Nityanand Rai on Bihar Election Results 2025: पटना की हवा आज अलग है। सुबह से शुरू हुई वोटों की गिनती जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, राजनीतिक टेंशन के बीच एक बयान ने पूरे माहौल को और ज्यादा अर्थपूर्ण बना दिया । केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय का। पटना के चुनावी केन्द्र पर मीडिया से बातचीत में उन्होंने सिर्फ रुझानों पर प्रतिक्रिया नहीं दी, बल्कि बिहार की राजनीति की अगली रूपरेखा भी शब्दों में उकेर दी।
नित्यानंद राय ने कहा, यह सिर्फ एक चुनाव का नतीजा नहीं, यह बिहार की जनता का भरोसा है। जो दिशा उन्होंने तय की है, वही आज रुझानों में दिख रही है। उनकी बातों में आत्मविश्वास था, लेकिन राजनीति की भाषा में आत्मविश्वास जितना दिखता है, उतना ही छुपाता भी है। रुझानों में NDA आगे दिखाई देता है, लेकिन मुकाबला उतना सरल नहीं जितना शुरुआती घंटों में लग रहा था।
पटना के गणना केंद्रों पर माहौल बेहद तना हुआ है। हर 10 मिनट पर बदलती बढ़तें अलग-अलग दफ्तरों के अंदर चेहरे का रंग बदल रही हैं। और ऐसे समय नित्यानंद राय का यह कहना कि “बिहार जाति नहीं, विकास पर मत दे रहा है”—चुनाव की संरचना को समझने वाले किसी भी विश्लेषक को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या यह राजनीतिक बयान है या भविष्य की राजनीतिक रणनीति का संकेत।
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नित्यानंद राय ने आगे कहा, प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व, गरीबों का विश्वास, और बिहार के गांव-गांव में पहुंच चुकी योजनाएंये सब मिलकर जनता का फैसला तय कर रही हैं। यह निर्णय विकास के लिए है, स्थिरता के लिए है। यहां उनकी भाषा में वही राजनीतिक टोन था, जो केंद्र की ताकत को राज्य के जनादेश से जोड़ने की कोशिश करता है।
लेकिन सवाल यह है कि क्या बिहार की राजनीति वाकई विकास बनाम जाति की नई धुरी पर खड़ी हो चुकी है? या फिर यह सिर्फ विजेता पक्ष का आत्मविश्वास भरा दावा है? गिनती के बीच जिन सीटों पर अंतर बेहद कम है, वे अपने आप में संकेत दे रही हैं कि मुकाबला कितना गहरा और कितना बहुस्तरीय है।
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नित्यानंद राय का यह कहना कि महागठबंधन जनता के मुद्दों से दूर था, उसके पास न दिशा थी, न नेतृत्व आज के राजनीतिक माहौल को भले एक पक्ष की नजर से बताता हो, लेकिन इसे बिहार की राजनीतिक जमीन पर आखिरी सच्चाई नहीं माना जा सकता। क्योंकि महागठबंधन जिन सामाजिक समीकरणों पर भरोसा कर रहा है, वे अभी भी कई सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाते दिख रहे हैं।
पटना के बाहर, ग्रामीण इलाकों में, जहां आज भी सड़क से ज्यादा रोजगार का सवाल बड़ा है वहां के रुझान चुनाव की असल तस्वीर का महत्वपूर्ण हिस्सा होंगे। फिर भी, नित्यानंद राय के बयान का राजनीतिक वजन इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि वह सिर्फ एक नेता नहीं, बिहार में NDA की रणनीति का केंद्रीय चेहरा हैं। उनका हर शब्द सत्ता पक्ष के आत्मविश्वास, चुनावी तैयारी और राजनीतिक संदेश तीनों का मिश्रण होता है।
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उन्होंने कहा, हमारे लिए सत्ता नहीं, सेवा महत्वपूर्ण है। जनता जिस जिम्मेदारी के साथ वोट कर रही है, हम उसी निष्ठा के साथ काम करेंगे। आज की गिनती का फैसला कुछ भी हो, लेकिन नित्यानंद राय के इस बयान ने यह साफ कर दिया है कि चुनावी लड़ाई केवल सीटों की नहीं, बिहार की राजनीतिक दिशा की है।
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