Shalini Mishra on Lalu Family Feud: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA की ऐतिहासिक जीत के बाद केसरिया विधानसभा सीट से जीत दर्ज करने वाली JDU उम्मीदवार शालिनी मिश्रा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने पूरी बिहार की जनता को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह जीत जनता के विश्वास, विकास की इच्छा और ‘जंगल राज’ की वापसी को रोकने के संकल्प की जीत है। अपने बयान में शालिनी मिश्रा ने कहा, ‘मैं बिहार की पूरी जनता का अभिनंदन करती हूँ। NDA की यह शानदार जीत इस बात का प्रमाण है कि लोग ‘जंगल राज’ नहीं चाहते। प्रदेश आज विकास, सुरक्षा और स्थिरता की राह पर आगे बढ़ना चाहता है।’लालू परिवार की कलह पर प्रतिक्रिया, यह किसी भी परिवार में नहीं होना चाहिए’
चुनाव परिणामों के बीच RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य द्वारा परिवार के भीतर उठाए गए गंभीर सवालों की चर्चा पूरे राज्य में हो रही है। रोहिणी ने अपने पोस्ट में तेजस्वी यादव, संजय यादव और अन्य पर आरोप लगाए थे कि पार्टी के भीतर मतभेद बढ़ते जा रहे हैं और परिवार में उनके साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया। इसी मुद्दे पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए शालिनी मिश्रा ने कहा, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। किसी भी परिवार में ऐसी स्थिति नहीं होनी चाहिए। अगर कोई बेटी या बहन इस तरह सार्वजनिक रूप से बोलने पर मजबूर हो जाए, तो निश्चित रूप से परिवार में कुछ गंभीर मुद्दे हैं।
उन्होंने आगे कहा, यह कहना गलत है कि तेजस्वी यादव अकेले राजनीति कर रहे हैं। वह लालू यादव के बेटे हैं, इसलिए उनकी राजनीति उसी आधार पर चलती है। लेकिन उन्हें पहले अपने परिवार को संभालना चाहिए, उसके बाद बिहार की बात करनी चाहिए।’ इसके बाद शालिनी मिश्रा ने एक मार्मिक अभिव्यक्ति देते हुए कहा, मैं दिल से कामना करती हूँ कि उनका परिवार एकजुट रहे। परिवार में सम्मान और संवाद बना रहना चाहिए।
‘NDA की जीत बिहार के भरोसे की जीत है’
चुनाव नतीजों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए शालिनी मिश्रा ने कहा कि बिहार की जनता यह जानती है कि विकास किसके नेतृत्व में हो सकता है। उन्होंने कहा कि NDA के शासन में सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं पर लगातार काम हुआ है और यही भरोसा लोगों को एक बार फिर NDA की ओर ले आया। उनके अनुसार, महागठबंधन की राजनीति भ्रम, विरोधाभास और परिवारवाद में उलझी रही। जनता ने इस बार स्पष्ट जनादेश दिया है कि बिहार को पीछे नहीं जाना।’
केसरिया में शालिनी मिश्रा की जीत के पीछे क्या कारण?
केसरिया सीट पर JDU लंबे समय से मजबूत स्थिति में रही है। इस बार भी कई कारण शालिनी मिश्रा की जीत के केंद्र में रहे, स्थानीय मुद्दों पर सक्रियता, महिलाओं और युवाओं के बीच पकड़ केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का प्रभाव, NDA की एकजुट चुनावी रणनीति महागठबंधन की आंतरिक कलह और कमजोर ग्राउंड मैनेजमेंट जनता ने उन्हें विकास और सरल छवि के आधार पर भरोसा दिया।
‘जंगल राज बनाम विकास’ चुनाव का बड़ा नैरेटिव
इस चुनाव में सबसे बड़ा विमर्श रहा , ‘क्या बिहार फिर जंगल राज की ओर लौटेगा, या विकास की राजनीति आगे बढ़ेगी?’ NDA ने इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया और मतदाता भी इससे सहमत दिखे। शालिनी मिश्रा के बयान से भी यही स्पष्ट होता है कि जनता अब अराजकता और अस्थिरता के दिनों को पीछे छोड़ चुकी है।
लालू परिवार की लड़ाई का राजनीतिक असर
RJD के भीतर चल रही अंदरूनी कलह ने पार्टी को चुनावी नुकसान पहुंचाया। रोहिणी आचार्य, रागिनी, चंदा और राजलक्ष्मी जैसी परिवार की कई बेटियों का असंतोष सार्वजनिक होना RJD की छवि को कमजोर करता रहा। शालिनी मिश्रा का बयान इस मुद्दे को और गहराई से राजनीतिक विमर्श में ले आता है।
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JDU नेता शालिनी मिश्रा की यह प्रतिक्रिया सिर्फ एक राजनीतिक टिप्पणी नहीं है, बल्कि बिहार की बदलती राजनीतिक मानसिकता का भी संकेत है। एक ओर NDA अपनी जीत को विकास और स्थिरता की मंजूरी मान रहा है, तो दूसरी ओर RJD गंभीर पारिवारिक और संगठनात्मक संकट से गुजर रहा है। शालिनी मिश्रा ने जनता को धन्यवाद देते हुए कहा, ‘यह जीत मेरे लिए नहीं, बल्कि बिहार के सम्मान और उज्ज्वल भविष्य की जीत है।’ और लालू परिवार को संदेश दिया, परिवार पहले, राजनीति बाद में। मैं कामना करती हूँ कि उनका परिवार हमेशा एकजुट रहे।,
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