परंपरा से प्रेरित आयोजन
Deepotsav 2025: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को गोरखपुर में आयोजित “दीपोत्सव से राष्ट्रोत्सव” कार्यक्रम में शामिल होकर प्रदेशवासियों को दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएँ दीं। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के गोरखपुर विभाग द्वारा आयोजित किया गया था। आयोजन का उद्देश्य भारतीय संस्कृति, परंपरा और एकता के संदेश को समाज के हर वर्ग तक पहुँचाना था।

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संस्कृति और राष्ट्रभाव का संगम
गोरखपुर के ऐतिहासिक मैदान में सजे इस भव्य समारोह में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम स्थल पर दीपों की पंक्तियाँ सजाकर “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम्” के जयघोष से वातावरण गूंज उठा। मंच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और कहा कि —
“दीप केवल प्रकाश का प्रतीक नहीं, बल्कि अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। जब समाज संगठित होकर दीप जलाता है, तो वह राष्ट्र में एकता, सद्भाव और गौरव का संकल्प भी जलाता है।”
योगी आदित्यनाथ का संदेश: दीपोत्सव का अर्थ राष्ट्रोत्सव
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ‘दीपोत्सव केवल त्योहार नहीं, यह राष्ट्रोत्सव है — यह भारत की आत्मा का उत्सव है।” उन्होंने बताया कि भारत की परंपरा ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के विचार पर टिकी है, और दीपों के माध्यम से यही संदेश दिया जाता है कि अंधकार चाहे कितना भी गहरा हो, एक दीपक भी उसे चुनौती दे सकता है। उन्होंने गोरखपुर के नागरिकों से आह्वान किया कि वे दीपावली के अवसर पर केवल घरों में ही नहीं, बल्कि गरीब बस्तियों, गौशालाओं और मंदिरों में भी दीप जलाएं, ताकि “प्रकाश का यह पर्व सबका पर्व बने।’
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पहल
RSS के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बताया कि “दीपोत्सव से राष्ट्रोत्सव” कार्यक्रम का उद्देश्य समाज को संगठन के भाव से जोड़ना और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की भावना को सशक्त बनाना है। संघ के विभाग प्रमुख ने कहा कि आज भारत विश्व को “धर्म और मानवता” का मार्ग दिखा रहा है, और ऐसे में दीपोत्सव हमें याद दिलाता है कि “राष्ट्र ही परिवार है।’
लोक भागीदारी और आध्यात्मिक उत्साह
कार्यक्रम के दौरान स्थानीय स्कूलों के बच्चों ने “जय श्री राम” और “भारत माता की आरती” प्रस्तुत की, जबकि महिलाओं ने पारंपरिक लोकगीतों से वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया। परिसर में प्रदर्शनी लगाई गई थी जिसमें भारतीय संस्कृति, गौसेवा, पर्यावरण संरक्षण और स्वदेशी उत्पादों की झलक देखने को मिली।
अंतिम संदेश: उजियारा हर घर तक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि गोरखपुर न केवल आध्यात्मिक नगरी है, बल्कि यह “राष्ट्र निर्माण की ऊर्जा भूमि” भी है। उन्होंने कहा—
“जब हर व्यक्ति अपने भीतर के दीप को जलाता है, तभी राष्ट्र सशक्त बनता है। आइए, दीपोत्सव को केवल धार्मिक नहीं, बल्कि राष्ट्रनिर्माण का पर्व बनाएं।”
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ जनसभा को संबोधित करते हुए जनता से ‘स्वच्छता, सेवा और संस्कार’ के तीन सूत्रों को अपनाने की अपील की।
दीपोत्सव से राष्ट्रोत्सव” केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय जीवन दर्शन का प्रतीक बना — जहां दीपों के प्रकाश में राष्ट्रप्रेम, एकता और संस्कृति की उजली छवि झलकी।
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