A-NTFC Meet: नई दिल्ली में आयोजित Anti-Narcotics Task Force Conference में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक महत्वपूर्ण भाषण दिया। इस भाषण का केंद्रबिंदु था – नशा-मुक्त भारत कैसे बने और इसमें समाज, सरकार और एजेंसियों की क्या भूमिका है। उन्होंने साफ कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई सिर्फ एक सरकारी अभियान नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन है जिसमें हर नागरिक की भागीदारी जरूरी है।
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नशा एक छुपा हुआ खतरा
अमित शाह ने शुरुआत में कहा कि आज नशा केवल एक व्यक्तिगत समस्या नहीं रहा, बल्कि यह समाज और देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा है।

- नशा युवाओं की ऊर्जा और भविष्य को बर्बाद करता है।
- परिवार टूट जाते हैं, समाज असुरक्षित होता है।
- सबसे गंभीर बात यह है कि ड्रग्स का व्यापार कई बार आतंकवाद और अपराध को भी वित्तीय मदद पहुँचाता है।
उन्होंने कहा कि भारत एक युवा देश है और यदि हमारे नौजवान नशे की गिरफ्त में आ गए, तो देश की प्रगति रुक जाएगी।
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केंद्र सरकार की पहल
गृहमंत्री ने विस्तार से बताया कि मोदी सरकार ने बीते 10 वर्षों में नशा-मुक्त भारत के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं।
- Anti-Narcotics Task Force का गठन – हर राज्य में पुलिस और NCB (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) के बीच तालमेल के लिए विशेष बल बनाए गए हैं।
- Nasha-Mukt Bharat Abhiyan (NMBA) – पूरे देश के 400 से ज्यादा जिलों में यह अभियान चलाया जा रहा है।
- ड्रग्स जब्ती और नष्टिकरण – 2014 से पहले तक जहाँ सालाना कुछ ही सौ करोड़ की ड्रग्स पकड़ी जाती थी, वहीं अब हजारों करोड़ की ड्रग्स जब्त कर नष्ट की जा रही हैं।
- इंटरनेशनल कॉर्डिनेशन – पड़ोसी देशों से आने वाले ड्रग्स नेटवर्क को रोकने के लिए भारत ने नेपाल, भूटान, म्यांमार और श्रीलंका जैसे देशों से सहयोग बढ़ाया है।
आँकड़ों से मिला बल
अमित शाह ने कहा कि सिर्फ पिछले तीन सालों में 12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत की ड्रग्स पकड़ी गईं और नष्ट की गईं। यह दिखाता है कि सरकार इस खतरे को कितनी गंभीरता से ले रही है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार का लक्ष्य है –
- 2047 तक Amrit Kaal में भारत को एक पूरी तरह नशा-मुक्त राष्ट्र बनाना।
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समाज की भूमिका
गृहमंत्री ने खास तौर पर कहा कि नशे के खिलाफ केवल कानून और पुलिस ही काफी नहीं हैं।
- माता-पिता को बच्चों पर ध्यान देना होगा।
- स्कूल और कॉलेज में नशे के दुष्परिणामों पर जागरूकता अभियान चलाने होंगे।
- फिल्म और मनोरंजन जगत को भी इस मुहिम का हिस्सा बनना होगा।
उन्होंने कहा – “यदि परिवार और समाज मिलकर संकल्प ले लें तो नशा भारत से खत्म हो सकता है।”
टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
अमित शाह ने बताया कि ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में आधुनिक तकनीक को भी शामिल किया गया है।
- ड्रोन से निगरानी
- सैटेलाइट इमेज का इस्तेमाल
- डिजिटल ट्रैकिंग से तस्करों पर नकेल
- ऑनलाइन डार्कनेट और क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली अवैध खरीद-बिक्री पर नजर
युवाओं को संदेश
गृहमंत्री ने युवाओं से अपील की कि वे नशे को “फैशन” या “कूल ट्रेंड” समझने की भूल न करें।
- असली कूल वही है जो अपने परिवार और देश के लिए जिम्मेदार बने।
- खेल-कूद, पढ़ाई और स्टार्टअप्स में अपनी ऊर्जा लगाएँ।
- यदि कोई मित्र नशे की ओर बढ़ रहा है, तो उसे रोकें और सही राह दिखाएँ।
अंतरराष्ट्रीय ड्रग माफिया पर सख्ती
अमित शाह ने साफ कहा कि भारत अब ड्रग्स के ट्रांजिट कंट्री या मार्केट के रूप में इस्तेमाल नहीं हो सकता।
- पाकिस्तान और अफगानिस्तान के जरिए जो ड्रग्स भारत में घुसते थे, उस पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है।
- समुद्री रास्तों से तस्करी रोकने के लिए कोस्ट गार्ड और नेवी की तैनाती बढ़ाई गई है।
राज्य सरकारों से अपील
गृहमंत्री ने राज्य सरकारों से भी अपील की कि वे अपने-अपने स्तर पर सख्त कानून लागू करें। उन्होंने कहा –
- केवल गिरफ्तारी ही काफी नहीं, बल्कि पूरी सप्लाई चेन तोड़नी होगी।
- छोटे स्मगलर से लेकर बड़े नेटवर्क तक सबको खत्म करना होगा।
- जब्ती की गई ड्रग्स को तुरंत नष्ट किया जाए ताकि वह दोबारा बाजार में न आ सके।
“जन आंदोलन” का नारा
अमित शाह ने अपने भाषण के अंत में कहा कि –
- नशा-मुक्त भारत सिर्फ सरकार का सपना नहीं, बल्कि 130 करोड़ भारतीयों का संकल्प है।
- यह मुहिम तभी सफल होगी जब हर नागरिक इसमें योगदान देगा।
- हमें बच्चों को बचपन से ही नशे के खिलाफ संस्कार देने होंगे।
Anti-Narcotics Task Force Conference का संदेश बिल्कुल साफ था –
- भारत अब ड्रग्स के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है।
- 2047 तक नशा-मुक्त भारत का सपना सिर्फ नारा नहीं रहेगा, बल्कि हकीकत बनेगा।
- इसके लिए सरकार, एजेंसियाँ, समाज और हर नागरिक को अपनी भूमिका निभानी होगी।
अमित शाह ने कहा –
“आज हम संकल्प लें कि आने वाली पीढ़ियों को नशे के जहर से बचाएँगे। यही सच्चा राष्ट्र-निर्माण होगा।”
