Delhi High Court Case: दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहे एक बेहद संवेदनशील मामले में सोमवार को अहम प्रगति देखने को मिली। इस केस में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राघव कक्कड़ और मॉडल-अभिनेत्री सेलिना जेटली पेश हुईं। मामला उस भारतीय मेजर जनरल से जुड़ा है, जिन्हें कुछ समय पहले दुबई में कथित रूप से अगवा कर हिरासत में ले लिया गया था। अब इस प्रकरण में न्यायिक सहयोग और सरकारी प्रयासों से राहत की खबर सामने आई है।
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भारत सरकार और न्यायपालिका के संयुक्त प्रयासों से एक अनुकूल आदेश (favorable order) प्राप्त हुआ है, जिसके तहत भारतीय सेना के मेजर जनरल की रिहाई की प्रक्रिया को तेज़ी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। यह अधिकारी विशेष बलों (Special Forces) में सेवा दे चुके हैं और संयुक्त राष्ट्र (UN) में शांति मिशन के तहत कार्यरत रह चुके हैं।
विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) की ओर से मामले में सक्रिय भूमिका निभाई जा रही है। मंत्रालय ने अदालत में विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट (status report) दाखिल करने का आश्वासन दिया है, जिसमें यह बताया जाएगा कि दुबई प्रशासन के साथ क्या बातचीत चल रही है और रिहाई के लिए कौन-कौन से औपचारिक कदम उठाए गए हैं।
अदालत ने एक वरिष्ठ अधिकारी को याचिकाकर्ता और उनके भाई की सहायता के लिए नियुक्त किया है। यह अधिकारी न केवल कानूनी सहायता प्रदान करेगा बल्कि परिवार को नियमित रूप से केस की स्थिति की जानकारी भी देता रहेगा। इस कदम को मानवीय दृष्टिकोण से भी सराहा जा रहा है।
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दिल्ली हाईकोर्ट ने इस केस की अगली सुनवाई 4 दिसंबर 2025 के लिए निर्धारित की है। उम्मीद जताई जा रही है कि तब तक विदेशी और भारतीय अधिकारियों के बीच समन्वय से इस मामले में ठोस प्रगति होगी। अदालत ने यह भी कहा कि सरकार को इस मामले को “राष्ट्रीय गौरव और सैनिक के सम्मान” के दृष्टिकोण से देखना चाहिए।
इस केस को भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच सहयोग और विश्वास की परीक्षा माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकरण का सकारात्मक निपटारा दोनों देशों के बीच न्यायिक और राजनयिक संबंधों को और सशक्त करेगा।
मेजर जनरल की रिहाई को लेकर जारी यह प्रक्रिया न केवल एक सैनिक के सम्मान की बहाली है, बल्कि भारत की अंतरराष्ट्रीय सक्रियता और मानवीय संवेदनशीलता का उदाहरण भी है। अदालत का रुख और सरकार की तत्परता इस दिशा में उम्मीद की किरण लेकर आई है।
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