Indian Army Diwali Celebration 2025: जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के बनी क्षेत्र में भारतीय सेना के जवानों ने इस बार भी दिवाली का पर्व देशभक्ति और भाईचारे के साथ मनाया। जहां एक ओर देशभर में लोग अपने परिवारों संग दीपोत्सव की खुशियां मना रहे थे, वहीं सीमांत इलाकों में तैनात हमारे वीर सैनिकों ने अपने साथियों के साथ इस पर्व को मनाकर एकता, समर्पण और बलिदान का उदाहरण पेश किया।

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सीमा पर दीपों से रोशन हुई चौकियां
बनी सेक्टर की सैन्य चौकियों पर दीपों और मोमबत्तियों की रोशनी से पूरा इलाका जगमगा उठा। सैनिकों ने मिट्टी के दीपक जलाकर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की। पूजा के बाद मिठाइयों का वितरण हुआ और सभी जवानों ने एक-दूसरे को दिवाली की शुभकामनाएं दीं। उनके चेहरों पर अपने कर्तव्य और देशभक्ति का गर्व झलक रहा था।
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त्योहार में देशभक्ति की झलक
दिवाली के इस मौके पर सेना बैंड ने देशभक्ति गीतों की धुनें बजाईं, जिनसे पूरा माहौल भावनाओं से भर गया। हालांकि संपादकीय नोट के अनुसार, इन गीतों और संगीत पर कोई डिजिटल अधिकार नहीं हैं, फिर भी现场 पर इन सुरों ने दिलों को जोड़ने का काम किया। जवानों ने “वंदे मातरम्” और “जन गण मन” की गूंज के बीच दीपोत्सव मनाया, जो इस पर्व को और भी विशेष बना गया।
सैनिकों की भावनाएं और यादें
कई सैनिकों ने बताया कि भले ही वे अपने परिवारों से दूर हैं, लेकिन उनके साथी ही अब उनका परिवार हैं। एक जवान ने मुस्कुराते हुए कहा, “घर पर तो मां दीये जलाती हैं, यहां हम देश की रक्षा के दीप जलाते हैं।” कुछ जवानों ने अपने गांवों की यादें साझा कीं — बचपन की दिवाली, दोस्तों संग पटाखे, और परिवार के साथ पूजा — पर उन्होंने यह भी कहा कि अब उनके लिए सबसे बड़ी खुशी देश की सेवा में है।

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कविताओं और भावनाओं का संगम
कार्यक्रम के दौरान कुछ जवानों ने अपने अनुभवों को कविताओं के रूप में साझा किया। इनमें से एक कविता ने सभी का दिल छू लिया —
“लोहड़ी की आग, दिवाली का उजाला,
घर से दूर भी मन में उजियाला।
मां के आंचल से दूर सही,
देश की सेवा ही अब दीवाली हमारी।”
इन पंक्तियों में न सिर्फ भावनाएं थीं, बल्कि उस सैनिक जीवन की झलक भी थी जो देश की सीमाओं पर दिन-रात डटा रहता है।
कमांडिंग अफसर ने दिया संदेश
सेना के कमांडिंग अफसर ने अपने संबोधन में कहा कि जवानों का समर्पण ही भारत की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा, “जब आप सीमा पर दीप जलाते हैं, तो पूरा देश आपके बलिदान की रोशनी में चमकता है।” उन्होंने जवानों के परिवारों के प्रति भी सम्मान प्रकट किया और कहा कि उनका सहयोग ही असली शक्ति है।

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अंत में गूंजा ‘जय हिंद’
कार्यक्रम के अंत में सभी सैनिकों ने मिलकर ‘भारत माता की जय’ और ‘जय हिंद’ के नारे लगाए। पूरा इलाका देशभक्ति की गूंज से भर उठा। यह दृश्य इस बात का प्रमाण था कि जब तक हमारे वीर सैनिक सीमा पर डटे हैं, तब तक देश की हर दिवाली सुरक्षित और उज्जवल रहेगी।
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