Devkinandan Thakur Birthday 2025: देवकीनंदन ठाकुर महाराज : भक्ति, सेवा और राष्ट्रहित के प्रेरक युगपुरुष: यह पावन दिन हम सभी के लिए गर्व का क्षण है, क्योंकि आज हम उस महान संत और कथावाचक का 47वां जन्मदिवस मना रहे हैं, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन धर्म, भक्ति, सेवा और राष्ट्रहित के लिए समर्पित कर दिया। उनका नाम है , बृजभूमि में जन्मे पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर महाराज।
ठाकुर जी केवल कथावाचक नहीं, बल्कि युगपुरुष हैं। उनकी वाणी में ऐसा आध्यात्मिक तेज है, जो आत्मा को झकझोर कर भक्तिभाव से भर देती है। श्रीमद्भागवत कथा की अमृतधारा से उन्होंने करोड़ों लोगों के जीवन में भक्ति, संस्कार और जीवन के प्रति नई दृष्टि का संचार किया है।
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सनातन धर्म के सशक्त प्रहरी
देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने केवल कथाओं के माध्यम से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और धार्मिक जागरण के कार्यों से भी सनातन धर्म को नई ऊर्जा दी है। उन्होंने यह स्पष्ट संदेश दिया कि धर्म केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है।
सनातन धर्म की रक्षा और हिंदू समाज को संगठित करने के लिए ठाकुर जी ने विभिन्न धर्म संसदों का आयोजन किया।
इनका विवरण इस प्रकार है –
- 25 फरवरी 2024 – दिल्ली
- 23 जून 2024 – ऋषिकेश
- 16 नवंबर 2024 – दिल्ली
- 27 जनवरी 2025 – प्रयागराज (महाकुंभ)
इन चार धर्म संसदों के माध्यम से उन्होंने समाज के सामने यह विचार रखा कि जिस प्रकार वक्फ बोर्ड संविधान के अंतर्गत कार्यरत है, उसी प्रकार सनातन समाज के लिए भी “सनातन बोर्ड” की स्थापना होनी चाहिए। उनका मानना है कि सनातन धर्म के उत्थान और परंपराओं की रक्षा के लिए एक सशक्त संगठन की आवश्यकता है।
समाज और राष्ट्रहित के लिए प्रयास
महाराज जी ने अपने जीवन में समाजसेवा को भी सर्वोच्च स्थान दिया है। उन्होंने गौ सेवा, नारी सम्मान, पर्यावरण संरक्षण और राष्ट्रहित से जुड़े मुद्दों पर हमेशा जनता को जागरूक किया।
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वृंदावन स्थित प्रियाकांत जू गौशाला उनके गौ-प्रेम का अद्भुत उदाहरण है। यहां सैकड़ों गौमाताओं की सेवा और संरक्षण किया जाता है। ठाकुर जी ने जनमानस को गौ सेवा के महत्व से परिचित कराया और इसे जीवन का महत्वपूर्ण अंग बनाने का संदेश दिया।
बेटियों की शिक्षा के लिए संकल्प
महाराज जी ने समाज में बेटियों के सम्मान और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। वर्ष 2016 में वृंदावन में प्रियाकांत जू मंदिर के लोकार्पण के अवसर पर उन्होंने प्रियाकांत जू कन्या विद्याधन योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत ब्रज क्षेत्र की जरूरतमंद बेटियों को हर वर्ष उनकी शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है।उनकी यह पहल समाज को यह सिखाती है कि बेटियों का सम्मान और उनकी शिक्षा किसी भी राष्ट्र की प्रगति के लिए अनिवार्य है।
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अन्नदान और करुणा की सेवा
वृंदावन के प्रियाकांत जू मंदिर में ठाकुर जी के मार्गदर्शन में नियमित रूप से भंडारा सेवा आयोजित होती है। यहां भक्तों को प्रेम और करुणा के साथ भोजन प्रसाद वितरित किया जाता है। यह सेवा केवल अन्नदान नहीं, बल्कि समाज में प्रेम, करुणा और सेवा की भावना को मजबूत करने का सुंदर उदाहरण है।
प्रेरणादायी संदेश
देवकीनंदन ठाकुर महाराज का जीवन हर सनातनी के लिए प्रेरणा है। उनका स्पष्ट संदेश है कि –
“धर्म को केवल पूजा तक सीमित न रखें, उसे अपने आचरण में उतारें। भक्ति, सेवा, करुणा और राष्ट्रहित ही सच्चे धर्म के आधार हैं।”
उनकी कथाओं, प्रवचनों और समाजसेवा के कार्यों से हमें यह सीख मिलती है कि हमें केवल अपनी भक्ति तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए भी सजग और सक्रिय रहना चाहिए।
जन्मदिन पर संकल्प
आज जब हम ठाकुर जी का 47वां जन्मदिवस मना रहे हैं, यह केवल उत्सव का अवसर नहीं, बल्कि एक आह्वान भी है। आइए, हम संकल्प लें कि –
- हम अपने जीवन में धर्म, सेवा और सत्य के मार्ग को अपनाएंगे।
- गौ माता की सेवा, नारी सम्मान और पर्यावरण की रक्षा के लिए हमेशा जागरूक रहेंगे।
- समाज और राष्ट्रहित के लिए निरंतर सक्रिय रहेंगे।
देवकीनंदन ठाकुर महाराज का जीवन भक्ति, सेवा, करुणा और राष्ट्रप्रेम का अद्वितीय संगम है। उनकी शिक्षाएं और कार्य हर व्यक्ति के लिए दिशा-प्रदर्शक हैं। इस जन्मदिन पर हमें यही प्रेरणा लेनी चाहिए कि हम अपने धर्म और समाज के प्रति जिम्मेदार बनें और जीवन में सदैव सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करें।आप इस लेख के अंत में अपनी राय कमेंट बॉक्स में अवश्य साझा करें और ठाकुर जी के पावन संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं।
