Lucknow Uttar Pradesh । उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य प्रशासन में एक बार फिर बड़ा फेरबदल किया है। बुधवार देर रात आई बड़ी घोषणा के अनुसार आठ आईएएस अधिकारियों के तबादले और पदोन्नति की गई। इस कदम को सरकार ने प्रशासनिक कार्यप्रणाली को और प्रभावी बनाने और विभागीय दक्षता को बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया है।
हर बार की तरह इस बार भी बदलाव में कई वरिष्ठ अधिकारियों को अहम जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, वहीं कुछ अधिकारियों को लंबे इंतजार के बाद नई भूमिका मिली है। इस फेरबदल से साफ संकेत मिलता है कि योगी सरकार तेजी, पारदर्शिता और जवाबदेही पर विशेष ध्यान दे रही है।
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मासूम अली सरवर को नई जिम्मेदारी
सरकार ने आईएएस मासूम अली सरवर को मुख्य कार्यपालक अधिकारी, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड नियुक्त किया है। इससे पहले वे प्रबंध निदेशक, यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) के पद पर कार्यरत थे।
सरवर अब वक्फ बोर्ड के कामकाज में सुधार और पारदर्शिता लाने की जिम्मेदारी संभालेंगे। अफसरों के अनुभव और कुशल प्रशासनिक क्षमता को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि वे बोर्ड के कामकाज में नई गति और जवाबदेही लाएंगे। उनके कार्यकाल में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और लोगों तक सरकारी योजनाओं की पहुंच में सुधार की संभावना है।

सेल्वा कुमारी जे को बड़ा प्रमोशन
आईएएस सेल्वा कुमारी जे को महानिदेशक प्राविधिक शिक्षा उत्तर प्रदेश और सचिव, प्राविधिक शिक्षा विभाग की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे पहले वे सचिव, नियोजन विभाग और महानिदेशक, अर्थ एवं संख्या विभाग में कार्यरत थीं।
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उनके अनुभव और प्रशासनिक क्षमता को देखते हुए यह पदभार उन्हें सौंपा गया है। अब उनके अधीन तकनीकी शिक्षा की योजनाओं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और सरकारी परियोजनाओं का समन्वय और अधिक सुदृढ़ होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि उनकी नियुक्ति से तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता और पारदर्शिता दोनों बढ़ेंगे।
समीर वर्मा की वापसी, मिली अहम जिम्मेदारी
आईएएस समीर वर्मा, जो लंबे समय से प्रतीक्षा सूची में थे, को अब सचिव, नियोजन विभाग और महानिदेशक, अर्थ एवं संख्या विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। यह वही पद है जो पहले सेल्वा कुमारी जे संभाल रही थीं।
समीर वर्मा की वापसी से विभाग में योजनाओं के संचालन और आंकड़ों के विश्लेषण में तेजी आने की उम्मीद है। उनके अनुभव और रणनीतिक दृष्टिकोण के कारण विभिन्न सरकारी योजनाओं की समीक्षा और उनका निष्पादन और प्रभावी होगा।
प्रभु नारायण सिंह को परिवहन विभाग की कमान
आईएएस प्रभु नारायण सिंह, जो लंबे समय से प्रतीक्षा सूची में थे, को प्रबंध निदेशक, यूपी राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) बनाया गया है। यह वही पद है जिसे पहले मासूम अली सरवर संभाल रहे थे।
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सरकार की अपेक्षा है कि सिंह जी राज्य की बस सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए नई नीतियां तैयार करेंगे, बसों की संख्या और समय-सारणी में सुधार करेंगे, और यात्रियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराएंगे। उनके अनुभव से परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली में दक्षता और पारदर्शिता बढ़ेगी।
आशीष कुमार को पर्यटन निगम की जिम्मेदारी
आईएएस आशीष कुमार को प्रबंध निदेशक, यूपी राज्य पर्यटन विकास निगम नियुक्त किया गया है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यह कदम अहम माना जा रहा है।
कुमार जी अब उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थलों, सांस्कृतिक धरोहरों और पर्यटन परियोजनाओं के विकास की जिम्मेदारी संभालेंगे। उनकी रणनीतियों से राज्य में पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने और स्थानीय लोगों को रोजगार देने में मदद मिलने की उम्मीद है।
सुधीर कुमार बने विशेष सचिव, स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन
अब तक नगर आयुक्त, कानपुर नगर के पद पर कार्यरत आईएएस सुधीर कुमार को विशेष सचिव, स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग तथा अपर महानिदेशक, निबंधन उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है।
सरकार को उम्मीद है कि उनकी प्रशासनिक क्षमता और अनुभव से इस विभाग की कार्यप्रणाली अधिक संगठित और पारदर्शी होगी। भूमि और संपत्ति से जुड़ी प्रक्रिया में सुधार और जनता को बेहतर सेवा उपलब्ध कराना उनकी प्राथमिकता होगी।
अर्पित उपाध्याय बने नए नगर आयुक्त, कानपुर
आईएएस अर्पित उपाध्याय, जो रायबरेली में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) के पद पर कार्यरत थे, अब कानपुर नगर के नगर आयुक्त बनाए गए हैं।
उनकी जिम्मेदारी शहर के विकास कार्यों, स्वच्छता अभियानों और नागरिक सुविधाओं को और तेज करने की होगी। उपाध्याय के नेतृत्व में कानपुर शहर में योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन और प्रशासनिक सुधार देखने को मिल सकते हैं।
अंजुलता को रायबरेली की कमान
आईएएस अंजुलता, जो अब तक मुरादाबाद विकास प्राधिकरण में कार्यरत थीं, को मुख्य विकास अधिकारी, रायबरेली बनाया गया है।
सरकार को उनसे विकास योजनाओं को तेज़ी से आगे बढ़ाने और स्थानीय प्रशासन को मजबूत करने की उम्मीद है। उनकी नियुक्ति से ग्रामीण और शहरी विकास के कार्यक्रमों में गति आएगी।
सरकार का उद्देश्य – तेज और पारदर्शी प्रशासन
योगी सरकार का यह प्रशासनिक फेरबदल साफ तौर पर यह संदेश देता है कि सरकार बेहतर शासन, जवाबदेही और कार्यकुशल प्रशासन पर जोर दे रही है। हर अफसर को उनके अनुभव के अनुसार नई जिम्मेदारी दी गई है, ताकि विभागीय कार्यों में गति, दक्षता और पारदर्शिता लाई जा सके।
इस फेरबदल से न केवल विभागों की कार्यप्रणाली में सुधार होगा, बल्कि जनता से जुड़े कार्यों की निगरानी और सख्ती भी बढ़ेगी। सरकारी योजनाओं की समीक्षा, आंकड़ों का विश्लेषण और प्रभावी कार्यान्वयन अब और अधिक व्यवस्थित ढंग से होगा।
साफ है कि योगी सरकार प्रशासनिक मजबूती और जनसेवा के लिए लगातार काम कर रही है। यह बदलाव राज्य के प्रशासन को और अधिक सक्षम बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। जनता को उम्मीद है कि इन नियुक्तियों से शासन में तेजी और जवाबदेही के नए मानक स्थापित होंगे।
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