के समर्पण से अब यह संख्या घटकर सिर्फ 11 ज़िले रह गई है। इनमें भी केवल 3 ज़िलों में सक्रिय प्रभाव शेष है।
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‘देश अब स्वतंत्र सांस ले रहा है’ प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा,
“आज पहली बार, 100 से अधिक ज़िले माओवादी आतंक से पूरी तरह मुक्त हैं। ये वो इलाके हैं जहाँ कभी बंदूक की आवाज़ सुनाई देती थी, अब वहाँ बच्चों की हंसी गूंजती है।”
उन्होंने कहा कि पहले जहां सड़कों का निर्माण नहीं हो पाता था, स्कूल और अस्पताल तोड़े जाते थे, और विकास कार्य रुक जाते थे — आज वहीं पर नए उद्योग, सड़कें और शिक्षा के केंद्र बन रहे हैं।
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सुरक्षा बलों के पराक्रम को सलाम
प्रधानमंत्री मोदी ने इस उपलब्धि का श्रेय देश की सुरक्षा एजेंसियों और बलों को दिया। उन्होंने कहा कि देश आज जिन जवानों की कुर्बानियों की वजह से शांति का अनुभव कर रहा है, उन सभी को राष्ट्र सदा याद रखेगा।
“BSF, CRPF और अन्य सुरक्षा बलों के जवानों ने कठिन परिस्थितियों में डटकर मुकाबला किया। कई ने अपने अंग खो दिए, लेकिन देश की सुरक्षा के संकल्प से कभी पीछे नहीं हटे।”
उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों में अब स्कूलों की घंटी बज रही है, सड़कें बन रही हैं और बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है — यही सच्चा भारत के नए युग का प्रतीक है।
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INS विक्रांत: आत्मनिर्भर भारत की शक्ति
दिवाली के अवसर पर INS विक्रांत पर जवानों के साथ समय बिताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह जहाज़ आत्मनिर्भर भारत की असली मिसाल है।
“INS विक्रांत भारत के इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और नौसेना के अदम्य साहस का प्रतीक है। यह सिर्फ एक युद्धपोत नहीं, बल्कि भारत की नई आत्मनिर्भर सोच का प्रतीक है।”
उन्होंने बताया कि 2014 के बाद से अब तक 40 से अधिक स्वदेशी युद्धपोत और पनडुब्बियां भारतीय नौसेना में शामिल की जा चुकी हैं। यह न सिर्फ रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता का सबूत है बल्कि वैश्विक मंच पर देश की नई पहचान भी है।
‘पर्व देशभक्ति का प्रतीक बने’ पीएम मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दिवाली सिर्फ दीप जलाने का पर्व नहीं, बल्कि यह आत्मविश्वास और एकता का प्रतीक भी है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे इस दिवाली को देशभक्ति की भावना के साथ मनाएं।
“हमारे सैनिक सीमाओं पर देश की रक्षा कर रहे हैं। जब हम दीप जलाएं, तो हर दीपक एक सैनिक के त्याग को समर्पित होना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि देश आज विकास, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
‘भारत माता की जय’ के साथ हुआ समापन
अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय नौसेना के अधिकारियों और जवानों को तथा देशवासियों को दिवाली की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने गर्व से कहा —
“हमारे सशस्त्र बल पर्वतों से लेकर समुद्र तक देश की शान हैं। उनकी वीरता और अनुशासन ही भारत की असली ताकत है।”
उन्होंने अपने भाषण का समापन “भारत माता की जय!” और “वंदे मातरम!” के नारों से किया।प्रधानमंत्री मोदी का यह दिवाली संदेश केवल उत्सव का हिस्सा नहीं, बल्कि यह नए भारत की उपलब्धियों और आत्मविश्वास की झलक है। जिन इलाकों में कभी बंदूकें गूंजती थीं, अब वहाँ विकास और शिक्षा की आवाज़ सुनाई दे रही है। देश ने सच में ‘डर से आज़ादी’ और ‘विकास की नई सांस’ ली है।
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