Local for vocal: बीजेपी के फायरब्रांड पूर्व विधायक ठाकुर संगीत सोम ने जम्मू कश्मीर के हजरतबल दरगाह में अशोक स्तंभ पर हुई तोड़फोड़ को लेकर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है ,उन्होंने कहा, भारत की पहचान केवल इसकी सांस्कृतिक धरोहरों से नहीं, बल्कि उन राष्ट्रीय प्रतीकों से भी है जो हमें एक सूत्र में बांधते हैं। इन्हीं प्रतीकों में सबसे प्रमुख है अशोक स्तंभ। यह केवल एक मूर्ति नहीं, बल्कि हमारे संविधान और राष्ट्र की आत्मा का प्रतीक है। भारतीय संसद से लेकर सरकारी दस्तावेज़, मुद्रा और सरकारी इमारतों तक, हर जगह अशोक स्तंभ हमें यह याद दिलाता है कि हम एक सभ्य, लोकतांत्रिक और मजबूत राष्ट्र के नागरिक हैं।
हाल ही में कुछ समूहों द्वारा अशोक स्तंभ को “ग़ैर-इस्लामी” बताकर अपमानित करने की कोशिश की गई। यह न केवल अज्ञानता का परिचायक है, बल्कि समाज में ज़हर घोलने वाली मानसिकता भी है। सवाल उठता है—अगर किसी को अशोक स्तंभ गैर-इस्लामी लगता है, तो फिर वही लोग जेब में अशोक स्तंभ छपे नोट क्यों रखते हैं? सरकारी पासपोर्ट, राशन कार्ड और योजनाओं का लाभ क्यों उठाते हैं, जिन पर यही राष्ट्रीय प्रतीक अंकित है? यह साफ दिखाता है कि जब व्यक्तिगत स्वार्थ की बात आती है तो सब कुछ जायज़ है, लेकिन जब राष्ट्र की गरिमा की बात आती है, तो वही प्रतीक अचानक “हराम” लगने लगता है। यही असली दोहरापन है।
Read More: नाबालिग छात्रा को अगवा कर 14 दिन तक गैंगरेप, बचकर भागी तो बनाने वालों ने भी किया रेप
भारत विविधताओं से भरा देश है। यहां अलग-अलग धर्म, जाति और संप्रदाय के लोग रहते हैं। सभी को अपने-अपने धर्म का पालन करने की पूरी आज़ादी है। लेकिन जब बात राष्ट्रीय प्रतीकों की हो, तो किसी को भी उन्हें अपमानित करने का अधिकार नहीं है। राष्ट्रध्वज, राष्ट्रगान, राष्ट्रीय चिन्ह और संविधान—ये सब केवल कागज़ी नियम नहीं हैं, बल्कि हमारी एकता और संप्रभुता के प्रतीक हैं।
जो भी समूह या व्यक्ति इन प्रतीकों का अपमान करता है, उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। सबसे पहले उनकी सरकारी सुविधाएँ बंद होनी चाहिए। चाहे वह मुफ्त राशन हो, आयुष्मान योजना का लाभ हो, या पासपोर्ट और मतदान का अधिकार—राष्ट्र विरोधी मानसिकता रखने वालों को इनका हक नहीं मिलना चाहिए। क्योंकि राष्ट्र से ऊपर कोई धर्म या व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं हो सकता।
Read More: पुलिस को चकमा देकर फरार हुआ रेप का आरोपी, पूरे इलाके में सनसनी
दूसरी ओर, विपक्ष की चुप्पी भी बहुत कुछ बयां करती है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य दल कश्मीर में अशोक स्तंभ विवाद पर खामोश हैं। यह खामोशी बताती है कि उनका असली एजेंडा क्या है। जब राष्ट्र सम्मान की बात हो, तो राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर उठकर एकजुट होना चाहिए। लेकिन अफसोस, कुछ दल वोट बैंक की राजनीति में राष्ट्रधर्म भूल जाते हैं।
याद रखिए, चुनाव आते-जाते रहेंगे। लेकिन ऐसे घटनाक्रमों का जवाब केवल आपके वोट की ताक़त से ही दिया जा सकता है। जिस दिन जनता यह तय कर ले कि राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान करने वालों और उनका समर्थन करने वालों को कभी सत्ता तक नहीं पहुंचने देना है, उसी दिन राष्ट्रविरोधी ताकतें स्वतः कमजोर पड़ जाएंगी।
अशोक स्तंभ केवल पत्थर का बना कोई स्मारक नहीं, बल्कि भारत की पहचान है। इसे तोड़ने या अपमानित करने की कोशिश राष्ट्र का अपमान है। इसलिए हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह इन प्रतीकों की रक्षा करे और जो इन्हें बदनाम करने की कोशिश करें, उन्हें लोकतांत्रिक तरीक़े से जवाब दे।
Follow Us: YouTube| Sanatan Guru Gyan | Breaking Hindi News Live | Website: Tv Today Bharat| X | FaceBook | Quora| Linkedin | tumblr | whatsapp Channel | Telegram
