Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच राजनीतिक बयानबाज़ी चरम पर है। ऐसे समय में बिहार बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और चार बार के सांसद संजय जायसवाल ने एक इंटरव्यू में स्पष्ट किया है कि एनडीए (NDA) में मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हमारा नारा है – पच्चीस से तीस, नरेंद्र और नीतीश।’ जायसवाल, जो पश्चिमी चंपारण से सांसद हैं, इस वक्त अपने क्षेत्र में बीजेपी उम्मीदवारों के लिए प्रचार में जुटे हैं। बातचीत में उन्होंने प्रवास (migration), विकास, विपक्ष की राजनीति और नीतीश कुमार की भूमिका पर खुलकर जवाब दिए।
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प्रवास और रोजगार पर जायसवाल का नजरिया
जायसवाल ने कहा कि बिहार से पलायन (migration) पहले अपराध और असुरक्षा के कारण होता था, लेकिन अब लोग बेहतर अवसरों के लिए बाहर जा रहे हैं।
‘2005 से पहले लोग अपहरण और लूट से बचने के लिए बिहार छोड़ते थे। आज अगर कोई इंजीनियरिंग पास करता है, तो नौकरी के लिए बाहर जाता है — इसमें गलत क्या है?’
उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा —
‘वे पूछते हैं कि बिहारी गुजरात क्यों जाते हैं? तो फिर गुजराती अमेरिका क्यों जाते हैं? जहां बेहतर जीवन मिले, लोग वहीं जाते हैं।’
जायसवाल ने कहा कि बिहार में अब औद्योगिक ढांचा तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में 13 नए इंडस्ट्रियल पार्क बन रहे हैं और कुमार बाग में स्पेशल इकनॉमिक ज़ोन (SEZ) स्थापित किया जा रहा है।
20 साल के NDA शासन पर सवाल का जवाब
जब पूछा गया कि 20 साल के एनडीए शासन में इतना वक्त क्यों लगा, तो जायसवाल ने कहा —
‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में लक्ष्य रखा कि 2017 तक बिहार में विद्युतीकरण पूरा होगा — और आज हर गांव में बिजली है।’
उन्होंने कहा कि कभी चंपटिया का चावल उद्योग बिजली न होने के कारण खत्म हो गया था।
‘पहले ट्रांसफॉर्मर लगना भी जश्न की बात होती थी। आज पूरे क्षेत्र में पावर ग्रिड है, और अब उद्योग वापस लौट रहे हैं।’
‘जंगलराज’ और विपक्ष पर हमला
जायसवाल ने RJD और तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला।
‘तेजस्वी कहते हैं – शाहाबुद्दीन जिंदाबाद, तसलीमुद्दीन जिंदाबाद। इसका क्या मतलब है? वे अपराधियों के परिजनों को टिकट दे रहे हैं — इससे साफ संदेश जाता है कि वे अपराध और अपहरण की राजनीति वापस लाना चाहते हैं।’
उन्होंने कहा कि अगर तेजस्वी यादव अपराधियों की विरासत से माफी मांगते, तो बात अलग होती, लेकिन उनके उम्मीदवारों की सूची बताती है कि वे पुरानी राह पर ही चल रहे हैं।
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महिलाओं के खातों में ₹10,000 पर विपक्ष के आरोप
विपक्ष का आरोप है कि एनडीए चुनाव से पहले महिलाओं को ₹10,000 देकर “संस्थागत रिश्वत” दे रहा है। इस पर जायसवाल ने जवाब दिया —
‘अगर गरीबों को मुफ्त बिजली दी जा रही है, तो इसमें बुरा क्या है? हमने टैक्स कम किया है, योजनाओं के ज़रिए अंतिम व्यक्ति तक मदद पहुंचा रहे हैं। यह बीजेपी की ‘अंत्योदय’ नीति है।’
उन्होंने कहा कि यह पैसे मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत दिए जा रहे हैं, जो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए है, न कि चुनावी रिश्वत।
क्या फिर से नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे?
इस सवाल पर जायसवाल ने 2020 की स्थिति याद दिलाई —
‘मैं उस वक्त प्रदेश अध्यक्ष था। बीजेपी ने 74 सीटें जीतीं और जेडीयू को 43 सीटें मिलीं। फिर भी हमने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया।’
उन्होंने दोहराया कि एनडीए का नारा बिल्कुल स्पष्ट है —
‘पच्चीस से तीस, नरेंद्र और नीतीश।‘
‘इसमें कोई विवाद नहीं है, सबका एकमत है।’
नीतीश कुमार की सेहत पर उठे सवाल
नीतीश कुमार की सेहत पर उठ रहे सवालों पर जायसवाल ने सहज अंदाज़ में कहा —
‘कोई भी गारंटी नहीं दे सकता कि कौन कब तक जीवित रहेगा। लेकिन एनडीए में इस पर कोई मतभेद नहीं है । सब एकमत से मानते हैं कि नीतीश जी ही मुख्यमंत्री रहेंगे।’
बिहार चुनावी माहौल में बीजेपी की रणनीति स्पष्ट है —
‘मोदी का नेतृत्व, नीतीश का अनुभव और NDA की एकजुटता’।
संजय जायसवाल का यह इंटरव्यू बताता है कि बीजेपी किसी भी भ्रम या विवाद की स्थिति से बचते हुए विकास, स्थिरता और विश्वास की राजनीति पर फोकस कर रही है।
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