Ayodhya (Uttar Pradesh): उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अयोध्या के ब्रहस्पति कुंड पर दक्षिण भारत के प्रसिद्ध संतों की मूर्तियों का भव्य उद्घाटन किया। यह समारोह धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
समारोह की भव्यता
इस उद्घाटन समारोह में अयोध्या के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु और सैलानी उपस्थित हुए। आयोजन स्थल ब्रहस्पति कुंड को विशेष रूप से सजाया गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि यह कदम केवल धार्मिक समर्पण नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति और अखंडता को जोड़ने वाला एक प्रयास है।

मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कहा, “भारत एक ऐसा देश है जहां सभी धर्म, सभी संस्कृतियों और सभी परंपराओं का सम्मान होता है। आज हम यहां दक्षिण भारत के संतों की मूर्तियों का उद्घाटन कर रहे हैं, जो हमें आध्यात्मिक मार्गदर्शन और मानवता की सीख देते हैं।”
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केंद्रीय वित्त मंत्री का दृष्टिकोण
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी समारोह में उपस्थित होकर संतों की शिक्षाओं और उनके योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “संयुक्त भारत में विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों का संगम हमारी ताकत है। ब्रहस्पति कुंड पर संतों की मूर्तियों का यह अनावरण इस सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है।”
ब्रहस्पति कुंड का आधुनिकीकरण
इस अवसर पर यह भी बताया गया कि ब्रहस्पति कुंड को हाल ही में आधुनिकीकरण किया गया है। इसमें विशेष रूप से श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कई सुधार किए गए हैं। कुंड के आसपास सुंदर pathways, रोशनी की व्यवस्था, और पार्किंग की सुविधा सुनिश्चित की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “अयोध्या सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह संस्कृति, इतिहास और आध्यात्मिकता का केंद्र भी है। हम इसे आधुनिक सुविधाओं और धार्मिक मूल्यों के संगम के रूप में प्रस्तुत करना चाहते हैं।”
दक्षिण भारत के संतों का महत्व
इस उद्घाटन समारोह में जिन संतों की मूर्तियों का अनावरण किया गया, वे दक्षिण भारत के महान संत और समाज सुधारक रहे हैं। इनमें कुछ संतों ने शिक्षा, सामाजिक सेवा और मानवता के लिए अपने जीवन को समर्पित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके विचार और शिक्षाएँ आज भी समाज के लिए प्रेरणादायक हैं।
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कार्यक्रम में अन्य गतिविधियाँ
समारोह के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। इस दौरान भजन, कीर्तन और धार्मिक गीतों का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने संतों के जीवन और उनके कार्यों पर आधारित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर सभी उपस्थित लोगों से कहा कि हमें संतों के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा, “आध्यात्मिक और सामाजिक मूल्यों को आत्मसात करना ही असली सेवा है। हमें अपने जीवन में सत्य, धर्म और मानवता के मार्ग पर चलना चाहिए।”
पर्यटकों और श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया
भव्य उद्घाटन और कुंड के आधुनिकीकरण से जुड़ी सुविधाओं को देखकर पर्यटक और श्रद्धालु काफी प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि अब अयोध्या केवल धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक ऐसा पर्यटन स्थल बन गया है जहां लोग शांति, शिक्षा और संस्कृति का अनुभव कर सकते हैं।
एक श्रद्धालु ने कहा, “मूर्तियों के माध्यम से संतों की शिक्षाओं का स्मरण करना अत्यंत प्रेरणादायक है। यह अनुभव हमें अपने जीवन में धर्म और नैतिक मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा देता है।”
अयोध्या में ब्रहस्पति कुंड पर दक्षिण भारत के संतों की मूर्तियों का उद्घाटन केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं है। यह भारतीय संस्कृति, धर्म और सामाजिक मूल्यों के संरक्षण और प्रचार का प्रतीक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में यह कार्यक्रम अयोध्या को एक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
इस आयोजन ने यह स्पष्ट किया कि धर्म और आध्यात्मिकता के माध्यम से सामाजिक एकता, संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा दिया जा सकता है। ब्रहस्पति कुंड का यह नया रूप और संतों की मूर्तियों का उद्घाटन आने वाले वर्षों में अयोध्या को एक प्रमुख धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन स्थल बनाने में मदद करेगा।
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