Amit Shah Bhav Kamalam Gujarat BJP Speech: गुजरात की राजनीति में बुधवार का दिन सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम भर नहीं था। यह भारतीय जनता पार्टी की उस राजनीतिक दृष्टि का प्रदर्शन था, जो अपने संगठन, विचारधारा और निरंतर जनसमर्थन को चुनावी राजनीति की असल ताकत मानती है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जब भट्ठीगाम की जमीन पर बने भावनगर जिला भाजपा कार्यालय ‘भव कमलम’ का उद्घाटन कर रहे थे, तब उनके भाषण में सिर्फ इमारत का उल्लेख नहीं था, बल्कि उस राजनीतिक रास्ते का संकेत भी था, जिस पर चलकर भाजपा तीन दशक से अधिक समय से गुजरात में अजेय बनी हुई है।
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‘कॉपी-पेस्ट राजनीति’ बनाम ‘भारतीय मॉडल’ की बहस
अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वह “विदेशी नीतियों का कॉपी-पेस्ट” करती है, जबकि भाजपा देश की ज़मीन, समाज और उसकी ज़रूरतों के आधार पर नीतियां तैयार करती है। यह बयान सिर्फ कांग्रेस की आलोचना नहीं, बल्कि भाजपा के उस नैरेटिव को मजबूती देता है जिसके मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियां भारतीय मॉडल ऑफ गवर्नेंस तैयार कर रही हैं। शाह ने यह भी दावा किया कि भारत एक दशक में 11वीं से चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है और 2027 से पहले तीसरे पायदान पर होगा यह संदेश सिर्फ आर्थिक उपलब्धि का नहीं बल्कि राजनीतिक आत्मविश्वास का भी है।
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भाजपा आंदोलन है, सिर्फ पार्टी नहीं– शाह
अमित शाह ने अपने भाषण में कहा कि भाजपा नेता-आधारित नहीं, बल्कि कार्यकर्ता-आधारित पार्टी है। यह वाक्य भाजपा की लंबे समय से चली आ रही उस विचारधारा को दोहराता है जिसमें संगठन को शीर्ष पर रखा जाता है। उन्होंने 1990 से गुजरात में भाजपा की अजेयता का उल्लेख करते हुए इसे मोदी मॉडल, संगठनात्मक अनुशासन और सरकार की योजनाओं की सफलता से जोड़ा। यह संदेश सीधे कार्यकर्ताओं के लिए था कि सत्ता की लंबी उम्र संगठन की मजबूती पर ही टिकती है।
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कांग्रेस के लिए सीधा राजनीतिक संदेश
शाह का कांग्रेस पर निशाना तीखा था। उन्होंने कहा, कांग्रेस के नेता अचानक प्रदेश का दौरा कर रहे हैं। लोगों के बीच जाइए, उनकी बातें सुनिए, नहीं तो बिहार जैसा परिणाम गुजरात में भी तय है। यह तंज़ सिर्फ गुजरात की राजनीति तक सीमित नहीं था, बल्कि पूरे देश में कांग्रेस की कमजोर पकड़ और भाजपा की जीतों की श्रृंखला का राजनैतिक संकेत था।
‘भव कमलम’ सिर्फ दफ़्तर नहीं, भाजपा का विचार-संकुल
नए कार्यालय के उद्घाटन में पार्टी नेताओं ने इसे कार्यकर्ताओं का मंदिर बताया। यहां बैठक हॉल, साहित्य अनुभाग, डिजिटल कम्युनिकेशन रूम और प्रशिक्षण से जुड़े आधुनिक संसाधन हैं। दरअसल भाजपा के लिए दफ़्तर सिर्फ भौतिक संरचना नहीं, बल्कि पार्टी की राजनीतिक संरचना का हृदय होता है जहां रणनीति तैयार होती है, कार्यकर्ता तैयार होते हैं, और संगठन चलाया जाता है।
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गुजरात BJP की ‘विश्वास परंपरा’
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया, गुजरात भाजपा अध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा और कई वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि गुजरात के लोगों ने 1985 के बाद भाजपा पर जो भरोसा जताया है, वह अपने आप में एक राजनीतिक घटना है। विश्वकर्मा ने इसे कार्यकर्ताओं की तपस्या बताया और नए कार्यालय को संगठन की ऊर्जा का स्रोत करार दिया।
राजनीतिक संकेत और भविष्य की दिशा
अमित शाह के इस भाषण का राजनीतिक संदेश साफ है, भाजपा संगठन को केंद्र में रखकर आगे बढ़ रही है। कांग्रेस पर हमला जारी रहेगा और उसे चुनौती देने की तैयारी गुजरात से ही शुरू हो चुकी है। विकास, अर्थव्यवस्था और नेतृत्व ये तीन स्तंभ आगे की राजनीति की नींव होंगे। नए कार्यालयों और मजबूत संरचनाओं के जरिए भाजपा 2027 और आगे की रणनीति अभी से तैयार कर रही है।
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भव कमलम के उद्घाटन के बहाने भाजपा ने गुजरात से एक बार फिर अपनी ताकत, अपनी विचारधारा और अपने आत्मविश्वास का प्रदर्शन किया संदेश साफ है कि आने वाले वर्षों में पार्टी अपने संगठनात्मक विस्तार और राजनीतिक प्रभाव को और गहरा करने की तैयारी में है।
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