मुख्य बिंदु
- 4 नवंबर 2025 से घर-घर जाकर मतदाता सूची का सत्यापन शुरू होगा।
- 9 दिसंबर 2025 को ड्राफ्ट रोल प्रकाशित किया जाएगा।
- 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची जारी होगी।
- अभियान 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चलेगा।
- असम को फिलहाल अलग रखा गया है, क्योंकि वहां नागरिकता मानदंड अलग हैं।
निर्वाचन आयोग की घोषणा
Voter List: भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने सोमवार को देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में Special Intensive Revision (SIR) के दूसरे चरण की घोषणा की है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि इस चरण के तहत बूथ लेवल अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करेंगे। यह अभियान 4 नवंबर 2025 से शुरू होकर 7 फरवरी 2026 तक चलेगा।
इस सूची में शामिल राज्य हैं

असम को क्यों रखा गया अलग
निर्वाचन आयोग ने कहा कि असम में नागरिकता के विशेष नियम लागू हैं, इसलिए वहां SIR अभियान बाद में आयोजित किया जाएगा।
आयोग ने स्पष्ट किया कि हर राज्य में स्थानीय आवश्यकताओं और कानूनों के अनुसार अभियान का संचालन किया जाएगा ताकि मतदाता सूची पूरी तरह सटीक और अद्यतन रहे।
महत्वपूर्ण तारीखें
| चरण | तारीख | विवरण |
|---|---|---|
| घर-घर सत्यापन | 4 नवंबर 2025 | BLO द्वारा मतदाताओं का व्यक्तिगत सत्यापन |
| ड्राफ्ट रोल प्रकाशन | 9 दिसंबर 2025 | प्रारंभिक मतदाता सूची सार्वजनिक |
| अंतिम रोल जारी | 7 फरवरी 2026 | अंतिम मतदाता सूची प्रकाशन |
मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया
इस पुनरीक्षण के दौरान प्रत्येक मतदाता का नाम 2002-2004 के पिछले गहन पुनरीक्षण रिकॉर्ड से मिलाया जाएगा। जो मतदाता पुराने रिकॉर्ड से मेल नहीं खा पाएंगे, उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा और पात्रता साबित करने वाले दस्तावेज़ जमा करने होंगे। यह कदम मतदाता सूची की शुद्धता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
पहला चरण: बिहार में हुआ सफल संचालन
ECI ने 24 जून 2025 को देशव्यापी SIR की शुरुआत की थी, जिसका पहला चरण बिहार से शुरू हुआ था। बिहार में इस प्रक्रिया के दौरान सभी मतदाताओं को अपने एन्यूमरेशन फॉर्म भरने को कहा गया था। 30 सितंबर 2025 को बिहार की अंतिम मतदाता सूची जारी की गई, जिसमें मतदाताओं की संख्या 6 प्रतिशत घटकर 7.42 करोड़ रह गई।मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि किसी भी निर्णय के खिलाफ कोई अपील नहीं हुई, जो इस प्रक्रिया की पारदर्शिता को दर्शाता है।
SIR अभियान का उद्देश्य
यह विशेष पुनरीक्षण अभियान लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसका मकसद है —
- फर्जी और दोहराए नामों को हटाना
- मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नामों का निष्कासन
- 18 वर्ष के नए मतदाताओं को सूची में शामिल करना
- हर बूथ पर सटीक और अद्यतन मतदाता डेटा तैयार करना
मुख्य निर्वाचन आयुक्त का बयान
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा —
“यह प्रक्रिया हमारे लोकतंत्र की नींव को और मजबूत बनाएगी। हर योग्य नागरिक का नाम मतदाता सूची में शामिल करना हमारा संवैधानिक दायित्व है।”
निर्वाचन आयोग का यह निर्णय देशभर में पारदर्शी, सटीक और विश्वसनीय चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करेगा। यह कदम लोकतंत्र के स्तंभों को मजबूत करने और हर नागरिक को मतदान का अधिकार सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।
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