Footwear Industry: उत्तर प्रदेश का आगरा शहर भारतीय चमड़ा उद्योग का हृदय है। हर साल हजारों कारीगर और कारोबारी यहां के लेदर फुटवेयर को अमेरिका, यूरोप और एशियाई देशों में निर्यात करते हैं। परंतु हाल ही में अमेरिका द्वारा भारतीय चमड़ा उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाए जाने से उद्योग में भारी संकट उत्पन्न हो गया है।
Read More: प्रधानमंत्री मोदी ने किया बिहार जीविका निधि का शुभारंभ, महिलाओं को मिलेगा सस्ता और आसान ऋण
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले का असर आगरा के कारोबारियों पर सीधा पड़ा है। वे बताते हैं कि वहां से विंटर सीजन के लिए नए ऑर्डर आने बंद हो गए हैं। इससे कारोबारियों की चिंता बढ़ गई है और शहर की सैकड़ों फैक्ट्रियों में काम ठप सा पड़ गया है।

कारोबारियों ने बयां की परेशानी
आगरा शू फैक्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष कहते हैं,
“पिछले साल हमें अमेरिका से लगभग पांच लाख जोड़ी जूतों का ऑर्डर मिला था। इस बार नए टैरिफ के चलते करीब 70% ऑर्डर रद्द हो गए हैं या होल्ड पर चले गए हैं। हमारी फैक्ट्री में उत्पादन जारी रखना संभव नहीं है। कच्चा माल, मजदूरों की तनख्वाह और अन्य खर्चे बढ़ रहे हैं, मगर बिक्री नहीं हो रही।”
Read More: पहला मेड-इन-इंडिया चिप, पीएम मोदी को समर्पित, जानिये क्या है खास
क्या कहते हैं शहर के बड़े व्यापारी ?
“हमारे उद्योग को यह झटका अप्रत्याशित है। छोटे और मध्यम कारोबारी सबसे ज्यादा परेशान हैं। कई यूनिट्स बंदी के मुहाने पर हैं। यदि सरकार जल्दी कोई राहत नहीं देती तो शहर में बेरोजगारी और बढ़ेगी।”
क्या है कारीगरों और मजदूरों की पीड़ा
आगरा के स्थानीय कारीगर राकेश बताते हैं, “मजदूरों को हर सप्ताह वेतन मिलता है। जब फैक्ट्री में काम ही नहीं होगा तो हम लोग खाने को भी मोहताज हो जाएंगे। एक परिवार में चार-चार पाँच-पाँच लोग इसी काम पर निर्भर हैं।”

मजदूरों के परिवार डरे और चिंतित हैं। रोज़गार की गारंटी खत्म होने का डर उनके चेहरों पर साफ झलकता है। चमड़ा उद्योग में लगे अनेक सप्लायर भी कैश क्रंच और फक्ट्री बंद होने की चिंता में हैं।
Read More:भारत-रूस संग फोटो, अमेरिका को कड़ा इशारा, शी की SCO डिप्लोमेसी
ऑर्डर रुकने के कारण अमेरिका से भारतीय फुटवेयर बाहर
अमेरिका के 50% टैरिफ ने भारतीय फुटवेयर को वहां के बाजार से लगभग बाहर कर दिया है। व्यापारी कहते हैं कि उत्पादन रोकना मजबूरी बन गई है क्योंकि अब ऑर्डर नहीं मिल रहे। आगरा के कई बड़े उत्पादक अमेरिकन मार्केट में विस्तार की योजनाएं बना रहे थे, मगर अब सब कुछ रोकना पड़ा है।
क्या है कारोबारियों की मांग ?
इस कठिन दौर में आगरा के कारोबारियों ने केंद्र सरकार से राहत की मांग की है। वे चाहते हैं कि सरकार अमेरिका से वार्ता कर टैरिफ में छूट दिलवाए या फिर नए विदेशी बाजारों—जैसे रूस, यूरोप और भारत की घरेलू मांग—पर फोकस करे। स्थानीय स्तर पर कई यूनिट्स ने घरेलू शू मार्केट की तरफ ध्यान देना शुरू किया है लेकिन नुकसान की भरपाई आसान नहीं है।
क्या है समाधान?
अमेरिकी टैरिफ से आगरा का चमड़ा उद्योग अस्तित्व के संकट में है। कारोबारियों और मजदूरों की आगे की राह मुश्किल है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारों को आगे आना होगा। अगर वक्त रहते राहत नहीं मिली तो आगरा का उद्योग और उससे जुड़े हजारों परिवारों का भविष्य अधर में लटक सकता है।
Follow Us: YouTube| Sanatan Guru Gyan | Breaking Hindi News Live | Website: Tv Today Bharat| X | FaceBook | Quora| Linkedin | tumblr | whatsapp Channel | Telegram
