JLN Stadium Sports City Redevelopment Project Delhi 2025: नई दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम (जेएलएन स्टेडियम), जो 1982 के एशियाई खेलों और 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों की ऐतिहासिक मेजबानी कर चुका है, अब एक बार फिर सुर्खियों में है। भारत सरकार इसे “स्पोर्ट्स सिटी” में बदलने की योजना बना रही है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस परियोजना के तहत स्टेडियम को “विघटित” यानी ध्वस्त कर पुनर्निर्मित किया जाएगा ताकि यह एक आधुनिक खेल नगरी के रूप में विकसित हो सके, जो प्रशिक्षण, प्रतियोगिता और मनोरंजन सभी की ज़रूरतों को पूरा करे।
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परियोजना की रूपरेखा
खेल मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक़, यह योजना अभी प्रारंभिक चरण में है और इसके लिए व्यवहार्यता अध्ययन (feasibility study) किया जा रहा है। स्टेडियम की लगभग 100 एकड़ ज़मीन पर एक स्पोर्ट्स सिटी कॉम्प्लेक्स विकसित किया जाएगा, जिसमें,
विश्वस्तरीय प्रशिक्षण सुविधाएं
खिलाड़ियों के लिए आवास व्यवस्था
खेलों के आयोजन के लिए अत्याधुनिक स्टेडियम
और दर्शकों के लिए मनोरंजन स्थल शामिल होंगे।
सूत्रों के अनुसार, ‘वर्तमान में जेएलएन स्टेडियम की भूमि का सही उपयोग नहीं हो रहा है। स्पोर्ट्स सिटी यह सुनिश्चित करेगी कि भारत के पास सभी प्रमुख खेल आयोजनों की मेजबानी और खिलाड़ियों को सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं देने की क्षमता हो।’
कार्यालयों का स्थानांतरण
वर्तमान में स्टेडियम परिसर में कई प्रमुख संस्थाओं के दफ़्तर स्थित हैं जैसे राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA), राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (NDTL) और आयकर विभाग के कुछ हिस्से।रियोजना के शुरू होते ही इन सभी कार्यालयों को नए स्थानों पर स्थानांतरित किया जाएगा।स्टेडियम का मालिक भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) है, जिसका मुख्यालय भी यहीं है, और खेलो इंडिया परियोजना का संचालन केंद्र भी इसी परिसर में स्थित है।
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विदेशी मॉडल का अध्ययन
खेल मंत्रालय इस प्रस्ताव पर गंभीरता से काम कर रहा है और इसके लिए कतर और ऑस्ट्रेलिया की स्पोर्ट्स सिटीज़ का विश्लेषण किया जा रहा है।हाल ही में खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने दोहा (कतर) का दौरा किया था और वहां की स्पोर्ट्स सिटी इंफ्रास्ट्रक्चर का निरीक्षण किया।मंत्रालय का लक्ष्य है कि भारत में ऐसा स्पोर्ट्स हब तैयार किया जाए जो एशिया के खेल मानचित्र पर एक नई पहचान बना सके।
इतिहास और महत्व
जेएलएन स्टेडियम का निर्माण 1982 के एशियाई खेलों के लिए किया गया था।इसके बाद 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों के लिए इसका ₹900 करोड़ से अधिक की लागत से नवीनीकरण किया गया। हाल ही में यहाँ विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2024 का आयोजन हुआ, जिसके लिए एक आधुनिक मोंडा ट्रैक भी बिछाया गया था।
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हालांकि उसी दौरान एक अप्रिय घटना भी हुई थी जब एक आवारा कुत्ते ने जापानी और केन्याई कोच को काट लिया था, जिससे सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल उठे थे।
आगे की राह
फिलहाल यह परियोजना केवल एक प्रस्ताव है, लेकिन मंत्रालय इसे लेकर गंभीर है।कई मंत्रालयों के बीच समन्वय स्थापित करने के बाद, विस्तृत योजना (Master Plan) और बजट तय किया जाएगा।अगर सब कुछ तय समय पर हुआ तो दिल्ली जल्द ही भारत की पहली “मल्टी-स्पोर्ट्स सिटी” का घर बन सकती है।
जेएलएन स्टेडियम ने भारतीय खेल इतिहास में कई सुनहरे पल दिए हैं, अब यही मैदान भारत के खेल भविष्य की नई दिशा तय करने जा रहा है। एक ऐसी स्पोर्ट्स सिटी जहां खेल, विज्ञान, और प्रशिक्षण तीनों का संगम होगा।
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