Kangana Ranaut: हिमाचल प्रदेश इन दिनों प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहा है। भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ ने यहाँ की ज़िंदगी अस्त-व्यस्त कर दी है। सड़कों से लेकर घरों तक, हर जगह तबाही का मंजर दिखाई दे रहा है। लेकिन इस मुश्किल वक्त में राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। भारतीय जनता पार्टी की सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने खुलकर कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है।
कंगना का कहना है कि सरकार आपदा राहत कार्यों में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे नेता जनता की तकलीफ़ को समझने की बजाय विदेशों में छुट्टियां मनाने में व्यस्त हैं। वहीं राज्य के लोग बेहाल हैं – कोई अपनों को खो चुका है, तो कोई अब तक अपने घरों को बचाने की कोशिश कर रहा है।
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आपदा और प्रशासन की नाकामी
कंगना रनौत ने कहा कि जब राज्य को सरकार की सबसे ज्यादा ज़रूरत थी, तब संबंधित विभागों के मंत्री नदारद रहे। खासकर लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री की अनुपस्थिति पर उन्होंने गंभीर सवाल उठाए। उनका कहना है कि सड़कों की मरम्मत और आपदा राहत कार्यों की जिम्मेदारी PWD के पास होती है, लेकिन मंत्री जी का कहीं अता-पता नहीं है।
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उन्होंने यह भी कहा कि आपदा से निपटने के लिए सरकार ने न तो कोई ठोस योजना बनाई और न ही प्रभावित परिवारों तक समय पर राहत पहुंचाई। कई गांव अब भी सड़क और संचार व्यवस्था से कटे हुए हैं।
मनिकरण रोड परियोजना पर सवाल
कंगना रनौत ने विशेष रूप से मनिकरण रोड परियोजना का जिक्र किया। उनका कहना है कि इस प्रोजेक्ट में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद सड़क की हालत बेहद खराब है। बारिश और भूस्खलन के कारण यह सड़क बार-बार टूट जाती है और लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है।
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उन्होंने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि इस परियोजना में कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार को प्राथमिकता दी गई, जबकि लोगों की सुरक्षा और सुविधा को पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर दिया गया।
जनता की पीड़ा, सरकार की चुप्पी
आपदा से प्रभावित लोगों का कहना है कि सरकार ने केवल आश्वासन दिए हैं, ज़मीन पर काम न के बराबर हुआ है। कई परिवारों के घर पूरी तरह टूट गए हैं, लेकिन उन्हें अब तक मुआवज़ा नहीं मिला।
कंगना रनौत ने जनता की आवाज़ उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और मंत्री सिर्फ बयानबाज़ी में व्यस्त हैं, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिरकार सरकार की प्राथमिकता क्या है – जनता की जान-माल की सुरक्षा या फिर सत्ता की राजनीति?
केंद्र से मिलने वाली सहायता पर भी सवाल
कंगना ने कहा कि केंद्र सरकार समय-समय पर हिमाचल प्रदेश को राहत के लिए राशि भेजती रही है, लेकिन राज्य सरकार उस धन का सही इस्तेमाल नहीं कर पा रही। नतीजा यह है कि सड़कें टूटी पड़ी हैं, गांवों तक राहत सामग्री नहीं पहुँच रही और लोग मजबूरी में खुद ही अपने हालात से लड़ रहे हैं।
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उन्होंने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस सरकार ईमानदारी से काम करती तो राहत और पुनर्वास कार्य तेज़ी से होते और जनता को इतनी मुश्किलें नहीं झेलनी पड़तीं।
कंगना का जनता से सीधा संवाद
कंगना रनौत ने मण्डी में जनता से सीधा संवाद करते हुए कहा कि वह हमेशा प्रदेश की जनता की आवाज़ उठाती रहेंगी। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि वह उनकी समस्याओं को संसद तक ले जाएँगी।
कंगना ने भावुक होते हुए कहा – “हिमाचल मेरी मातृभूमि है। यहाँ की हर तकलीफ़ मेरी तकलीफ़ है। मैं चुप नहीं बैठ सकती जब मेरे राज्य के लोग दुखी और परेशान हैं।”
विपक्ष बनाम सत्ता
कंगना के इस बयान के बाद हिमाचल की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। बीजेपी नेताओं ने उनके आरोपों का समर्थन किया है और कहा है कि कांग्रेस सरकार जनता से पूरी तरह कटी हुई है। वहीं, कांग्रेस की ओर से सफाई दी गई है कि सरकार लगातार राहत और पुनर्वास कार्य कर रही है और विपक्ष केवल राजनीति कर रहा है।
लेकिन सवाल यह है कि सच्चाई किस ओर है? क्या वास्तव में सरकार आपदा प्रबंधन में विफल रही है या फिर यह सब राजनीतिक बयानबाज़ी है? हिमाचल प्रदेश आज एक कठिन दौर से गुजर रहा है। पहाड़ों पर बरसात की मार से जिंदगी ठहर सी गई है। ऐसे में जनता को केवल एक ही उम्मीद है – सरकार समय पर राहत पहुँचाए और पुनर्निर्माण का काम तेजी से हो।
कंगना रनौत के आरोपों ने सरकार की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। अब यह देखना होगा कि कांग्रेस सरकार इन आरोपों का क्या जवाब देती है और आने वाले दिनों में राहत कार्य कितनी तेजी से आगे बढ़ते हैं।
