Ghaziabad Breaking: गाजियाबाद के लोनी से विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने पुलिस विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि जिले में चौकियों का बंटवारा रिश्वत के आधार पर हो रहा है। उनका दावा है कि 21 साल के अनुभवहीन लड़कों को चौकियों की जिम्मेदारी दी जा रही है, जबकि जिनके पास अनुभव है, वे पुलिस लाइन में खाली बैठे रहते हैं और मोबाइल में समय बिताते हैं।
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विधायक ने कहा कि गाजियाबाद व लोनी के अधिकांश चौकी इंचार्ज की जांच कराई जाए, तो सच्चाई सामने आ जाएगी। उनका कहना है कि ट्रेनिंग खत्म होते ही कई नए सिपाहियों को सीधे चौकी का प्रभारी बना दिया जाता है। उनका आरोप है कि इन अधिकारियों का उद्देश्य जनता की सेवा नहीं, बल्कि पैसा कमाना है।
गुर्जर ने यह भी कहा कि अगर कोई बड़ा अधिकारी मिल भी जाए तो वह न विधायक की बात सुनता है, न सांसद की। “जनता से मिलने का तो सवाल ही नहीं। जब भी फोन लगाओ, जवाब मिलता है – वीसी चल रही है। कोई अधिकारी फील्ड में नहीं जाता,” उन्होंने कहा।
विधायक ने दावा किया कि उन्होंने तीन दरोगाओं से बात की, जिनकी रिकॉर्डिंग उनके पास है। उन दरोगाओं के अनुसार, ढाई लाख रुपये देकर चौकियों की जिम्मेदारी मिलती है। उन्होंने एसीपी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे “झोला लेकर बैठे रहते हैं” और जमीन से जुड़े मामले डीसीपी और सीपी के पास भेज देते हैं।
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नंदकिशोर गुर्जर ने यह भी आरोप लगाया कि रोंगनिया इलाके में मुसलमानों को पैसे लेकर बसाया जा रहा है, जबकि उनके पत्र के बाद भी इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के यहां धरने पर बैठेंगे।
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विधायक ने मांग की कि गाजियाबाद व लोनी क्षेत्र में पुलिस चौकियों की नियुक्तियों की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई हो। उनका कहना है कि पुलिस को जनता की सुरक्षा और सेवा के लिए नियुक्त किया गया है, न कि पैसे कमाने के लिए। गुर्जर के इन आरोपों से गाजियाबाद पुलिस प्रशासन में हलचल मच गई है। अब देखना होगा कि सरकार और पुलिस विभाग इस पर क्या कदम उठाते हैं।
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