Bihar Election 2025: भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के पावर स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने 20 अक्टूबर को काराकाट विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया। उनके हलफनामे और बयान के बाद वे अचानक सुर्खियों में आ गई हैं। सबसे खास बात यह रही कि उन्होंने अपने नामांकन पत्र में पति के नाम का उल्लेख नहीं किया, जिससे राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है।
पति का नाम छोड़कर लिखा – ‘परित्यक्त नारी’
नामांकन के समय दाखिल किए गए हलफनामे में ज्योति सिंह ने अपनी वैवाहिक स्थिति ‘परित्यक्त नारी’ लिखी है। यानी उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वे अब पति से अलग रह रही हैं। पति के नाम वाले कॉलम में उन्होंने ‘ख्याति प्राप्त भोजपुरी कलाकार’ लिखकर बात को संकेतों में छोड़ दिया। इस कदम ने यह साफ कर दिया कि वे अपने दम पर चुनावी मैदान में उतर रही हैं।

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संपत्ति का पूरा ब्यौरा: सिर्फ कार और आभूषण
हलफनामे के अनुसार, ज्योति सिंह के पास कुल 18 लाख 80 हजार रुपये की संपत्ति है।
उनकी चल संपत्ति में शामिल हैं –
- ₹80,000 नकद राशि
- लगभग ₹14 लाख की ग्रैंड विटारा कार
- करीब ₹4 लाख के सोने-चांदी के आभूषण, जिनमें मंगलसूत्र, चेन और अंगूठी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि उनके पास कोई जमीन-जायदाद नहीं है और उन्होंने किसी बैंक या संस्था से कोई लोन नहीं लिया है।
अब जनता ही मेरी पार्टी है
नामांकन के बाद मीडिया से बातचीत में ज्योति सिंह ने कहा,
“मैं किसी पार्टी से नहीं जुड़ी हूं। अब जनता ही मेरी पार्टी है, और वही मेरी ताकत है।”
उन्होंने बताया कि वे पूरी तरह से जनता के सहयोग और समर्थन पर चुनाव लड़ेंगी। उनका उद्देश्य राजनीति से अधिक जनसेवा और लोगों की समस्याओं को समझना है।
पहले जनसुराज पार्टी से जुड़ने की चर्चा थी
राजनीतिक हलकों में पहले यह चर्चा थी कि ज्योति सिंह जनसुराज पार्टी के टिकट पर मैदान में उतर सकती हैं। वहीं, कुछ रिपोर्टों में यह भी कहा जा रहा था कि उनके पति पवन सिंह भी इसी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन पवन सिंह ने सोशल मीडिया पर यह स्पष्ट कर दिया कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसके बाद ज्योति सिंह ने स्वतंत्र रूप से चुनावी मैदान में कदम रखा।
भोजपुरी स्टारडम से राजनीति की राह
भोजपुरी सिनेमा में पवन सिंह का नाम बहुत बड़ा है। ऐसे में ज्योति सिंह को उनकी लोकप्रियता का कुछ फायदा मिल सकता है। हालांकि, राजनीतिक क्षेत्र में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरना आसान नहीं है। उनके सामने पार्टी प्रत्याशियों के संसाधन, संगठन और अनुभव की बड़ी चुनौती होगी।
जनता की उम्मीदों पर टिकी नजर
ज्योति सिंह का कहना है कि उनका लक्ष्य जनता के बीच जाकर वास्तविक समस्याएं सुनना और समाधान निकालना है। वे चाहती हैं कि राजनीति में कोई बाहरी दबाव या गठबंधन का असर न हो। उनका मानना है कि यदि जनता साथ दे, तो निर्दलीय उम्मीदवार भी बदलाव और विकास की दिशा में काम कर सकता है।
राजनीति में नया चेहरा, नई कहानी
ज्योति सिंह का यह कदम बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया है। वे न केवल एक फिल्म स्टार की पत्नी हैं, बल्कि अब अपने दम पर एक नई राजनीतिक पहचान बनाने की कोशिश में हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या जनता उनका साथ देती है और क्या ज्योति सिंह काराकाट सीट से कोई चमत्कार दिखा पाती हैं।
ज्योति सिंह का निर्दलीय चुनावी सफर यह दिखाता है कि अब बिहार की राजनीति में महिलाएं भी खुद की पहचान और स्वतंत्र सोच के साथ आगे बढ़ रही हैं। चाहे उनके पास पार्टी का सहारा न हो, लेकिन जनता का भरोसा ही उनकी सबसे बड़ी ताकत बन सकता है।
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