Bihar Election Results 2025 LIVE: बिहार की राजनीति एक बार फिर इतिहास लिखने की दहलीज़ पर खड़ी है। पटना से लेकर सीमांचल तक, मगध से लेकर मिथिला तक हर बूथ, हर स्थानीय कहानी, और हर ज़रूरी जातीय-सामाजिक समीकरण आज एक निर्णायक मोड़ पर है। 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा की मतगणना सुबह 8 बजे शुरू हो चुकी है। शुरुआत होगी डाक मतपत्रों से, इसके बाद ईवीएम खुलेंगी और आंकड़े तेजी से बदलने लगेंगे। असली तस्वीर शाम तक साफ़ होने की उम्मीद है, लेकिन राजनीतिक तापमान अभी से तेज़ है। यह सिर्फ चुनाव नतीजों का दिन नहीं, बल्कि बिहार की दिशा का दिन है, कि यह राज्य सत्ता के किस पक्ष को चुनता है, किस नैरेटिव को आगे बढ़ाता है, और किस नेतृत्व पर भरोसा करता है।
NDA बनाम महागठबंधन, एक तरफ सत्ता का अनुभव, दूसरी तरफ बदलाव का दावा
रात भर चला इंतज़ार, दिन की शुरुआत होते ही बदला माहौल। एक तरफ एनडीए, जिसमें बीजेपी, जेडीयू और चिराग पासवान की एलजेपी राम विलास शामिल है, सत्ता में वापसी का भरोसा जता रहा है। दूसरी तरफ महागठबंधन, जिसमें राजद और कांग्रेस मुख्य चेहरे हैं, दावा कर रहा है कि जनता “बदलाव” के नाम पर मतदान कर चुकी है। तेजस्वी यादव इस चुनावी मैदान में विपक्ष के चेहरे रहे। उन्होंने बेरोज़गारी, आर्थिक बदहाली और “नए बिहार” का वादा लेकर वोट मांगा। वहीं एनडीए ने विकास, सुशासन, और स्थिर नेतृत्व को अपनी उपलब्धि बताया। सबसे बड़ा सवाल क्या नीतीश कुमार एक और बार मुख्यमंत्री बनेंगे? या यह चुनाव उनके राजनीतिक सफर में एक नया अध्याय लिख देगा?
काउंटिंग शुरू पहले डाक मतपत्र, फिर ईवीएम से आने लगेंगे रुझान
सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हुई। जैसे-जैसे टेबल बढ़ते जाएंगे, वैसे-वैसे तस्वीर बदलती जाएगी। चुनाव आयोग के मुताबिक,
- पहले डाक मतपत्रों की गिनती
- फिर ईवीएम की गणना
- दोपहर 12 बजे तक पहले साफ़ रुझान
- और शाम तक यह तय हो जाएगा कि पटना की कुर्सी किसे मिल रही है।
चुनाव आयोग ने संकेत दिया है कि अंतिम आधिकारिक परिणाम देर रात तक भी खिंच सकते हैं, लेकिन बिहार अपनी पसंद शाम तक साफ़ कर देगा।
बहुमत का जादुई आंकड़ा-122
243 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत का जादुई आंकड़ा 122 का है। यहीं से तय होगा कि बिहार की अगली सरकार कौन बनाएगा।
कई हॉट सीटें राघोपुर, महुआ से लेकर सीमांचल तक सबकी निगाहें
इस चुनाव की बहुत सारी कहानियां हैं।
- तेजस्वी यादव की राघोपुर सीट क्या वे अपने गढ़ को बचा पाएंगे?
- महुआ, जहां तेजस्वी के भाई का चुनावी संघर्ष सुर्खियों में है।
- अलीनगर, जहां बीजेपी ने मैथिली संस्कृति का बड़ा चेहरे बन चुकीं मैथिली ठाकुर को मैदान में उतारा।
- और सबसे अहम सीमांचल के चार जिले: किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया।
यही वो क्षेत्र है जो बिहार के सत्ता संतुलन को पलटने की क्षमता रखता है।
ज़्यादातर एग्ज़िट पोल ने दी NDA को बढ़त एक पोल ने सुनाया अलग संगीत
आज से दो दिन पहले तक माहौल ऐसा था कि एग्ज़िट पोल बीजेपी और एनडीए को स्पष्ट बढ़त दे रहे थे।
- टुडेज़ चाणक्य, मैट्रिक्स, पी-मार्क, पीपुल्स पल्स—all predicted NDA comfort win.
- Axis My India ने कड़ा मुकाबला और NDA की मामूली जीत के संकेत दिए।
लेकिन एक सर्वे ने सबको चौंका दिया—
Journo Mirror ने महागठबंधन को 130-140 सीटों के साथ साफ़ बहुमत का दावा किया।
यही वजह है कि सुबह शुरू होते ही राजनीतिक गलियारों में बेचैनी भी है और उम्मीद भी।
उच्च मतदान से बदली हवा?
इस बार बिहार ने अभूतपूर्व मतदान किया:
- पहला चरण — 65.08%,
- दूसरा चरण — 69.20%,
1951 के बाद यह सबसे बड़ा मतदान।
इतना अधिक मतदान सत्ता-विरोधी लहर का संकेत भी हो सकता है और बदलाव की इच्छा का भी।
चुनावी बयानबाज़ी ‘नेपाल जैसी स्थिति’ वाले बयान से राजनीति गरम
परिणाम से ठीक पहले एक विवाद भी उभरा। राजद के नेता सुनील कुमार ने कहा कि अगर वोटों की गिनती रोकी गई तो नेपाल जैसा माहौल बन सकता है। यह बयान चुनाव आयोग और एनडीए दोनों को अखरा, और दिनभर की सुर्खियां बना।
आख़िर में असली सवाल बिहार किसे चुन रहा है?
1,302 उम्मीदवार पहले चरण में 1,314 उम्मीदवार दूसरे चरण में कुल मिलाकर 2,600 से अधिक दावेदारों का भविष्य ईवीएम में बंद है। पर असली सवाल सिर्फ इतना नहीं कि कौन जीतेगा
सवाल यह है कि बिहार आगे किस दिशा में जाना चाहता है?
क्या जनता स्थिरता को चुनेगी या बदलाव को? क्या युवा रोजगार वाले सपनों के साथ खड़ा होगा या जातीय-सामाजिक ताने-बाने का पुराना गणित इस बार भी असर करेगा? आज शाम तक बिहार अपने जनादेश के साथ खड़ा होगा खुलकर, साफ़ तौर पर।और फिर हर राजनीतिक दल कोएक नई शुरुआत करनी होगीचाहे सत्ता में हो या विपक्ष में।
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