India–Israel Deeptech Startup Partnership: भारत जब दुनिया की नई आर्थिक शक्ति बनने का दावा करता है, तो उसकी नज़र सिर्फ बाज़ार पर नहीं रहती, बल्कि तकनीक, नवाचार और वैश्विक साझेदारियों पर भी टिकी रहती है। यही कारण है कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का इज़राइल दौरा सिर्फ कूटनीतिक यात्रा नहीं है, बल्कि भारत के भविष्य की दिशा तय करने वाला एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।
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गोयल ने तेल अवीव में ‘पेरस सेंटर फॉर पीस एंड इनोवेशन’ का दौरा किया एक ऐसा केंद्र, जिसने दुनिया को दिखाया कि नवाचार आकार का मोहताज नहीं होता। मात्र 90 लाख की आबादी वाला इज़राइल आज ‘स्टार्टअप नेशन’ के नाम से जाना जाता है, जहां हर 1000 लोगों पर एक स्टार्टअप है। यह संख्या बताती है कि प्रतिबद्धता और नवाचार मिलकर कैसे राष्ट्र को आगे बढ़ाते हैं।
गोयल ने केंद्र के अनुभवों को देखकर कहा कि इज़राइल ने adversity को opportunity में बदलकर एक मिसाल पेश की है। रक्षा, कृषि, स्वास्थ्य और जलवायु इन सभी क्षेत्रों में इज़राइल ने तकनीक का ऐसा मेल दिखाया है, जो दुनिया के लिए सीखने लायक है। यही वह बिंदु है, जहाँ भारत और इज़राइल की साझेदारी नई ऊंचाई छू सकती है।
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भारत का लक्ष्य: दुनिया का स्टार्टअप कैपिटल बनना
गोयल ने साफ शब्दों में कहा कि भारत आने वाले समय में विश्व का “स्टार्टअप कैपिटल” बनने की क्षमता रखता है। लेकिन इसके लिए ज़रूरी है।
- गहरी तकनीक (डीपटेक)
- उच्च गुणवत्ता वाली नवाचार क्षमता
- और किफायती उत्पादन का पैमाना
भारत के पास विशाल मार्केट है, बड़ी युवा आबादी है और तेजी से बढ़ता डिजिटल इकोसिस्टम है। ऐसे में इज़राइल के अनुभव और भारत की क्षमता मिलकर नई ऊर्जा पैदा कर सकते हैं।
एफटीए: साझेदारी में गति का ईंधन
पीयूष गोयल और इज़राइल के उद्योग मंत्री नीर बारकात ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के लिए Terms of Reference पर हस्ताक्षर किए हैं। यह सिर्फ एक कागज़ी दस्तावेज़ नहीं, बल्कि आर्थिक भविष्य का ब्लूप्रिंट है। गोयल ने साफ कहा कि यह FTA दोनों देशों के लिए shared prosperity साझी खुशहाली का रास्ता खोलेगा।
भारत और इज़राइल के बीच व्यापार पहले से मजबूत है, लेकिन यह समझौता तकनीक, रक्षा, कृषि और नवाचार जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निवेश और सहयोग बढ़ाएगा। यह साझेदारी रणनीतिक भी है और आर्थिक भी।
भारत की मंशा साफ: गुणवत्ता, नवाचार और वैश्विक नेतृत्व
जब गोयल कहते हैं कि भारत डीपटेक और किफायती हाई-क्वालिटी इनोवेशन में इज़राइल के साथ साझेदारी चाहता है, तो यह भारतीय अर्थव्यवस्था की दिशा को स्पष्ट करता है। भारत सिर्फ निवेश आकर्षित करने की बात नहीं कर रहा, बल्कि भविष्य की नई तकनीकों में साझेदार बनने की तैयारी कर रहा है।
पेरस सेंटर की प्रदर्शनी ने गोयल को यह समझाया कि कैसे छोटे-छोटे इनोवेशन बड़े सामाजिक परिवर्तन ला सकते हैं। और यही संदेश वे भारत के युवाओं, स्टार्टअप संस्थापकों और उद्योग जगत को देना चाहते हैं– नवाचार सिर्फ तकनीक नहीं, एक सोच है और भारत उस सोच से नए युग में प्रवेश कर रहा है। यह यात्रा सिर्फ मंत्री की विदेश यात्रा नहीं, बल्कि भारत की नवाचार यात्रा की नई मंज़िल है।
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