Bhavnagar Gujarat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भुवनगर में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए देशवासियों को आत्मनिर्भर बनने और विदेशी निर्भरता कम करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भारत में क्षमता की कमी नहीं है, लेकिन पिछले कई दशकों में सही दिशा नहीं अपनाई गई। उनका मानना है कि कांग्रेस सरकार की नीतियों ने देश की वास्तविक शक्ति को प्रदर्शित होने से रोक दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत को आत्मनिर्भर बनना होगा और दुनिया के सामने मजबूत खड़ा होना होगा। भारत में संभावनाओं की कोई कमी नहीं है। लेकिन स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस ने भारत की सभी संभावनाओं की अनदेखी की। इसलिए, आज भी 6-7 दशक बाद, भारत ने उस सफलता को प्राप्त नहीं किया, जिसके वह हकदार था।”
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कांग्रेस की नीतियों पर मोदी का हमला
प्रधानमंत्री मोदी ने दो मुख्य कारण बताए, जिनकी वजह से देश विकास की रफ्तार खो बैठा।
- लाइसेंस-कोटा राज:
उन्होंने कहा कि लंबे समय तक कांग्रेस सरकार ने देश को लाइसेंस-कोटा राज में उलझाए रखा। इसका सीधा अर्थ है कि उद्योग, व्यापार और व्यवसाय करने के लिए लोगों को सरकार से अनुमति लेनी पड़ती थी। इससे देश का उद्योग विकास धीमा हुआ और युवाओं की ऊर्जा सही दिशा में नहीं लग पाई। - वैश्वीकरण में गलत रास्ता:
जब वैश्वीकरण का दौर आया, उस समय भारत ने आयात का ही रास्ता अपनाया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस दौरान बड़ी-बड़ी स्कैम हुईं, जिनमें हजारों, लाखों और करोड़ों रुपये की हेराफेरी हुई। इन नीतियों ने देश के युवाओं और उद्योगों को नुकसान पहुँचाया।
उन्होंने कहा कि इस वजह से भारत की वास्तविक शक्ति दुनिया के सामने नहीं आई। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि सही नीतियाँ अपनाई जातीं, तो भारत आज दुनिया में और भी आगे होता।

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आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) का महत्व
प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि अब समय आ गया है कि भारत अपने पैरों पर खड़ा हो। उन्होंने कहा, “आत्मनिर्भर भारत का मतलब यह नहीं कि हम दुनिया से कट जाएं। इसका मतलब है कि हम अपनी शक्तियों का सही उपयोग करें, अपनी जरूरतों के लिए अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाएँ और दुनिया के सामने एक मजबूत भारत प्रस्तुत करें।”
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर बनने के लिए देशवासियों को सोच बदलनी होगी। हमें सिर्फ आयात पर निर्भर नहीं रहना है, बल्कि अपने उद्योगों, विज्ञान, तकनीक और कृषि को मजबूत बनाना होगा। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे देश की इस नई दिशा में अपना योगदान दें।
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युवा शक्ति और देश की जिम्मेदारी
प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं को विशेष रूप से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश की वास्तविक शक्ति उसकी युवा पीढ़ी है। यदि युवा सही दिशा में काम करें और देश के लिए अपना समय और ऊर्जा समर्पित करें, तो कोई ताकत भारत को रोक नहीं सकती।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दशकों में देश की नीतियों ने युवाओं के अवसरों को सीमित कर दिया। लेकिन अब समय बदल गया है। आज का भारत वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाने के लिए तैयार है।
औद्योगिक और तकनीकी विकास की आवश्यकता
प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर बनने का मतलब सिर्फ कृषि या रोजमर्रा की जरूरतों में आत्मनिर्भर होना नहीं है। हमें तकनीकी क्षेत्र, विज्ञान, और उद्योगों में भी आत्मनिर्भर होना होगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आज कई देश हमारी तकनीकी और औद्योगिक प्रगति की तारीफ कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर हम अपनी क्षमताओं का सही उपयोग करें, तो न केवल हमारा देश मजबूत होगा, बल्कि विदेशों में हमारी स्थिति भी मजबूत होगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने क्षेत्र में नवाचार और मेहनत के जरिए आत्मनिर्भर भारत की दिशा में काम करें।
विदेशी निर्भरता से बचाव
प्रधानमंत्री मोदी ने चेतावनी दी कि अगर हम विदेशी उत्पादों और तकनीक पर पूरी तरह निर्भर रहेंगे, तो देश की सुरक्षा और आर्थिक स्थिति प्रभावित होगी। उन्होंने कहा, “हमें अपनी जरूरतों को देश के अंदर पूरा करने की दिशा में काम करना होगा। तभी हम एक मजबूत, सुरक्षित और आत्मनिर्भर भारत बना सकते हैं।”
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उन्होंने कहा कि यह सिर्फ सरकार का काम नहीं है, बल्कि हर नागरिक, उद्योगपति, किसान और युवा की जिम्मेदारी है कि वे इस दिशा में कदम बढ़ाएं।
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प्रधानमंत्री मोदी ने भुवनगर की जनता को संबोधित करते हुए आत्मनिर्भरता और विदेशी निर्भरता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत की शक्ति उसकी जनता और युवा पीढ़ी में है। यदि हम अपनी नीतियों, उद्योग और तकनीक में आत्मनिर्भर बनते हैं, तो भारत न केवल दुनिया के सामने मजबूत खड़ा होगा, बल्कि आने वाले दशकों में एक नई ऊँचाई भी हासिल करेगा।
उन्होंने दोहराया कि आत्मनिर्भर भारत का सपना केवल एक राजनीतिक नारा नहीं, बल्कि हमारी राष्ट्र निर्माण यात्रा का अहम हिस्सा है। इसके लिए सभी को मिलकर काम करना होगा और देश की शक्ति को पूरी दुनिया के सामने दिखाना होगा।
प्रधानमंत्री मोदी का यह भाषण युवाओं और देशवासियों को आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रेरित करने वाला और जागरूक करने वाला साबित हुआ। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब भारत के पास पूरी क्षमता है कि वह अपने सपनों को साकार करे और दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाए।
