At least Nine Devotees: आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम ज़िले के कसिबुग्गा स्थित प्रसिद्ध वेङ्कटेश्वर मंदिर में शनिवार सुबह श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच भगदड़ मच गई। इस दर्दनाक हादसे में कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल बताए जा रहे हैं। मरने वालों में दो छोटे बच्चे भी शामिल हैं।मंदिर परिसर में शनिवार को हमेशा की तरह भारी भीड़ उमड़ी थी। बताया जा रहा है कि श्रद्धालु दर्शन के लिए कतारों में खड़े थे, तभी अचानक एक रेलिंग टूट गई, जिससे लोगों का संतुलन बिगड़ गया और वे एक-दूसरे के ऊपर गिर पड़े। देखते ही देखते माहौल अफरा-तफरी में बदल गया।
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मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने जताया शोक
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा –
‘इस दर्दनाक घटना में श्रद्धालुओं की मौत अत्यंत हृदयविदारक है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूं।’
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि घायलों को तत्काल और उचित इलाज उपलब्ध कराया जाए और राहत कार्यों में कोई ढिलाई न बरती जाए। उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को मौके पर पहुँचकर राहत व्यवस्था की निगरानी करने को कहा है।
तेजी से जारी हैं राहत और बचाव कार्य
घटना के तुरंत बाद पुलिस, अग्निशमन दल और स्वास्थ्य विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं। घायलों को पास के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मंदिर परिसर को फिलहाल श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है, और प्रशासन भीड़ को नियंत्रित करने में जुटा है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगदड़ इतनी अचानक मची कि कुछ लोग संभल भी नहीं पाए। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब रेलिंग टूटी, तो भीड़ आगे बढ़ने की कोशिश में अनियंत्रित हो गई, जिससे कई लोग गिर गए और दम घुटने से मौत हो गई।
श्रद्धा के बीच हादसों का सिलसिला
यह घटना इस साल आंध्र प्रदेश में तीसरी बड़ी मंदिर दुर्घटना है। इससे पहले भी कई जगह भीड़ प्रबंधन में लापरवाही देखने को मिली है।
- 30 अप्रैल 2025 को विशाखापत्तनम के सिम्हाचलम मंदिर में एक दीवार गिरने से 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। यह हादसा अक्षय तृतीया पर्व के दिन हुआ था, जब हजारों की संख्या में भक्त टिकट काउंटर पर जमा थे।
- 8 जनवरी 2025 को तिरुमाला तिरुपति बालाजी मंदिर में विशेष दर्शन टिकट के वितरण के दौरान भगदड़ मच गई थी, जिसमें 6 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए थे।
इन घटनाओं के बाद भी भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन लगता है कि प्रशासन ने सबक नहीं सीखा।
कसिबुग्गा मंदिर: आस्था का बड़ा केंद्र
कसिबुग्गा का श्री वेङ्कटेश्वर मंदिर लगभग 12 एकड़ में फैला हुआ है और यह न सिर्फ श्रीकाकुलम बल्कि पूरे दक्षिण भारत के श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पवित्र स्थल माना जाता है। सप्ताहांत पर यहाँ हजारों की संख्या में भक्त आते हैं।
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स्थानीय लोगों के अनुसार, इस मंदिर में प्रत्येक शनिवार को विशेष पूजा होती है, जिसके कारण इस दिन भीड़ सामान्य से कई गुना अधिक थी। लेकिन उचित प्रबंधन और सुरक्षा इंतज़ामों के अभाव में यह आस्था का स्थल आज शोक का केंद्र बन गया।
पड़ोसी राज्य में भी हुआ था बड़ा हादसा
यह त्रासदी ऐसे समय आई है जब तमिलनाडु में कुछ दिन पहले ही एक राजनीतिक रैली में भगदड़ से 41 लोगों की मौत हुई थी। लगातार हो रही ऐसी घटनाएँ प्रशासनिक लापरवाही और भीड़ प्रबंधन की कमजोरी को उजागर कर रही हैं।
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हादसे से सबक लेने की जरूरत
कसिबुग्गा वेङ्कटेश्वर मंदिर की यह घटना फिर एक सवाल खड़ा करती है क्या हमारी धार्मिक आस्था और भीड़ व्यवस्था एक साथ चल सकती है? प्रशासन और मंदिर समितियों को अब सुरक्षा के सख्त मानक तय करने होंगे। श्रद्धालुओं की जान की कीमत किसी भी आयोजन से बड़ी है।
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