News Delhi: भारत को नया उप-राष्ट्रपति मिल गया है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने विपक्ष के उम्मीदवार पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुदर्शन रेड्डी को हराते हुए जीत दर्ज की। राधाकृष्णन ने 152 वोटों के बड़े अंतर से यह चुनाव जीता। राज्यसभा महासचिव पी.सी. मोदी ने परिणाम घोषित करते हुए बताया कि राधाकृष्णन को 452 प्रथम वरीयता वोट मिले जबकि सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट हासिल हुए। इस तरह राधाकृष्णन भारत के 15वें उप-राष्ट्रपति बन गए।
चुनाव प्रक्रिया और मतदान का हाल
- उप-राष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 781 सांसदों में से 767 सांसदों ने मतदान किया, यानी लगभग 98.2% मतदान हुआ।
- इनमें से 752 वोट वैध पाए गए और 15 वोट अमान्य करार दिए गए।
- जीत के लिए आवश्यक आंकड़ा (कोटा) 377 वोट था।
- एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जो बहुमत से कहीं अधिक है।
- विपक्षी उम्मीदवार रेड्डी को 300 वोट मिले।
मतदान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चला। इसके बाद तुरंत मतगणना शुरू हुई और देर शाम परिणाम घोषित कर दिया गया।
कौन थे उम्मीदवार?
सी.पी. राधाकृष्णन (एनडीए उम्मीदवार)
- वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल।
- इससे पहले झारखंड के राज्यपाल भी रह चुके हैं।
- दो बार लोकसभा सांसद।
- 2004 से 2007 तक तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष रहे।
- उन्हें दक्षिण भारत में बीजेपी की पकड़ मजबूत करने का श्रेय दिया जाता है।
- समाज सेवा और संगठन क्षमता के लिए जाने जाते हैं।
बी. सुदर्शन रेड्डी (विपक्ष उम्मीदवार)
- सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज।
- 2006 से 2011 तक सुप्रीम कोर्ट में जज रहे।
- वे पहले ऐसे पूर्व जज बने जिन्होंने उप-राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा।
- न्यायपालिका में सख्त और ईमानदार छवि के लिए जाने जाते हैं।
- विपक्ष ने उन्हें “संविधान के रक्षक” के रूप में पेश किया।
पीएम मोदी की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राधाकृष्णन की जीत पर खुशी जताई और उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा:
“मुझे विश्वास है कि राधाकृष्णन एक उत्कृष्ट उप-राष्ट्रपति साबित होंगे। उनका जीवन हमेशा समाज सेवा और गरीबों के सशक्तिकरण के लिए समर्पित रहा है। वह हमारे संवैधानिक मूल्यों को और मजबूत करेंगे और संसद में स्वस्थ बहस को आगे बढ़ाएंगे।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की प्रतिक्रिया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा:
“सी.पी. राधाकृष्णन जी ने अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी, सादगी और सेवा भावना को अपनाया है। उनका अनुभव और संवैधानिक ज्ञान राज्यसभा को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा। मैं उन्हें सफल और प्रभावशाली कार्यकाल की शुभकामनाएँ देता हूँ।”
अमित शाह की प्रतिक्रिया
गृह मंत्री अमित शाह ने भी बधाई देते हुए कहा:
“राधाकृष्णन का प्रशासनिक अनुभव और समाज से जुड़ाव हमारे लोकतंत्र को और मजबूत करेगा। वे ज़मीनी स्तर से उठकर यहाँ तक पहुँचे हैं और संसद की गरिमा को बढ़ाएंगे।”
तेजस्वी यादव का तंज
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने परिणाम के बाद कहा कि पूर्व उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की अचानक बीमारी और इस्तीफे पर कई सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने कहा:
“धनखड़ जी ने आखिरी वक्त तक सदन चलाया और अचानक बीमार होकर इस्तीफा दे दिया। आज तक कोई हेल्थ बुलेटिन जारी नहीं हुआ। कहीं उन्हें नजरबंद तो नहीं कर दिया गया ताकि असली कारण बाहर न आ सके?”
विपक्षी दलों का रुख
बीजू जनता दल (BJD)
- चुनाव से दूरी बनाई।
- कहा कि उनकी नीति है कि वे भाजपा और कांग्रेस दोनों से समान दूरी बनाए रखें।
भारत राष्ट्र समिति (BRS)
- कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव ने कहा कि यह कदम तेलंगाना के किसानों की नाराज़गी को दिखाने के लिए उठाया गया।
- राज्य में यूरिया की भारी कमी है।
शिरोमणि अकाली दल (SAD)
- बाढ़ पीड़ित पंजाब के लोगों की स्थिति को देखते हुए चुनाव का बहिष्कार किया।
शिवसेना (उद्धव गुट) का आरोप
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा:
“यह चुनाव जबरन थोपा गया है। बीजेपी ने लोकतंत्र की आत्मा की हत्या की है। उन्होंने उप-राष्ट्रपति का कार्यकाल जबरन छोटा कर दिया। जो संविधान को मानते हैं, वे बी. सुदर्शन रेड्डी को वोट देंगे।”
कांग्रेस और विपक्ष की रणनीति
- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने भी मतदान किया।
- कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर लिखा कि विपक्ष के सभी 315 सांसदों ने 100% मतदान किया।
- वामपंथी और क्षेत्रीय दलों ने भी विपक्षी उम्मीदवार रेड्डी का समर्थन किया।
मतदान की शुरुआत
मतदान की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वोट डालकर की। इसके बाद अलग-अलग दलों के सांसदों ने अपनी-अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट दिया।
राजनीतिक संदेश
इस चुनाव में एक बार फिर साफ हो गया कि एनडीए का संख्या बल विपक्ष से काफी अधिक है। विपक्ष ने भले ही एकजुटता दिखाई, लेकिन नतीजा पहले से ही तय माना जा रहा था।
बीजेडी, बीआरएस और शिअद जैसे क्षेत्रीय दलों का चुनाव से दूरी बनाना भी इस चुनाव की अहम राजनीतिक घटना रही। इन दलों ने अपने-अपने राज्यों के मुद्दों को आगे रखकर राष्ट्रीय राजनीति से अलग पहचान बनाने की कोशिश की।
नतीजे का असर
- एनडीए खेमे में जश्न: परिणाम घोषित होते ही भाजपा सांसदों और नेताओं ने पटाखे फोड़े और मिठाई बांटी।
- विपक्ष निराश: विपक्ष ने हालांकि कहा कि यह “संघर्ष की शुरुआत” है।
- नया नेतृत्व: राज्यसभा को अब नए उप-राष्ट्रपति का नेतृत्व मिलेगा।
उप-राष्ट्रपति चुनाव 2025 में सी.पी. राधाकृष्णन की शानदार जीत ने एक बार फिर दिखा दिया कि संसद में एनडीए का दबदबा कायम है। विपक्ष ने भले ही पूरा जोर लगाया हो, लेकिन आंकड़े उनके पक्ष में नहीं थे।
राधाकृष्णन का चयन न सिर्फ राजनीतिक रूप से बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। वे दक्षिण भारत से आने वाले ऐसे नेता हैं, जिन्होंने संगठन, सेवा और सादगी को हमेशा प्राथमिकता दी। अब यह देखना होगा कि वे राज्यसभा के संचालन और संसदीय परंपराओं को किस तरह नई ऊँचाइयों तक ले जाते हैं।
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