Sambhal Mosque Demolition: उत्तर प्रदेश के संभल जिले के राया बुजुर्ग गांव में स्थित गाउसुल वारा मस्जिद और उससे जुड़ा विवाह भवन (बारात घर) हाल ही में प्रशासनिक कार्रवाई का शिकार बने हैं। गुरुवार, 2 अक्टूबर 2025 को इन दोनों संरचनाओं को बुलडोजर से ध्वस्त किया गया। प्रशासन का दावा है कि ये दोनों निर्माण सरकारी भूमि पर अवैध रूप से बने थे, जो पहले एक तालाब के रूप में चिन्हित थी। यह कार्रवाई संभल में पिछले चार महीनों में दूसरी बार मस्जिद के ध्वस्तीकरण की घटना है।

READ MORE: गोरखनाथ मंदिर में बच्चों को चॉकलेट बांटते दिखे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पहले विधिवत पूजा-अर्चना
प्रशासन की कार्रवाई और सुरक्षा इंतजाम
ध्वस्तीकरण के दौरान पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। लगभग 200 पुलिस और पैरामिलिट्री बलों की तैनाती की गई थी, और ड्रोन के माध्यम से निगरानी रखी गई थी। प्रशासन ने दावा किया कि मस्जिद और विवाह भवन दोनों का निर्माण सरकारी भूमि पर हुआ था, जिसे हाल ही में किए गए भूमि सर्वेक्षण में अवैध पाया गया। मस्जिद समिति ने पहले ही कुछ हिस्सों को स्वयं हटाना शुरू कर दिया था।
हाई कोर्ट का आदेश और कानूनी पहलू
मस्जिद समिति ने ध्वस्तीकरण के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। शनिवार, 4 अक्टूबर 2025 को न्यायमूर्ति दिनेश पाठक की एकल पीठ ने याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि मस्जिद समिति निचली अदालत में अपील दायर कर सकती है। मस्जिद समिति ने आरोप लगाया था कि प्रशासन ने बिना औपचारिक आदेश के ध्वस्तीकरण शुरू किया था, और 2 अक्टूबर (गांधी जयंती और दशहरा) जैसे महत्वपूर्ण दिनों में यह कार्रवाई की गई, जिससे साम्प्रदायिक तनाव बढ़ सकता था।
READ MORE: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का संदेश और संरक्षण का संकल्प
प्रशासन का पक्ष और भूमि विवाद
प्रशासन का कहना है कि विवाह भवन पहले एक तालाब की भूमि पर बना था, और मस्जिद का कुछ हिस्सा सरकारी भूमि पर स्थित था। मस्जिद समिति ने स्वयं कुछ हिस्सों को हटाना शुरू कर दिया था, लेकिन प्रशासन ने पूरी संरचना को ध्वस्त करने का निर्णय लिया। इससे पहले मस्जिद समिति को चार दिनों का समय दिया गया था, लेकिन वे स्वयं पूरी संरचना को हटाने में असमर्थ रहे।
साम्प्रदायिक संवेदनशीलता और स्थानीय प्रतिक्रिया
यह घटना साम्प्रदायिक दृष्टिकोण से अत्यधिक संवेदनशील मानी जा रही है। स्थानीय लोगों में तनाव देखा गया है, हालांकि प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में बताया है। इससे पहले, नवंबर 2024 में शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान साम्प्रदायिक हिंसा हुई थी, जिसमें पांच लोगों की मृत्यु हुई थी और कई अन्य घायल हुए थे।
READ MORE: CM योगी ने किया गोरखनाथ मंदिर में महाअष्टमी पूजन , नवमी अवसर पर भक्तों के लिए खास तोहफा
गाउसुल वारा मस्जिद और विवाह भवन का ध्वस्तीकरण प्रशासनिक कार्रवाई के तहत किया गया है, जिसमें कानूनी और साम्प्रदायिक दोनों पहलू शामिल हैं। मस्जिद समिति को न्यायिक राहत के लिए निचली अदालत से संपर्क करने की सलाह दी गई है। यह घटना संभल जिले में धार्मिक और कानूनी विवादों की लंबी श्रृंखला का हिस्सा प्रतीत होती है, और इसके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं।
Follow Us: YouTube| Tv today Bharat Live | Breaking Hindi News Live | Website: Tv Today Bharat| X | FaceBook | Quora| Linkedin | tumblr | whatsapp Channel | Telegram
