Tragic accident on Karva Chauth: मेरठ के अफजलपुर पावटी गांव में करवाचौथ के दिन ऐसा दर्दनाक हादसा हुआ जिसने हर किसी की रूह कंपा दी। जहां एक ओर महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत रख रही थीं, वहीं दूसरी ओर इस गांव में खुशियों का त्योहार मातम में बदल गया। सैन समाज से ताल्लुक रखने वाले प्रमोद और उनकी पत्नी रेखा का बिजली के करंट की चपेट में आने से दर्दनाक निधन हो गया। यह हादसा इतना अचानक हुआ कि पूरा परिवार और गांव सदमे में है।
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बिजली के करंट से खत्म हुई दो जिंदगियां
जानकारी के अनुसार, प्रमोद अपने घर के बाहर किसी काम में व्यस्त थे और बिजली का तार घर के ऊपर से होकर गुजरा हुआ था। बताया जा रहा है कि अचानक किसी कारणवश तार में तेज करंट दौड़ा और उसी वक्त रेखा भी पास में थीं। एक झटके में प्रमोद करंट की चपेट में आ गए, और जब पत्नी रेखा ने उन्हें बचाने की कोशिश की तो वो भी बिजली की चपेट में आ गईं। कुछ ही पलों में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद लोग चीख पड़े।
गांव में पसरा मातम, हर आंख नम
करवा चौथ जैसे शुभ दिन पर हुई इस घटना ने पूरे अफजलपुर पावटी गांव को गहरे सदमे में डाल दिया। जिनके घर में सुबह खुशियों की तैयारियां हो रही थीं, वहां कुछ ही घंटे बाद चीख-पुकार मच गई। गांववालों का कहना है कि प्रमोद और रेखा दोनों ही मिलनसार और मेहनती दंपत्ति थे। उनके परिवार की गिनती गांव के सबसे शांत स्वभाव वाले लोगों में होती थी। उनकी असमय मृत्यु ने सबको तोड़कर रख दिया है।
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छह छोटे बच्चों का भविष्य अधर में
सबसे दर्दनाक पहलू यह है कि इस दंपत्ति के पांच बेटियां और एक बेटा हैं — सभी बच्चे अभी छोटे हैं।
मां-बाप दोनों के चले जाने से बच्चों के सिर से साया उठ गया है। जो बच्चे अब तक अपने माता-पिता की गोद में खेलते थे, अब वे अनाथ हो गए हैं। गांववाले और रिश्तेदार इस परिवार की मदद के लिए आगे आए हैं, लेकिन यह सच किसी को अंदर से तोड़ रहा है कि ये मासूम बच्चे अब अपने माता-पिता को कभी नहीं देख पाएंगे।
‘भगवान इतना निर्दयी कैसे हो सकता है?’
गांव की बुजुर्ग महिलाओं की आंखें नम हैं। वे बार-बार यही कह रही हैं — “भगवान इतना निर्दयी कैसे हो सकता है? करवाचौथ के दिन जब पत्नी अपने पति की लंबी उम्र की दुआ मांग रही थी, उसी दिन उसका संसार उजड़ गया।”
यह बात हर किसी के दिल को चीर रही है। कई लोगों का कहना है कि यह हादसा बिजली विभाग की लापरवाही से हुआ है, और इसकी जांच होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
प्रशासन और समाज ने जताया दुख
स्थानीय प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया। दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
गांव के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इन छह बच्चों की देखभाल के लिए विशेष सहायता दी जाए। वहीं, सैन समाज के लोगों ने एकजुट होकर बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी लेने की बात कही है।
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एक सवाल जो अब भी गूंज रहा है
यह हादसा सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि समाज के लिए चेतावनी भी है। बिजली के खुले तार, पुरानी लाइनें और लापरवाह रखरखाव आए दिन ऐसी घटनाओं का कारण बन रहे हैं। सवाल यह है कि आखिर कब तक लोग ऐसे हादसों का शिकार बनते रहेंगे? क्या सरकार और बिजली विभाग इन त्रासदियों से कोई सबक ले पाएंगे?
समापन: मासूमों की आंखों में सवाल
करवा चौथ का दिन, जो प्रेम और आस्था का प्रतीक माना जाता है, मेरठ के अफजलपुर पावटी गांव के लिए कभी न भूलने वाला दर्द बन गया।
छह मासूम बच्चों की आंखों में अब सिर्फ एक सवाल है — “हमारे मां-बाप हमें छोड़कर क्यों चले गए?” यह सवाल शायद कभी किसी के पास जवाब नहीं होगा। कुदरत का यह कहर हर उस इंसान के दिल को झकझोर गया है, जिसने इस घटना के बारे में सुना।
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