Azad Samaj Party Protest: बिजनौर जिले में पिछले एक साल से गुलदार (तेंदुए) के हमलों ने ग्रामीणों का जीना मुश्किल कर दिया है। इन घटनाओं में अब तक लगभग 43 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि सैकड़ों घायल हुए हैं। गांवों में लोग खेतों, मजदूरी और बच्चों को स्कूल भेजने से डरने लगे हैं।

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कलेक्ट्रेट पर आज़ाद समाज पार्टी का प्रदर्शन
सोमवार को आज़ाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद अपने हजारों समर्थकों के साथ बिजनौर कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने प्रशासन की कार्यशैली के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की और परिसर में धरने पर बैठ गए।
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“मजबूरी में फिर से धरना दे रहे हैं”
धरने के दौरान चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा,
“हमने पहले भी गुलदार के हमलों के खिलाफ धरना दिया था, लेकिन प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। अब मजबूरी में फिर से धरना देना पड़ रहा है। पिछले दस दिनों में दो बच्चों और एक महिला की जान गुलदार ले चुका है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी और कर्मचारी सिर्फ फाइलों में काम दिखा रहे हैं, जबकि लोग रोज़ मौत का सामना कर रहे हैं।
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ग्रामीणों का गुस्सा और दर्द
धरने में शामिल ग्रामीणों ने बताया कि वे महीनों से समस्या से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई बार वन विभाग को शिकारी बुलाने और सुरक्षा इंतज़ाम करने की मांग की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब हालात ऐसे हो गए हैं कि लोग अपने घरों से बाहर निकलने से भी डर रहे हैं।
प्रशासन को चेतावनी
चंद्रशेखर आज़ाद ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि दस दिनों के भीतर गुलदार को पकड़ा नहीं गया और पीड़ित परिवारों को मुआवजा नहीं दिया गया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा,
“हम अपने लोगों की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे। यदि जरूरत पड़ी, तो पूरे जिले में बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा।”
समाधान की दिशा में कदम
धरने के दौरान पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को भरोसा दिलाया कि वन विभाग के साथ मिलकर जल्द ही गुलदार को पकड़ने और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की योजना बनाई जाएगी। गुलदार के हमलों से बिजनौर के गांवों में भय का माहौल है। चंद्रशेखर आज़ाद का यह धरना प्रशासन के लिए चेतावनी है कि वह इस गंभीर समस्या का समाधान तत्काल निकाले, ताकि लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और ग्रामीण सामान्य जीवन जी सकें।
