Delhi Terror Blast Case NIA Custody: दिल्ली टेरर ब्लास्ट मामले में आज एक बड़ा फैसला सामने आया है। एनआईए कोर्ट ने आरोपी आमिर राशिद अली को 10 दिन की कस्टडी में भेज दिया है, जिसके बाद अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इस मामले में और गहन पूछताछ कर सकेगी। यह फैसला उस समय आया है जब देश की राजधानी में हुए धमाके को लेकर जांच एजेंसियां कई महत्वपूर्ण सुरागों पर काम कर रही हैं और केस से जुड़े कई शक की कड़ियां जोड़ने की कोशिश में जुटी हैं।
आमिर राशिद अली को एनआईए ने 17 नवंबर की सुबह गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद ही उसे कड़ी सुरक्षा के बीच पटियाला हाउस कोर्ट लाया गया, जहां से अदालत ने जांच की जरूरतों को देखते हुए उसे 10 दिनों की रिमांड पर भेजने का निर्देश दिया। अदालत में पेशी के दौरान एनआईए ने इस बात पर जोर दिया कि आरोपी से पूछताछ बेहद जरूरी है क्योंकि उसके पास कई अहम जानकारियां हो सकती हैं जो इस केस की परतें खोलने में मदद कर सकती हैं।
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जांच एजेंसी का मानना है कि आरोपी की गिरफ्तारी से इस पूरे मॉड्यूल के नेटवर्क को समझने में मदद मिलेगी। शुरुआती जांच में कुछ ऐसे इनपुट सामने आए हैं जो बताते हैं कि आरोपी की भूमिका सिर्फ ब्लास्ट तक सीमित नहीं है, बल्कि वह कुछ अन्य संदिग्धों से भी संपर्क में था। एनआईए अब उसकी कॉल डिटेल्स, डिजिटल डिवाइस और कथित सहयोगियों के लिंक को खंगालने की तैयारी में है। यही कारण है कि एजेंसी ने कोर्ट से लंबी कस्टडी की मांग की थी।
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कोर्ट परिसर में पेशी के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। आमिर राशिद को भारी सुरक्षा घेरे में लाया गया ताकि किसी तरह की अनहोनी या व्यवधान की स्थिति पैदा न हो। अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने कुछ विरोधाभासी बयान दिए हैं, इसलिए एनआईए को गहराई से उससे सवाल-जवाब करने की जरूरत है।
धमाके के बाद से ही इस केस ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है। दिल्ली जैसे हाई-प्रोफाइल शहर में इस तरह की घटना ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है। इस मामले में पहले से ही कई सीसीटीवी फुटेज, डिजिटल सबूत और तकनीकी डेटा की जांच चल रही है। अब आमिर राशिद की रिमांड मिलने के बाद एनआईए को उम्मीद है कि वह उन पहेलियों को सुलझाने में कामयाब होगी जो अभी तक धुंधली थीं।
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इसके अलावा जांच टीम इस बात की भी पड़ताल कर रही है कि आरोपी अकेले काम कर रहा था या किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा था। पिछले दिनों कई ऐसे मामलों में देखा गया है कि स्थानीय मॉड्यूल को बाहरी फंडिंग और निर्देश मिलते हैं। इसी वजह से एनआईए यह भी जांच करेगी कि कहीं इस केस में विदेशी लिंक या संदिग्ध ट्रांजैक्शन शामिल तो नहीं हैं।
फिलहाल अदालत के फैसले से यह स्पष्ट है कि आने वाले 10 दिन इस जांच के लिए बेहद अहम रहने वाले हैं। एनआईए आरोपी से मिली जानकारियों के आधार पर आगे की कार्रवाई कर सकती है और अतिरिक्त गिरफ्तारियां भी संभव हैं। जैसे-जैसे पूछताछ आगे बढ़ेगी, उम्मीद है कि यह केस अपने निष्कर्ष के करीब पहुंचेगा और धमाके के पीछे की पूरी साजिश उजागर होगी।
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