Basti Student Gang Rape: उत्तर प्रदेश के बस्ती ज़िले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां कक्षा 6 में पढ़ने वाली 13 साल की छात्रा के साथ इतना अमानवीय कृत्य हुआ कि सुनकर हर किसी की रूह कांप उठे। बच्ची को अपहरण कर लगभग दो हफ़्तों तक बंधक बनाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। यही नहीं, आरोपियों ने उसे देह व्यापार में धकेलने तक की कोशिश की। गनीमत रही कि छात्रा किसी तरह आरोपियों के चंगुल से छूटकर बाहर आ सकी, जिसके बाद पूरी घटना का खुलासा हुआ।
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छात्रा के अपहरण की पूरी कहानी
पूरा मामला नगर थाना क्षेत्र स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का है। बताया जा रहा है कि 25 अगस्त को कक्षा 6 में पढ़ने वाली 13 वर्षीय छात्रा को स्कूल से ही बहला-फुसलाकर बाहर ले जाया गया। बच्ची के अनुसार, सीमा नाम की एक महिला उसे किसी बहाने से स्कूल गेट के बाहर बुलाकर ट्रक ड्राइवर के पास ले गई। ड्राइवर ने जबरन छात्रा को ट्रक में बैठाया और सुनसान जगह ले जाकर उसके साथ कई लोगों ने दुष्कर्म किया।
इसके बाद सीमा ने एक युवक सुनील से बात की और छात्रा को उसके हवाले कर दिया। सुनील भी उसे ट्रक में बैठाकर अलग-अलग इलाकों में ले जाता रहा और वहां अपने साथियों को बुलाकर उसके साथ बार-बार रेप कराता रहा।
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फैजाबाद में बंधक बनाकर किया अत्याचार
पढ़ाई के लिए स्कूल गई इस बच्ची का दर्द यहीं खत्म नहीं हुआ। पीड़िता ने बताया कि सीमा उसे बाद में फैजाबाद ले गई। वहां उसे एक कमरे में बंद करके कई लोगों से रेप कराया गया। यही नहीं, सीमा और उसके साथी उसे जबरन किराए के एक मकान में भी ले गए और वहां 25 अगस्त से लेकर 6 सितंबर तक लगातार शारीरिक शोषण किया जाता रहा।
छात्रा ने पुलिस को बताया कि सीमा और सुभाष नाम का आरोपी यह तय कर चुके थे कि अब उससे देह व्यापार कराएंगे। लड़की की हरकत पर नजर रखने और ग्राहकों से पैसे लेने का काम दोनों आपस में मिलकर कर रहे थे। इस दौरान पीड़िता को धमकाया जाता था कि विरोध करने पर जान से मार दिया जाएगा।
जिस्मफरोशी में धकेलने की कोशिश
दरिंदों का मकसद छात्रा का शोषण कर उसे पूरी तरह से जिस्मफरोशी में धकेलना था। सुभाष और सीमा इस बात पर सहमत थे कि लड़की से कमाई गई रकम का हिस्सा दोनों आपस में बांटेंगे। चार दिन पहले सीमा ने सुभाष को घटना से जुड़े पैसों का बंटवारा भी किया था। दूरदराज से आने वाले ट्रक ड्राइवरों को बुलाकर छात्रा को जबरदस्ती उनके पास भेजा जाता था।
भागकर मदद मांगने पर फिर हुआ शोषण
लगातार शोषण सहने के बाद छात्रा 6 सितंबर की शाम किसी तरह सीमा के चंगुल से भाग निकली। वह हाईवे पर खड़े एक ट्रक ड्राइवर राहुल पांडेय के पास मदद के लिए पहुँची। लेकिन निर्दयी राहुल ने भी उसकी मजबूरी का फायदा उठाया और बस्ती तक छोड़ने का भरोसा देने के बाद रास्ते में उसके साथ दुष्कर्म किया। यही नहीं, उसने लड़की को पश्चिम बंगाल में बेचने की योजना भी बना ली थी।
पुलिस ने कैसे छुड़ाया
इस बीच पुलिस को गुप्त सूचना मिली और तिलकपुर के पास हाईवे पर ट्रक को रोक लिया गया। पुलिस ने छात्रा को सकुशल बरामद कर लिया और आरोपी राहुल को भी गिरफ्तार किया। पीड़िता के बयान के बाद पुलिस ने बाकी आरोपियों की तलाश तेज कर दी।
गिरफ्तारी और मुठभेड़
7 सितंबर की रात को पुलिस ने मुख्य आरोपी सीमा, सुभाष और राम सहाय को गिरफ्तार कर लिया। जबकि फरार दो आरोपी—पंकज और सुनील—पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया। 8 सितंबर को पुलिस को पता चला कि ये दोनों आरोपी कुढ़ा पट्टी गांव के पास छिपे हुए हैं। जब पुलिस ने घेराबंदी कर उन्हें पकड़ने की कोशिश की तो उन्होंने गोलीबारी कर दी। जवाबी कार्यवाही में पुलिस ने उनके पैरों में गोली मारकर उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया।
क्या कहती है पुलिस ?
एसपी अभिनंदन ने बताया कि बच्ची को लगभग 14 दिनों तक अपहरणकर्ताओं ने बंधक बनाकर रखा और लगातार शोषण करते रहे। उनका इरादा था कि छात्रा को देह व्यापार में पूरी तरह धकेल दें। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और संयुक्त अभियान के कारण सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जा सका। इस दौरान थाना प्रभारी विश्व मोहन राय भी मुठभेड़ में घायल हो गए।
हिम्मत दिखाकर भागी नाबालिग छात्रा
इस घटना ने न केवल इलाके बल्कि पूरे प्रदेश को हिला दिया है। जहां एक ओर बच्ची को दरिंदों ने नर्क जैसी जिंदगी जीने पर मजबूर कर दिया, वहीं दूसरी ओर उसकी हिम्मत और साहस की वजह से पूरा हकीकत सामने आ पाया।
समाज और प्रशासन के सामने चुनौती
यह घटना कई सवाल खड़े करती है। क्या स्कूल और समाज में बच्चों की सुरक्षा इतनी कमजोर है कि उन्हें इस तरह बहला-फुसलाकर ट्रक में बैठा लिया जाए? जिन दरिंदों ने एक 13 साल की छात्रा को बंधक बनाकर अमानवीय कृत्य किया, वे समाज के लिए कितना बड़ा खतरा हैं, यह इस घटना ने साफ कर दिया।
फिलहाल पुलिस आगे की जांच कर रही है और आरोपियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की तैयारी है। वहीं समाज में यह चर्चा गरम है कि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूल प्रशासन और स्थानीय पुलिस को अधिक कड़े कदम उठाने होंगे।
कुल मिलाकर, यह घटना मासूमों को सुरक्षित माहौल देने की हमारी जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े करती है। इस नाबालिग छात्रा के साहस और पुलिस की तत्परता से मामला उजागर तो हो गया, मगर यह हम सबके लिए चेतावनी है कि हमें बच्चों की सुरक्षा को लेकर और ज्यादा सतर्क रहना होगा।
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