bihar assembly election– आगामी बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर केंद्रीय निर्वाचन आयोग (ECI) की तैयारियों का जायजा लेने के लिए दो दिवसीय दौरे पर पटना पहुंचे मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ग्यानेश कुमार ने रविवार को कहा कि चुनाव आयोग जल्द ही यह निर्णय लेगा कि चुनाव एक, दो या तीन चरणों में होंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी पहलुओं का संतुलित मूल्यांकन किया जा रहा है।
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इस मौके पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में दो निर्वाचन आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी तथा शीर्ष ECI अधिकारी भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि आयोग ने आगामी बिहार चुनावों के लिए 17 नई पहल की हैं, जिनका असर भविष्य में पूरे देश में दिखाई देगा।

चरणों में चुनाव: फायदे और नुकसान का विचार
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा,
“हम जल्द ही तय करेंगे कि चुनाव एक, दो या तीन चरणों में होंगे। इसके फायदे और नुकसान पर विचार करने के बाद निर्णय लिया जाएगा।”
पिछले दिनों बिहार के प्रमुख राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से अपील की थी कि आगामी दीवाली और छठ पर्व को ध्यान में रखते हुए चुनाव कम चरणों में कराए जाएं। CEC ने यह भी स्पष्ट किया कि 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा का चुनाव 22 नवंबर से पहले संपन्न कर लिया जाएगा।
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बिहार में चुनाव तैयारियों का जायजा
दो दिवसीय दौरे के दौरान CEC ने राज्य के डिवीजनल कमिश्नर, डीएम, SPs, DIGs, IGs, मुख्य सचिव, DGP और नोडल अधिकारियों के साथ बैठक कर कानून व्यवस्था और चुनाव तैयारियों का मूल्यांकन किया।
उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत भोजपुरी, मैथिली और हिंदी में कर बिहार और देशभर के मतदाताओं को शुभकामनाएँ दी। साथ ही उन्होंने SIR (Special Intensive Revision) के सफल समापन पर भी बधाई दी।
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SIR पर CEC का बयान
CEC ने SIR की सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा कि विपक्ष द्वारा की गई आलोचनाओं के बावजूद यह प्रक्रिया कानूनी और आवश्यक थी। उन्होंने कहा:
“लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत, चुनाव आयोग को हर चुनाव से पहले मतदाता सूची का संशोधन करने का कानूनी अधिकार है। SIR पूरी तरह से निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार किया गया।”
- प्रत्येक 243 विधानसभा क्षेत्र में ERO (Electoral Registration Officer) नियुक्त थे।
- 90,207 BLOs ने घर-घर जाकर सूची की समीक्षा की।
- अंतिम संशोधित मतदाता सूची सभी राजनीतिक दलों को साझा की गई है, जिससे किसी भी विसंगति के सुधार के लिए आवेदन किया जा सकता है।
CEC ने यह भी कहा कि नाम हटाए जाने वाले मतदाता मृतक, गैर-नागरिक, स्थायी रूप से स्थानांतरित या डुप्लीकेट प्रविष्टियां थे।
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महिला मतदाताओं के नाम हटने पर CEC की प्रतिक्रिया
CEC ने कहा कि सभी मतदाताओं को लिंग भेदभाव के बिना सूची में नामांकन फॉर्म दिए गए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई योग्य मतदाता सूची में शामिल नहीं हुआ है, तो वह नामांकन प्रक्रिया शुरू होने तक फॉर्म जमा कर सकता है।
बिहार की अंतिम मतदाता सूची का विवरण
| श्रेणी | जून 24 (पिछली अपडेट) | 30 सितंबर (अंतिम SIR के बाद) | परिवर्तन |
|---|---|---|---|
| कुल मतदाता | 7.89 करोड़ | 7.42 करोड़ | -47 लाख |
| हटाए गए नाम (ड्राफ्ट सूची, 1 अगस्त) | – | 65 लाख | – |
| बाद में जोड़े गए नाम | – | 21 लाख | + |
| अंतिम हटाए गए नाम | – | 3.66 लाख | – |
CEC ने कहा कि 7.42 करोड़ मतदाता ने SIR का स्वागत किया।
आगामी चुनावों के लिए ECI की नई पहल
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बिहार विधानसभा चुनावों के लिए कई नई पहल की घोषणा की:
- मतदाता सीमा: प्रत्येक मतदान केंद्र पर अब 1,200 मतदाता होंगे, जबकि पहले यह 1,500 थे।
- मोबाइल फोन का नियमन: मतदान केंद्र के अंदर मोबाइल ले जाना निषिद्ध होगा; बाहर रखने के लिए बैग की व्यवस्था।
- EPIC वितरण तेज़: पंजीकरण के 15 दिनों में पहचान पत्र उपलब्ध।
- BLOs को भी पहचान पत्र।
- वेबकास्टिंग 100%: पहले यह 50-60% थी।
- उम्मीदवार कैम्प 100 मीटर की दूरी पर: मतदान केंद्र से।
- बैलट पेपर में सुधार: बड़े अक्षर में क्रम संख्या और रंगीन उम्मीदवार फोटो।
- गणना में सुधार: Form 17C और EVM की असंगतियों के मामले में पूरी VVPAT गिनती नहीं करनी होगी।
- डाक मतों की समय पर गिनती।
CEC ने कहा कि ये 17 नई पहल आने वाले चुनावों में पूरे देश में लागू होंगी।
बिहार चुनाव: लोकतंत्र का महापर्व
CEC ने मतदाताओं से अपील की कि वे मतदान को लोकतंत्र का महापर्व मानें। उन्होंने कहा: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में कानून, चुनाव तैयारियाँ और मतदाता सूची की शुद्धता पर जोर दिया जा रहा है। CEC ग्यानेश कुमार ने साफ किया कि आयोग हर कदम पारदर्शी तरीके से उठाएगा और सभी मतदाताओं के अधिकारों की सुरक्षा करेगा। SIR के माध्यम से मतदाता सूची को 22 साल में पहली बार पूरी तरह से शुद्ध किया गया है। आने वाले चुनावों में नए नियम और पहल न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश में लोकतंत्र को मजबूत करने का संदेश देंगे।
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