Team India: भारत के टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव की चमक भले ही अभी मद्धम हो, लेकिन आने वाली ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ उनके लिए बेहद अहम साबित हो सकती है। पिछले 14 मैचों में केवल 126 रन, औसत महज़ 10.50। ये आंकड़े एक ऐसे खिलाड़ी के हैं, जिसने टी20 क्रिकेट को नई दिशा दी थी। अब जब शुभमन गिल जैसे युवा उनके पीछे खड़े हैं, तो हर मैच उनके भविष्य को तय करने वाला हो सकता है।
READ MOR: झारखंड की धरती पर उभरते खिलाड़ियों का जलवा, 43 टीमों के बीच दमखम की जंग शुरू
‘अच्छा दौर-बुरा दौर, सब चलता रहता है‘
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब उनसे फ़ॉर्म को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा,
‘रन आ जाएंगे, लेकिन टीम के लिए मेहनत करना ज़्यादा ज़रूरी है।’
सूर्या की यही सहजता उन्हें अलग बनाती है। वह न कभी घबराते दिखते हैं, न निराश। चाहे रन बनें या न बनें, वह मैदान पर हमेशा उत्साहित और हंसते-मुस्कुराते रहते हैं। एशिया कप के दौरान भी उन्होंने कहा था –
‘मैं आउट ऑफ रन नहीं हूं, बस आउट ऑफ टच हूं।’
फ़ॉर्म की बहस बनाम टीम की कामयाबी
अगर आंकड़ों से हटकर देखा जाए, तो भारत ने सूर्यकुमार की कप्तानी में शानदार प्रदर्शन किया है। पिछले 29 मैचों में भारत ने 25 जीते हैं। ऐसे में उनकी व्यक्तिगत फ़ॉर्म पर चर्चा, कई बार टीम की सफलता के नीचे दब जाती है। लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं, कप्तान का बल्ला चलना उतना ही ज़रूरी है जितना उनकी रणनीति। लंबे समय तक कप्तान का खराब दौर टीम का मनोबल गिरा सकता है।
READ MORE:
गंभीर का समर्थन, ‘हमारी सोच आक्रामक है‘
टीम इंडिया के कोच गौतम गंभीर ने जियोहॉटस्टार को बताया —
‘सूर्या की फ़ॉर्म से मैं चिंतित नहीं हूं। हमारी टीम अल्ट्रा-अटैकिंग अप्रोच के साथ खेलती है। इस सोच में असफलता आना स्वाभाविक है।’
गंभीर के मुताबिक़ अगर सूर्यकुमार सुरक्षित खेलें, तो 30 गेंदों में 40 रन बना सकते हैं, लेकिन टीम का दर्शन कुछ और है — “असफल होना मंज़ूर है, डर कर खेलना नहीं।”
संघर्ष के बावजूद क्लास कायम
सूर्यकुमार की बल्लेबाज़ी में कोई तकनीकी कमी दिखाई नहीं दी। उनके शॉट, टाइमिंग और पोज़िशन पहले जैसे ही हैं। न तो वह किसी ख़ास गेंदबाज़ी के सामने संघर्ष करते दिखे, न ही किसी एक पैटर्न में आउट हुए।

यह याद रखना चाहिए कि आईपीएल 2025 में उन्होंने 16 पारियों में 717 रन बनाए थे — 167.90 के स्ट्राइक रेट के साथ। यह साबित करता है कि उनका टच पूरी तरह खत्म नहीं हुआ, बस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लय नहीं मिल पा रही।
टीम इंडिया के लिए ‘सूर्य’ का जलना क्यों ज़रूरी है
भारत के पास यशस्वी जायसवाल, तिलक वर्मा, अभिषेक शर्मा और अक्षर पटेल जैसे युवा हैं जो योगदान दे रहे हैं। लेकिन सूर्यकुमार जैसा “360 डिग्री” बल्लेबाज़ कोई नहीं। उनके शॉट मैदान के हर कोने में पड़ते हैं, और यही विरोधी कप्तानों के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द है। अगर वे लय में लौटते हैं, तो भारत की बल्लेबाज़ी एक नई ऊंचाई पर पहुंच सकती है। लेकिन अगर उनका सूखा दौर जारी रहता है, तो विरोधी कप्तान आधा काम यहीं पूरा समझ लेंगे।
आयु और प्रतिस्पर्धा दोनों चुनौती हैं
35 की उम्र में हर नाकामी सवाल उठाती है “क्या रिफ्लेक्स धीमे हो रहे हैं? क्या युवाओं को मौका देना चाहिए?” शायद जवाब न में हो, लेकिन चयनकर्ता और फैंस के मन में ये सवाल ज़रूर घूमने लगते हैं। भारत के पास शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल, और शreyas अय्यर जैसे खिलाड़ी हैं जो फॉर्म में हैं। ऐसे में सिलेक्टर्स की सहनशीलता सीमित है।
ऑस्ट्रेलिया: सबसे बड़ी परीक्षा
ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ सूर्यकुमार यादव के लिए दोहरी परीक्षा होगी। कप्तान और बल्लेबाज़, दोनों के रूप में। यह एशिया से बाहर उनकी सबसे कठिन चुनौती है मैदान होंगे मेलबर्न, गोल्ड कोस्ट और ब्रिस्बेन जैसे तेज़ विकेट जहां उछाल और गति दोनों रहती है। यहां छोटी-सी गलती भी बड़ी बन सकती है। 2022 के वर्ल्ड कप में उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर शानदार प्रदर्शन किया था — 239 रन, 59.75 की औसत, 189.86 का स्ट्राइक रेट। लेकिन तब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ नहीं खेला था। इस बार, वही असली परीक्षा है।
कप्तान का सूखा दौर: टीम पर असर
किसी भी टीम में कप्तान का बल्ला चलना नेतृत्व को और मज़बूत बनाता है। अगर कप्तान रन नहीं बना रहा, तो टीम के भीतर भी दबाव बढ़ता है।
वर्ल्ड कप बस चार महीने दूर है । ऐसे में भारत को अपने सबसे अनुभवी टी20 बल्लेबाज़ से रन चाहिए। कप्तानी के साथ सूर्यकुमार के कंधों पर दो ज़िम्मेदारियाँ हैं टीम की रणनीति और अपनी फ़ॉर्म। दोनों में संतुलन ही उन्हें लंबे समय तक कप्तान बनाए रख सकता है।
टी20 फॉर्मेट का स्वभाव और धैर्य की ज़रूरत
टी20 ऐसा फॉर्मेट है, जहां दो-तीन खराब मैचों से औसत गिर जाता है। सूर्या जैसे आक्रामक खिलाड़ी हमेशा रिस्क लेंगे, और कभी-कभी नतीजा विपरीत होगा। लेकिन यह उनकी शैली का हिस्सा है, कमजोरी नहीं।हर महान बल्लेबाज़ के करियर में एक “लीन पैच” आता है लेकिन वह उन्हें और मज़बूत बनाता है।
नतीजा तय करेगा भविष्य
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैच और शायद यही तय करेंगे कि सूर्यकुमार यादव अगले टी20 वर्ल्ड कप में भारत की कप्तानी करेंगे या नहीं।
अगर उन्होंने रन बनाए, तो बहस बंद हो जाएगी; अगर नहीं, तो सवाल उठेंगे। उनके पास मौका है कि वो आलोचकों को जवाब दें, उसी मुस्कान के साथ, उसी अंदाज़ में, जिसने उन्हें “मिस्टर 360” बनाया।
अंतिम पंक्ति
‘अब तक अच्छे माहौल ने बुरे आंकड़ों को छुपा रखा है, लेकिन एक खराब सीरीज़ पूरी बातचीत को चिंता में बदल सकती है।‘
Follow Us: YouTube| TV TODAY BHARAT LIVE | Breaking Hindi News Live | Website: Tv Today Bharat| X | FaceBook | Quora| Linkedin | tumblr | whatsapp Channel | Telegram
