New Delhi, 4 September 2025 TTB: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वॉन्ग ने नई दिल्ली में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया, जो दोनों देशों के बीच हाल ही में हुए स्मारक ज्ञापनों (MoUs) के आदान-प्रदान के बाद हुई। इस अवसर पर दोनों नेताओं ने भारत और सिंगापुर के बीच रणनीतिक, आर्थिक और तकनीकी सहयोग को और मजबूत करने के अपने संकल्प को दोहराया।
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय संबंध वर्षों से मजबूत और स्थिर रहे हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, नवाचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में साझेदारी लगातार बढ़ रही है। मोदी ने कहा, “सिंगापुर हमारे लिए सिर्फ एक आर्थिक भागीदार नहीं है, बल्कि वह हमारे लिए रणनीतिक और तकनीकी सहयोग का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र है।”

सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वॉन्ग ने भी भारत के साथ मजबूत और व्यापक सहयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सिंगापुर और भारत के बीच उच्च तकनीकी क्षेत्र, स्मार्ट शहर परियोजनाएं, डिजिटल अर्थव्यवस्था और हरित ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के कई अवसर हैं। लॉरेंस वॉन्ग ने यह भी कहा कि दोनों देश क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के लिए मिलकर काम करेंगे।
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इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दोनों देशों ने कई महत्वपूर्ण MoU पर हस्ताक्षर किए, जिनमें वित्तीय सेवाओं, सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा, जल प्रबंधन और स्मार्ट शहर परियोजनाएं शामिल हैं। मोदी ने बताया कि यह समझौता दोनों देशों के बीच निवेश और व्यापार को बढ़ावा देने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय उद्यमियों और सिंगापुर के निवेशकों के लिए यह नई संभावनाओं के द्वार खोलने वाला कदम है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच सुरक्षा सहयोग और रणनीतिक साझेदारी लगातार मजबूत हो रही है। उन्होंने बताया कि दोनों देश समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग करेंगे।

दोनों नेताओं ने मीडिया के सामने मित्रता और आपसी सम्मान पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत और सिंगापुर के संबंध केवल राजनीतिक या आर्थिक नहीं हैं, बल्कि यह संस्कृति, शिक्षा और लोगों के बीच गहरे संबंध पर भी आधारित हैं।
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प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और सिंगापुर आर्थिक और रणनीतिक दृष्टि से एक-दूसरे के लिए महत्वपूर्ण साझेदार हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले वर्षों में दोनों देशों के बीच विपुल निवेश, व्यापार, प्रौद्योगिकी और शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक अवसर पैदा होंगे।
सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वॉन्ग ने भी इस अवसर पर कहा कि उनका देश भारत के साथ लंबे समय तक सहयोग की प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ेगा और दोनों देशों के बीच संपर्क और सहयोग के नए आयाम स्थापित होंगे।
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इस प्रकार, इस संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस ने भारत और सिंगापुर के बीच गहरे और व्यापक संबंधों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में महत्वपूर्ण संदेश दिया।
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