नागपुर में एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्री डेवलपमेंट की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पहुंचे। जहां उन्होंने कहा कि, भारत में पैसों की कमी नहीं है, बल्कि काम करने वालों की कमी है। उन्होंने कहा।
‘भारत में पैसों की कमी नहीं है, बल्कि काम करने वालों की कमी है। मेरे पास 15 लाख करोड़ रुपये पड़े हैं, लेकिन मैं इसे खर्च नहीं कर पा रहा हूं।’
यह कथन अपने आप में देश की आर्थिक और प्रशासनिक स्थिति पर गहरा संदेश देता है। गडकरी के अनुसार, सरकार के पास पर्याप्त धन है, लेकिन ऐसे लोगों की कमी है जो इस पैसे को योजनाओं में बदल सकें, ज़मीन पर काम कर सकें और परिणाम ला सकें।
‘पैसा है, पर काम करने वाले नहीं’
गडकरी ने कहा कि मार्केट में पैसा है, लेकिन प्रोजेक्ट्स को गति देने वाले लोग नहीं हैं। उन्होंने उद्योगपतियों और युवाओं से आग्रह किया कि वे आगे आएं और भारत की आर्थिक तस्वीर बदलने में अपनी भूमिका निभाएं।
‘जब आप काम शुरू करेंगे तो इतने लोग आएंगे, इतने रोजगार बनेंगे कि आप खुद आश्चर्यचकित रह जाएंगे।’
गडकरी ने कहा कि भारत में क्षमता (potential) की कोई कमी नहीं, बस ज़रूरत है काम शुरू करने की। अगर विकास के प्रोजेक्ट्स और इंडस्ट्री साथ चलें, तो देश की तस्वीर पांच सालों में पूरी तरह बदल सकती है।
आर्थिक विकास और रोजगार सृजन पर फोकस
कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने आने वाले 5 सालों में 5 लाख नए रोजगार सृजित करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि अगर हर व्यक्ति देश के आर्थिक विकास में अपना योगदान दे, तो भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में ज़्यादा समय नहीं लेगा।
उन्होंने नागपुर शहर को “स्मार्ट सिटी” बनाने और आस-पास के गांवों को आधुनिक ढांचे से जोड़ने की बात कही। उनके मुताबिक, ‘रोजगार पैदा करना, सड़कें बनाना और उद्योगों को बढ़ावा देना – यही सच्चा राष्ट्र निर्माण है।’
“मैं क्यों गाली खाऊं?” – सड़क निर्माण पर QR कोड
गडकरी ने मज़ाकिया अंदाज़ में एक और अहम पहल की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अब नेशनल हाईवे पर लगे होर्डिंग्स पर क्यूआर कोड होंगे।
‘लोग उन कोड्स को स्कैन करके यह जान सकेंगे कि सड़क किसने बनाई, ठेकेदार कौन है, और इसकी निगरानी कौन कर रहा है।’
उन्होंने कहा – ‘मैं क्यों गाली खाऊं? अगर सड़क खराब है तो जनता जान पाए कि ज़िम्मेदार कौन है। सोशल मीडिया पर शिकायत करें, हम कार्रवाई करेंगे।‘ यह पहल पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
पैसा है, अब चाहिए कर्मशील सोच
गडकरी का संदेश साफ है,
भारत में संसाधनों की कमी नहीं, कमी है कार्यसंस्कृति और निष्पादन की। अगर सरकार, उद्योगपति और युवा मिलकर काम करें, तो ’15 लाख करोड़ रुपये‘ सिर्फ आंकड़ा नहीं रह जाएगा, बल्कि देश के विकास का इंजन बन जाएगा।
Follow Us: YouTube| TV TODAY BHARAT LIVE | Breaking Hindi News Live | Website: Tv Today Bharat| X | FaceBook | Quora| Linkedin | tumblr | whatsapp Channel | Telegram
