Yogi government rural women empowerment: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण के कई सफल मॉडल पेश कर रही है। इन्हीं में से एक मॉडल है ‘बिजली सखी योजना’, जिसने न सिर्फ महिलाओं के लिए रोजगार का नया मार्ग खोला है, बल्कि गांवों में बिजली सेवाओं को भी अधिक सुलभ और पारदर्शी बनाया है। प्रयागराज जिले में इस योजना ने 324 महिलाओं की जिंदगी बदल दी है। जो महिलाएं कभी घरेलू जिम्मेदारियों तक सीमित रहती थीं, आज वे आत्मनिर्भर बनकर पूरे गांव की ‘ऊर्जा दूत’ बन चुकी हैं।
Read More: बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर आदिवासी विकास को बड़ी सौगात, ₹11,700 करोड़ का मेगा पैकेज लॉन्च
क्या है ‘बिजली सखी’ योजना?
योगी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली बिलिंग और उपभोक्ता सेवाओं को सुधारने के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को ‘बिजली सखी’ के रूप में नियुक्त किया। इनका काम है,
- घर-घर जाकर बिजली बिल देना
- मीटर रीडिंग करना
- बकाया वसूली करना
- बिजली संबंधी छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान कराना
- उपभोक्ताओं को योजनाओं की जानकारी देना
इससे ग्रामीण उपभोक्ताओं को नगरों की तरह तेज और भरोसेमंद सेवा मिलने लगी है।
Also More: हर घर तक सरकार की योजनाएं… चुनाव जीतने के बाद कुछ ऐसी है मैथिली ठाकुर की प्लानिंग
प्रयागराज में सफलता की नई कहानी
प्रयागराज जिले में 324 महिलाओं को इस योजना से जोड़ा गया है। पहले ये महिलाएं आर्थिक रूप से कमजोर थीं और अपने परिवार के लिए स्थिर आय का साधन नहीं ढूंढ पा रही थीं। लेकिन बिजली सखी बनते ही उनकी मासिक आय 8,000 से 12,000 रुपये तक पहुंच गई। कई महिलाएं इससे अधिक भी कमा रही हैं। इन महिलाओं की पहचान आज गांव में किसी सामान्य महिला के रूप में नहीं, बल्कि ‘सशक्त और आत्मनिर्भर महिला’ के रूप में होती है। गांव के लोग बिजली से संबंधित समस्याओं पर सबसे पहले इन्हीं से संपर्क करते हैं।
कैसे बदली इन महिलाओं की जिंदगी?
पहले महिलाओं के पास नियमित आय का साधन नहीं था। लेकिन बिजली सखी बनने के बाद उन्होंने खुद के खर्च से लेकर बच्चों की पढ़ाई और परिवार की जरूरतों में आर्थिक योगदान देना शुरू किया।
आत्मविश्वास और सामाजिक पहचान में बढ़ोतरी
घर-घर जाकर उपभोक्ताओं से मिलना, बिल समझाना, रसीद देना और समस्याओं का समाधान कराने से महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है। अब वे सार्वजनिक बैठकों, पंचायतों और विभागीय अधिकारियों से बिना झिझक बातचीत कर रही हैं।
डिजिटल साक्षरता का विकास
बिजली सखियों को स्मार्टफोन आधारित ऐप से बिलिंग, मीटर रीडिंग और भुगतान की जानकारी दर्ज करनी होती है। इससे उनकी डिजिटल स्किल मजबूत हुई है, जो आगे किसी भी रोजगार में मददगार साबित होगी।
ALSO MORE: पीयूष गोयल ने मुंबई में बिरसा मुंडा कार्यक्रम में की शिरकत, जनजातीय गौरव दिवस पर बड़ा ऐलान
ग्रामीण बिजली व्यवस्था में सुधार
उपभोक्ताओं को बिल समय पर मिलने लगा है, जिसकी वजह से वसूली भी बढ़ी है। बिजली विभाग के अधिकारियों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में शिकायतें कम हुई हैं और पारदर्शिता बढ़ी है।
सरकार का लक्ष्य, हर गांव में महिला ऊर्जा दूत
योगी सरकार का लक्ष्य है कि हर ग्राम पंचायत में बिजली सखियां नियुक्त हों, ताकि ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मिले और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा। सरकार के मुताबिक आने वाले महीनों में और भी महिलाओं को इस योजना से जोड़ा जाएगा। यह मॉडल पूरे प्रदेश में तेजी से फैलाया जा रहा है।
Also More: शांभवी चौधरी की महागठबंधन को सीधी नसीहत, अपनी हार को एक्सेप्ट करना चाहिए
प्रयागराज की 324 बिजली सखियों की सफलता सिर्फ एक योजना की उपलब्धि नहीं, बल्कि ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण की मिसाल है। योगी सरकार द्वारा शुरू की गई यह पहल बताती है कि सही अवसर और दिशा मिले तो गांव की महिलाएं भी किसी क्षेत्र में पीछे नहीं रहतीं। आज वे न सिर्फ अपने परिवार की आर्थिक रीढ़ बनी हैं, बल्कि पूरे गांव की ‘बिजली व्यवस्था’ की मजबूत कड़ी बन चुकी हैं। यह मॉडल ग्रामीण विकास के साथ-साथ समाज में महिलाओं की बदलती भूमिका और बढ़ती शक्ति का प्रतीक है।
Follow Us: YouTube| TV TODAY BHARAT LIVE | Breaking Hindi News Live | Website: Tv Today Bharat| X | FaceBook | Quora| Linkedin | tumblr | whatsapp Channel | Telegram
