Piyush Goyal Birsa Munda programme: मुंबई में आयोजित बिरसा मुंडा जयंती कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के प्रतिनिधि,सामाजिक कार्यकर्ता, छात्र और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य था आदिवासी नायक धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के बलिदान, संघर्ष और देश के स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान को याद करना।
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बिरसा मुंडा की विरासत को याद किया
कार्यक्रम की शुरुआत भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई। इस दौरान पीयूष गोयल ने कहा कि देश आज जिस विकास के मुकाम पर खड़ा है, उसमें आदिवासी समाज का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि 19वीं सदी में अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष कर बिरसा मुंडा ने न सिर्फ आदिवासी अधिकारों की रक्षा की, बल्कि पूरे भारत में स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा दी। पीयूष गोयल ने अपने संबोधन में कहा,’बिरसा मुंडा ने हमें सिखाया कि अपने अधिकारों और अपनी जमीन, जल और जंगल की रक्षा कैसे करनी चाहिए। आजादी के 75 सालों के बाद भी उनका संदेश उतना ही प्रासंगिक है जितना उस समय था।’
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आदिवासी समाज के विकास पर जोर
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार आदिवासी समुदाय के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में आदिवासी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं और विकास कार्यों के लिए हजारों करोड़ रुपये निवेश किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि आदिवासी युवाओं को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर मिलें। उन्होंने जनजातीय मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे कई कार्यक्रमों का ज़िक्र करते हुए कहा कि वनधन योजना, एकलव्य मॉडल स्कूल और पीएम जनजातीय गौरव यात्रा जैसे कार्यक्रम जनजातीय समाज के लिए नई संभावनाएं लेकर आए हैं। पीयूष गोयल ने बताया कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र के आदिवासी बाहुल्य जिलों नंदुरबार, पालघर, नाशिक और गढ़चिरौली में विशेष पैकेज पर काम कर रही है।
महिलाओं और युवाओं की भूमिका
कार्यक्रम में मौजूद आदिवासी महिला समूहों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि आज आदिवासी महिलाएं कई क्षेत्रों में बड़ा बदलाव लाने की क्षमता रखती हैं। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों (SHG) ने लाखों आदिवासी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है।
युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा,’देश तब आगे बढ़ता है जब उसके युवा सपने देखते हैं और उन्हें पूरा करने का साहस रखते हैं। आज भारत का युवा दुनिया में अपनी पहचान बना रहा है, और आदिवासी युवा भी इस यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।’
संस्कृति और परंपराओं को सम्मान
पीयूष गोयल ने कहा कि आदिवासी समाज की कला, संस्कृति, नृत्य और परंपराओं ने भारत की सभ्यता को समृद्ध बनाया है। उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासी संस्कृति को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के प्रयास कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासी समाज की जीवनशैली प्रकृति के संरक्षण का सबसे बड़ा उदाहरण है, और यह आधुनिक समाज के लिए भी सीख है।
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कार्यक्रम में उत्साह और सांस्कृतिक प्रस्तुति
कार्यक्रम में आदिवासी कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। कई स्थानीय स्कूलों के बच्चों ने भी अपनी प्रस्तुति दी।स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कहा कि मुंबई में इस तरह का कार्यक्रम आयोजित होना आदिवासी समुदाय के सम्मान और गौरव का प्रतीक है। अंत में, पीयूष गोयल ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद किया और कहा कि बिरसा मुंडा के आदर्शों को आगे बढ़ाना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज भारत की आत्मा है, और उसके विकास के लिए सरकार लगातार प्रतिबद्ध है।
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