दिल्ली में लाल क़िले के पास हुए धमाके को तीन दिन बीत चुके हैं, लेकिन जांच जितनी आगे बढ़ रही है, साजिश का दायरा उतना ही बड़ा होता दिखाई दे रहा है। डॉक्टर उमर अहमद के शव की पहचान उसकी मां के डीएनए से हो चुकी है, लेकिन इस पूरे मॉड्यूल के पीछे कितने चेहरे थे, कितनी कारों का इस्तेमाल हुआ और कौन-कौन अब भी ज़िंदा है। इन सवालों ने जांच एजेंसियों को और सतर्क कर दिया है। अब तक सामने आए तथ्यों में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस आतंकी मॉड्यूल से पांच कारें जुड़ी हुई हैं। वहीं आठ वीडियो उमर की गतिविधियों को धमाके के दिन की टाइमलाइन में एक-एक कर जोड़ रहे हैं। और अब एक बड़ा कदम अल-फलाह यूनिवर्सिटी का मान्यता रद्द होने का मामला भी साजिश का मुख्य हिस्सा बन चुका है।
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धमाके की साजिश में पांच कारें कौन किसके पास थी और कैसे हुई इस्तेमाल?
दिल्ली विस्फोट सिर्फ एक कार की कहानी नहीं, बल्कि एक सुविचारित ऑटोमोटिव नेटवर्क की साजिश थी। जांच में अब तक पांच कारें सामने आई हैं

सफेद Hyundai i20 धमाके में इस्तेमाल कार
इसे चला रहा था मुख्य आरोपी डॉक्टर उमर। CCTV वीडियो में यह कार फरीदाबाद से दिल्ली एंट्री करते हुए 8:13 AM पर पकड़ी गई। यही कार शाम 6:52 पर ब्लास्ट के समय घटनास्थल पर मौजूद थी।
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लाल EcoSport फरीदाबाद में मिली लावारिस
उमर की ही यह कार फरीदाबाद के सेक्टर 58 में लावारिस मिली। शक है कि विस्फोटक दिल्ली लाने से पहले यही कार कई बार इस्तेमाल की गई।
लाल Swift Dzire डॉक्टर शाहीन का लिंक
यह कार शाहीन ने पुलवामा के मुजम्मिल को दी थी। पुलिस को इसी में से असॉल्ट राइफल और कारतूस मिले थे। इसका इस्तेमाल मॉड्यूल की मीटिंग और हथियारों के ट्रांसपोर्ट में हुआ।
सफेद Alto लखनऊ से पकड़ी गई
यह कार शाहीन के भाई परवेज अंसारी से जुड़ी है। आशंका है कि भविष्य में किसी दूसरे हमले में इस्तेमाल की योजना थी।
सिल्वर Brezza डॉक्टर शाहीन की कार
जांच में यह पांचवीं कार आज सामने आई। शंका है कि क्या यह भागने की गाड़ी थी, या दूसरे धमाके की तैयारी? बम निरोधक दस्ता इस पर फोरेंसिक जांच कर रहा है।
आठ वीडियो ने खोला उमर का पूरा ‘टेरर रूट’
धमाके के दिन उमर कहां-कहां गया, यह 8 वीडियो में साफ दिखाई देता है।
उमर की लोकेशन टाइमलाइन
- सुबह 8:13 AM — बदरपुर टोल प्लाज़ा: फरीदाबाद से दिल्ली एंट्री।
- 2:05 PM — कनॉट प्लेस आउटर सर्किल: संसद से लगभग 3 किमी দূर से गुज़री कार।
- 3:19 PM — सुनहरी मस्जिद पार्किंग: 30 मिनट तक पार्किंग में मौजूदगी।
- 6:48 PM — पार्किंग से निकला।
- 6:52 PM — blast टाइम वीडियो सामने आया।
एक और महत्वपूर्ण फुटेज में पहली बार डॉक्टर उमर बिना मास्क के दिखाई दिया है, जिससे उसकी पहचान पक्की हुई।
‘मिटिंग हॉल’ का राज उमर, मुजम्मिल और शाहीन की तिकड़ी
जांच एजेंसियों ने उस मीटिंग हॉल की लोकेशन भी ढूंढ निकाली है जहां
- धमाके की तारीख तय हुई
- कारों के रोल तय किए गए
- किसके पास क्या जिम्मेदारी होगी, यह बंटवारा हुआ
इस तिकड़ी ने मिलकर एक हाई-टेक white-collar terror module तैयार किया था, जिसमें प्रोफेशनल, पढ़े-लिखे, और सामान्य दिखने वाले चेहरे शामिल थे।
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जम्मू-कश्मीर में ‘ताबड़तोड़ एक्शन’ 250 पूछताछ, 12 हिरासत में
धमाके के बाद घाटी में जबरदस्त कार्रवाई शुरू हो चुकी है।
अब तक कार्रवाई में:
- 250 से अधिक लोगों से पूछताछ
- 12 लोग हिरासत में
- डॉक्टर, सरकारी कर्मचारी और आतंकियों से जुड़े लोग गिरफ्त में
- कई मेडिकल छात्रों और स्थानीय नेटवर्क की भी जांच जारी
इनमें कई लोग उमर, मुजम्मिल और शाहीन के संपर्क में थे।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर शिकंजा, मान्यता रद्द होने की प्रक्रिया शुरू
सबसे बड़ा एक्शन अब अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर आया है, जिसने आतंकी नेटवर्क की जड़ों में नया मोड़ जोड़ दिया है।
क्यों हुई कार्रवाई?
सूत्रों के अनुसार,
- यूनिवर्सिटी से जुड़े डॉक्टरों के खिलाफ संदिग्ध वित्तीय लेन-देन
- उमर और शाहीन से जुड़े लोगों को ‘बिना बैकग्राउंड चेक’ प्रवेश
- फर्जी स्कॉलरशिप और हवाला कनेक्शन की संभावना
- कई छात्रों और फैकल्टी के आतंक मॉड्यूल से लिंक
गृह मंत्रालय-ED बैठक के बाद बड़ा फैसला
गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह की अहम बैठक में
- ED डायरेक्टर भी मौजूद थे
- वित्तीय जांच का दायरा बढ़ाया गया
- यूनिवर्सिटी की मान्यता रद्द करने की दिशा में औपचारिक प्रक्रिया शुरू
- अन्य आर्थिक अपराध एजेंसियों को भी जांच में शामिल किया गया
यह पहली बार है कि किसी यूनिवर्सिटी के खिलाफ आतंक साजिश में इतनी व्यापक कार्रवाई हुई है।
6. कितने आतंकी अब भी जिंदा? मॉड्यूल में कितने चेहरे?
जांच एजेंसियों के मुताबिक,
- उमर मारा गया
- मुजम्मिल फरार है
- शाहीन गिरफ्तार
- परवेज अंसारी पूछताछ में
- 3 मेडिकल छात्र, 2 सहकर्मी और 1 प्रोफेसर संदिग्ध
यानी पूरे मॉड्यूल में कम से कम 8–10 सक्रिय चेहरे थे, जिनमें से कई अभी भी फरार हैं। दिल्ली धमाका केवल एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि एक सिंक्रोनाइज़्ड मल्टी-कार टेरर प्लान था, जिसमें डॉक्टरों, प्रोफेसरों और पढ़े-लिखे लोगों का नेटवर्क शामिल था। पाँच कारों का इस्तेमाल, आठ CCTV वीडियो, जम्मू-कश्मीर में ताबड़तोड़ रेड और अब अल-फलाह यूनिवर्सिटी की मान्यता रद्द होने की कार्रवाई इस बात की पुष्टि करती है कि साजिश देशभर में फैले एक बड़े मॉड्यूल द्वारा रची गई थी। जांच अभी जारी है, और आने वाले दिनों में कई और बड़े खुलासे संभव हैं।
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