Two Friends Named Ramesh: आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले से निकले दो दोस्त दोनों का नाम रमेश, दोनों ने एक साथ संघर्ष शुरू किया और एक ही शहर, बेंगलुरु में अपना भविष्य बनाया। गोल्ला रमेश (31) और नेलाकुर्थी रमेश (30) की दोस्ती 20 साल पुरानी थी। दोनों ने हिंदुस्तान यूनिलीवर में सेल्समैन के रूप में काम करते हुए अपनी ज़िंदगी की नई शुरुआत की थी। साथ काम किया, साथ परिवार बसाया और अब साथ में सफर भी कर रहे थे।
वो रात जिसने सब कुछ बदल दिया
गुरुवार की रात, दोनों परिवार वी-कावेरी ट्रैवल्स की बस में सवार हुए थे, जो हैदराबाद से बेंगलुरु जा रही थी। लेकिन करीब 3 बजे सुबह कर्नूल के पास एक मोटरसाइकिल के टकराने से बस के फ्यूल टैंक में आग लग गई। देखते ही देखते बस आग का गोला बन गई।
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नीचे की सीट पर सो रहे नेलाकुर्थी रमेश ने किसी तरह अपनी पत्नी श्रीलक्ष्मी और दो बच्चों को खिड़की से बाहर निकाला। लेकिन ऊपर की सीट पर सो रहे उनके दोस्त गोल्ला रमेश और परिवार को बचने का मौका नहीं मिला।
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“मैंने उसे जगाया, पर आग इतनी तेज़ थी कि कुछ भी करना मुमकिन नहीं था,” नेलाकुर्थी रमेश ने रोते हुए बताया। “मेरे दोस्त का पूरा परिवार वहीं जल गया… मैं उन्हें नहीं बचा पाया।”
खुशियों से मातम तक का सफर
दोनों परिवारों ने पिछले हफ्ते नेल्लोर में अपने रिश्तेदारों से मुलाकात की थी। फिर हैदराबाद में बहन के घर कुछ दिन बिताए। बच्चों की हंसी, परिवार की बातें, रिश्तों की गर्मी — सब कुछ जैसे कुछ दिन पहले तक था। लेकिन अब वही परिवार राख में बदल चुका था।
गोल्ला रमेश, उनकी पत्नी अनुषा (28), बेटा (8 वर्ष) और बेटी (6 वर्ष) — सभी की मौके पर ही मौत हो गई।
दोस्ती जो मौत भी नहीं तोड़ सकी
नेलाकुर्थी रमेश ने बताया — “हमने एक साथ ज़िंदगी शुरू की थी। स्कूल के बाद काम की तलाश में बेंगलुरु आए थे। पढ़ाई का खर्च नहीं उठा सकते थे। हमने साथ कमाया, साथ जिया, और अब… मैं अकेला रह गया।’
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उनकी आंखों में अब भी दोस्त की परछाई है। वे कहते हैं — “अब बस इतना करना है कि अपने दोस्त और उसके परिवार के शव लेकर गांव लौटूं, ताकि उन्हें आखिरी विदाई दे सकूं।”
गांव में मातम और टूटे सपने
गोल्ला रमेश का गांव गोल्लावरिपल्ली (नेल्लोर) आज मातम में डूबा है। उनके पिता मालकोंडैया का रो-रोकर बुरा हाल है। उदयगिरी के टीडीपी विधायक काकरला सुरेश ने उनके घर पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधाया। ‘वो सबका प्यारा था, मेहनती था। कुछ ही सालों में अपनी पहचान बना ली थी। लेकिन किस्मत ने इतनी बेरहमी दिखाई…” विधायक ने कहा।
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